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यूएई में रह रहे भारतीयों को डरने की कोई जरूरत नहीं : राजकुमारी कासेमी

वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूएई में रह रहे भारतीयों को किसी बात की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां वह किसी भी राजनीतिक षडयंत्र का शिकार नहीं होंगे. जानें, और क्या कुछ बोलीं राजकुमारी...

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राजकुमारी हेंद अल कासेमी
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Published : Apr 23, 2020, 12:16 AM IST

Updated : Apr 23, 2020, 9:33 AM IST

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस महामारी के दौरान कथित इस्लामोफोबिया को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में नाराजगी देखने को मिली. बीते कुछ दिनों में यूएई के शाही परिवारों के धार्मिक विद्वान सदस्यों ने भारत में फैल रही नफरत पर सरकार से काबू करने की भी बात कही.

इसी कड़ी में यूएई के शाही परिवार की सदस्य और मुखर आलोचक राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) का कहना है कि भारत में नफरत बहुत बढ़ गई है.

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत गांधी का देश है, उनके पास भगवद् गीता भी है और वह भारत में अपनी पिछली यात्रा के दौरान योग शिविरों में भाग भी ले चुकीं हैं.

इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूएई में नफरत भरा भाषण एक बड़ा अपराध है और इसके दोषी को कानून द्वारा बख्शा नहीं जाएगा.

राजकुमारी हेंद अल कासेमी से हुई बातचीत

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खाड़ी देशों में 90 लाख भारतीय प्रवासियों में से अधिकतर संयुक्त अरब अमीरात में हैं, जिनकी संख्या करीब 33 लाख है. उन्होंने कहा कि वे सब परिश्रमी और ईमानदार हैं और उन्हें आसानी से वीजा दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे भारतीय लोगों को किसी बात की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां वे किसी भी राजनीतिक षडयंत्र का शिकार नहीं होंगे.

उन्होंने तर्क दिया कि जब भारत वुहान से जन्मे कोरोना वायरस को चीनी वायरस नहीं कह रहा है, जब दुनिया सदियों से अलग-अलग महामारियों के दौर से गुजरकर आ चुकी है, जब अब भी कई अमेरिकी सामाजिक दूरी बनाए रखने से इनकार कर रहे हैं तो सिर्फ चंद उन लोगों की वजह से जो हदीस को नहीं मान रहे, क्या पूरी मुसलमान कौम को कलंकित करना सही है?

दुबई से स्मिता शर्मा से बात करते हुए, राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) ने कहा कि इस्लामोफोबिया आज वास्तविक है और इसलिए आज चीन के उइगरों से लेकर म्यांमार के रोहिंग्याओं तक से नफरत की जा रही है.

उन्होंने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की है कि वह रमजान के पाक महीने में अपने घरों में रहें और नमाज अदा करें.

साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि भारत, जिसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान लाखों मुसलमानों ने अपने घर के रूप में चुना था, आज भी अपने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखेगा.

नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस महामारी के दौरान कथित इस्लामोफोबिया को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में नाराजगी देखने को मिली. बीते कुछ दिनों में यूएई के शाही परिवारों के धार्मिक विद्वान सदस्यों ने भारत में फैल रही नफरत पर सरकार से काबू करने की भी बात कही.

इसी कड़ी में यूएई के शाही परिवार की सदस्य और मुखर आलोचक राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) का कहना है कि भारत में नफरत बहुत बढ़ गई है.

उन्होंने कहा कि भारत के लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत गांधी का देश है, उनके पास भगवद् गीता भी है और वह भारत में अपनी पिछली यात्रा के दौरान योग शिविरों में भाग भी ले चुकीं हैं.

इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यूएई में नफरत भरा भाषण एक बड़ा अपराध है और इसके दोषी को कानून द्वारा बख्शा नहीं जाएगा.

राजकुमारी हेंद अल कासेमी से हुई बातचीत

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खाड़ी देशों में 90 लाख भारतीय प्रवासियों में से अधिकतर संयुक्त अरब अमीरात में हैं, जिनकी संख्या करीब 33 लाख है. उन्होंने कहा कि वे सब परिश्रमी और ईमानदार हैं और उन्हें आसानी से वीजा दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे भारतीय लोगों को किसी बात की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. यहां वे किसी भी राजनीतिक षडयंत्र का शिकार नहीं होंगे.

उन्होंने तर्क दिया कि जब भारत वुहान से जन्मे कोरोना वायरस को चीनी वायरस नहीं कह रहा है, जब दुनिया सदियों से अलग-अलग महामारियों के दौर से गुजरकर आ चुकी है, जब अब भी कई अमेरिकी सामाजिक दूरी बनाए रखने से इनकार कर रहे हैं तो सिर्फ चंद उन लोगों की वजह से जो हदीस को नहीं मान रहे, क्या पूरी मुसलमान कौम को कलंकित करना सही है?

दुबई से स्मिता शर्मा से बात करते हुए, राजकुमारी हेंद अल कासेमी (Princess Hend Al Qassemi) ने कहा कि इस्लामोफोबिया आज वास्तविक है और इसलिए आज चीन के उइगरों से लेकर म्यांमार के रोहिंग्याओं तक से नफरत की जा रही है.

उन्होंने दुनियाभर के मुसलमानों से अपील की है कि वह रमजान के पाक महीने में अपने घरों में रहें और नमाज अदा करें.

साथ ही उन्होंने उम्मीद भी जताई कि भारत, जिसे भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान लाखों मुसलमानों ने अपने घर के रूप में चुना था, आज भी अपने धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखेगा.

Last Updated : Apr 23, 2020, 9:33 AM IST
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