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रातों को चैन की नींद सोने में भारतीय सबसे आगे: सर्वे - sleeping habits of indians

रातों को चैन की नींद हर किसी को प्यारी होती है. बिना टेंशन के सोना और सुबह एकदम फ्रेश उठने की हर किसी को हर रात चाहत होती है. दुनिया में रात को अच्छी नींद लेने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं.

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Published : Aug 19, 2019, 8:36 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 11:52 AM IST

नई दिल्ली: दुनिया में रात को अच्छी नींद लेने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. इसके बाद सऊदी अरब और चीन का स्थान है. भारत में बहुत से लोग सबसे अच्छी नींद लेते हैं. एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. फिलिप्स की ओर से ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म केजेटी ग्रुप ने 12 देशों के 18 वर्ष और उससे ऊपर के 11,006 लोगों पर सर्वे किया. मोटे तौर पर सर्वे में पाया गया कि दुनिया भर के 62 प्रतिशत वयस्कों ने माना है कि रात को जब वे सोने जाते हैं तो उन्हें अच्छी नींद नहीं आती है.

अनिद्रा की आदत को लेकर सबसे सबसे बुरी हालत दक्षिण कोरिया की और उसके बाद जापान की है. विश्व के वयस्क हफ्ते में रात के दौरान औसतन 6.8 घंटे की नींद लेते हैं. वहीं वे छुट्टी के दिन रात को 7.8 घंटे की नींद लेते हैं.

सर्वे में पता चला है कि प्रत्येक दिन आठ घंटे की नींद पूरी करने के लिए 10 में से छह वयस्क (63 प्रतिशत) सप्ताहांत में अधिक सोते हैं. 10 में से चार लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों में उनकी नींद में गड़बड़ी आई है.

हलांकि, 26 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उनकी नींद अच्छी हुई है, जबकि 31 प्रतिशत ने कहा है कि उनकी नींद लेने की आदतों में कोई बदलाव नहीं आया है. फिलिप्स ग्लोबल स्लीप सर्वे 2019 के अनुसार, कनाडा (63 प्रतिशत) और सिंगापुर (61 प्रतिशत) में लोगों को सबसे ज्यादा नींद से जुड़ी समस्याएं हैं.

नींद को प्रभावित करने में जीवनशैली का भी बहुत बड़ा हाथ है. दुनिया में नींद को प्रभावित करने के पांच मुख्य कारण है : चिंता/तनाव (54 प्रतिशत), पर्यावरण (40 प्रतिशत), कार्य व स्कूल का शेड्यूल (37 प्रतिशत), मनोरंजन (36 प्रतिशत) और स्वास्थ्य कारण (32 प्रतिशत). स्वस्थ रहने और हालचाल ठीक रखने में नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है.

नई दिल्ली: दुनिया में रात को अच्छी नींद लेने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. इसके बाद सऊदी अरब और चीन का स्थान है. भारत में बहुत से लोग सबसे अच्छी नींद लेते हैं. एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है. फिलिप्स की ओर से ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म केजेटी ग्रुप ने 12 देशों के 18 वर्ष और उससे ऊपर के 11,006 लोगों पर सर्वे किया. मोटे तौर पर सर्वे में पाया गया कि दुनिया भर के 62 प्रतिशत वयस्कों ने माना है कि रात को जब वे सोने जाते हैं तो उन्हें अच्छी नींद नहीं आती है.

अनिद्रा की आदत को लेकर सबसे सबसे बुरी हालत दक्षिण कोरिया की और उसके बाद जापान की है. विश्व के वयस्क हफ्ते में रात के दौरान औसतन 6.8 घंटे की नींद लेते हैं. वहीं वे छुट्टी के दिन रात को 7.8 घंटे की नींद लेते हैं.

सर्वे में पता चला है कि प्रत्येक दिन आठ घंटे की नींद पूरी करने के लिए 10 में से छह वयस्क (63 प्रतिशत) सप्ताहांत में अधिक सोते हैं. 10 में से चार लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों में उनकी नींद में गड़बड़ी आई है.

हलांकि, 26 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उनकी नींद अच्छी हुई है, जबकि 31 प्रतिशत ने कहा है कि उनकी नींद लेने की आदतों में कोई बदलाव नहीं आया है. फिलिप्स ग्लोबल स्लीप सर्वे 2019 के अनुसार, कनाडा (63 प्रतिशत) और सिंगापुर (61 प्रतिशत) में लोगों को सबसे ज्यादा नींद से जुड़ी समस्याएं हैं.

नींद को प्रभावित करने में जीवनशैली का भी बहुत बड़ा हाथ है. दुनिया में नींद को प्रभावित करने के पांच मुख्य कारण है : चिंता/तनाव (54 प्रतिशत), पर्यावरण (40 प्रतिशत), कार्य व स्कूल का शेड्यूल (37 प्रतिशत), मनोरंजन (36 प्रतिशत) और स्वास्थ्य कारण (32 प्रतिशत). स्वस्थ रहने और हालचाल ठीक रखने में नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है.

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रात को अच्छी नींद लेने में भारतीय सबसे आगे : सर्वे



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नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)| दुनिया में रात को अच्छी नींद लेने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं। इसके बाद सऊदी अरब और चीन का स्थान है। भारत में बहुत से लोग सबसे अच्छी नींद लेते हैं। एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है। फिलिप्स की ओर से ग्लोबल मार्केट रिसर्च फर्म केजेटी ग्रुप ने 12 देशों के 18 वर्ष और उससे ऊपर के 11,006 लोगों पर सर्वे किया। मोटे तौर पर सर्वे में पाया गया कि दुनिया भर के 62 प्रतिशत वयस्कों ने माना है कि रात को जब वे सोने जाते हैं तो उन्हें अच्छी नींद नहीं आती है।



अनिद्रा की आदत को लेकर सबसे सबसे बुरी हालत दक्षिण कोरिया की और उसके बाद जापान की है।



विश्व के वयस्क हफ्ते में रात के दौरान औसतन 6.8 घंटे की नींद लेते हैं। वहीं वे छुट्टी के दिन रात को 7.8 घंटे की नींद लेते हैं।



सर्वे में पता चला है कि प्रत्येक दिन आठ घंटे की नींद पूरी करने के लिए 10 में से छह वयस्क (63 प्रतिशत) सप्ताहांत में अधिक सोते हैं।



10 में से चार लोगों का कहना है कि पिछले पांच सालों में उनकी नींद में गड़बड़ी आई है।



हलांकि, 26 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उनकी नींद अच्छी हुई है, जबकि 31 प्रतिशत ने कहा है कि उनकी नींद लेने की आदतों में कोई बदलाव नहीं आया है।



फिलिप्स ग्लोबल स्लीप सर्वे 2019 के अनुसार, कनाडा (63 प्रतिशत) और सिंगापुर (61 प्रतिशत) में लोगों को सबसे ज्यादा नींद से जुड़ी समस्याएं हैं।



नींद को प्रभावित करने में जीवनशैली का भी बहुत बड़ा हाथ है। दुनिया में नींद को प्रभावित करने के पांच मुख्य कारण है : चिंता/तनाव (54 प्रतिशत), पर्यावरण (40 प्रतिशत), कार्य व स्कूल का शेड्यूल (37 प्रतिशत), मनोरंजन (36 प्रतिशत) और स्वास्थ्य कारण (32 प्रतिशत)।



स्वस्थ रहने और हालचाल ठीक रखने में नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।


Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 11:52 AM IST
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