ETV Bharat / bharat

डेढ़ महीने में तैयार हुआ 'मेड इन इंडिया कोविड-19 टेस्ट किट' - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच वायरस की जांच को लेकर भारत को बड़ी सफलता मिली है. देश में कोविड-19 की जांच करने वाली किट तैयार हो गई है. पुणे की एक कंपनी जल्द ही अपने संयंत्र से टेस्ट किट तैयार करने लगेगी.

indigenous corona kit
प्रतीकात्मक फोटो
author img

By

Published : Mar 29, 2020, 12:54 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम में भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी है. देश में सिर्फ डेढ़ महीने के भीतर कोविड-19 की जांच के लिए 'मेड इन इंडिया टेस्ट किट' तैयार हो गई है. डॉक्टर हंसमुख रावल के नेतृत्व में टॉप बायोटेक्नॉलॉजिस्ट की एक कोर टीम ने डेढ़ महीने के भीतर इस किट को विकसित किया और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से सोमवार को इसे अनुमोदन प्राप्त हुआ.

स्वदेश निर्मित टेस्ट किट के परिणाम केवल 2.5 घंटे में सामने आ जाते हैं, जबकि आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण की जांच के नतीजे आने में 6 से 8 घंटों का समय लगता है.

डॉक्टर रावल ने कहा, 'हमने मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया और परिणाम काफी सटीक आए. हमने डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ संगठन) के नवीनतम पैरामीटर का पालन किया.'

भारत में कोविड-19 के टेस्टिंग किट को विकसित करने की योजना पर रावल ने कहा कि जैसे ही चीन में महामारी का प्रकोप बढ़ा, पुणे की उनकी लैब के वैज्ञनिक इसको बनाने में जुट गए.

डॉक्टर रावल ने कहा, 'बायोटेक्नोलॉजिस्ट डॉ. गौतम वानखेड़े, डॉ. शेफाली और कई अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ जनवरी (दो महीने पहले) में हमने अपनी कोर टीम की एक बैठक की. हमारी टीम को पैथोजन का पता लगाने और वायरल लोड मॉनिटरिंग के लिए डायग्नोस्टिक्स किट विकसित करने का अनुभव था, इसलिए हमारे पास विशेषज्ञता थी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम तेजी से शुरू हुआ.'

पढ़ें-कोरोना : पुणे में पहली टेस्टिंग किट विकसित, 100 लोगों की हो सकेगी जांच

उन्होंने कहा, 'कुछ ही दिनों में चीजे साफ होने लगी और कुछ हफ्तों में हमें पता चल चुका था कि हमारे बायोटेक्नोलॉजिस्ट किट को विकसित करने में सफल हो गए हैं.'

रावल ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सोमवार सुबह ही उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आईसीएमआर का एप्रूवल मिला.

बायोटेक्नोलॉजिस्ट ने कहा कि कोई भी कंपनी यह दावा कर सकती है कि उसने एक टेस्ट किट विकसित किया है, लेकिन कई मापदंड पूरे करने होते हैं और आखिरकार बहुत ही सटीक परिणाम देने में सक्षम उत्पाद को ही सरकार द्वारा मंजूरी दी जाती है.

रावल ने सूचित कर कहा, 'हमने कोविड-19 के लिए विकसित टेस्ट किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के शीर्ष केंद्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सौंपा.'

उन्होंने कहा, 'व्यापक परीक्षणों के बाद, हमें 23 मार्च को आईसीएमआर का पत्र मिला. दूसरे शब्दों में, हमें परीक्षण किटों के निर्माण के लिए स्वीकृति मिली. (आईएएनएस)

नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम में भारत को बड़ी सफलता हाथ लगी है. देश में सिर्फ डेढ़ महीने के भीतर कोविड-19 की जांच के लिए 'मेड इन इंडिया टेस्ट किट' तैयार हो गई है. डॉक्टर हंसमुख रावल के नेतृत्व में टॉप बायोटेक्नॉलॉजिस्ट की एक कोर टीम ने डेढ़ महीने के भीतर इस किट को विकसित किया और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से सोमवार को इसे अनुमोदन प्राप्त हुआ.

स्वदेश निर्मित टेस्ट किट के परिणाम केवल 2.5 घंटे में सामने आ जाते हैं, जबकि आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण की जांच के नतीजे आने में 6 से 8 घंटों का समय लगता है.

डॉक्टर रावल ने कहा, 'हमने मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया और परिणाम काफी सटीक आए. हमने डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ संगठन) के नवीनतम पैरामीटर का पालन किया.'

भारत में कोविड-19 के टेस्टिंग किट को विकसित करने की योजना पर रावल ने कहा कि जैसे ही चीन में महामारी का प्रकोप बढ़ा, पुणे की उनकी लैब के वैज्ञनिक इसको बनाने में जुट गए.

डॉक्टर रावल ने कहा, 'बायोटेक्नोलॉजिस्ट डॉ. गौतम वानखेड़े, डॉ. शेफाली और कई अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ जनवरी (दो महीने पहले) में हमने अपनी कोर टीम की एक बैठक की. हमारी टीम को पैथोजन का पता लगाने और वायरल लोड मॉनिटरिंग के लिए डायग्नोस्टिक्स किट विकसित करने का अनुभव था, इसलिए हमारे पास विशेषज्ञता थी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट का काम तेजी से शुरू हुआ.'

पढ़ें-कोरोना : पुणे में पहली टेस्टिंग किट विकसित, 100 लोगों की हो सकेगी जांच

उन्होंने कहा, 'कुछ ही दिनों में चीजे साफ होने लगी और कुछ हफ्तों में हमें पता चल चुका था कि हमारे बायोटेक्नोलॉजिस्ट किट को विकसित करने में सफल हो गए हैं.'

रावल ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सोमवार सुबह ही उन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आईसीएमआर का एप्रूवल मिला.

बायोटेक्नोलॉजिस्ट ने कहा कि कोई भी कंपनी यह दावा कर सकती है कि उसने एक टेस्ट किट विकसित किया है, लेकिन कई मापदंड पूरे करने होते हैं और आखिरकार बहुत ही सटीक परिणाम देने में सक्षम उत्पाद को ही सरकार द्वारा मंजूरी दी जाती है.

रावल ने सूचित कर कहा, 'हमने कोविड-19 के लिए विकसित टेस्ट किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के शीर्ष केंद्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सौंपा.'

उन्होंने कहा, 'व्यापक परीक्षणों के बाद, हमें 23 मार्च को आईसीएमआर का पत्र मिला. दूसरे शब्दों में, हमें परीक्षण किटों के निर्माण के लिए स्वीकृति मिली. (आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.