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करतारपुर के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना आवश्यक : PAK सेना

पाकिस्तान के आईएसपीआर प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में जाने के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है. जानें विस्तार से...

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Published : Nov 7, 2019, 2:39 PM IST

इस्लामाबाद : आईएसपीआर प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में जाने के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है.

बता दें कि सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा.

स्थानीय समाचार पत्र ने बुधवार को सेना के मीडिया विंग के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक गफूर के बयान के हवाले से कहा, 'सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश प्रक्रिया पासपोर्ट-आधारित पहचान के तहत होगी. सुरक्षा या संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.'

मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से लोकप्रिय करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के वहां जा सकते हैं. गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का पवित्र धर्मस्थल है, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 18 साल बिताए थे और वहीं अपने प्राण त्यागे थे.

इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती को यादगार बनाने को लेकर इस कॉरिडोर की स्थापना की गई है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्विटर पर करतारपुर कॉरिडोर के पूरे होने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उन्होंने आगंतुकों को अपने साथ पहचान पत्र के तौर पर पासपोर्ट लाने और पूर्व पंजीकरण में छूट देने की बात कही थी.

ये भी पढ़ें : करतारपुर गलियारा खोलने के पीछे पाक का छुपा एजेंडा : कैप्टन अमरिंदर

वहीं पाकिस्तान सरकार ने भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर कॉरिडोर में प्रवेश करने के लिए 20 डॉलर के प्रवेश शुल्क से भी राहत प्रदान की है.

इस्लामाबाद : आईएसपीआर प्रमुख मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में जाने के लिए भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के पास पासपोर्ट होना अनिवार्य है.

बता दें कि सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले शनिवार को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा.

स्थानीय समाचार पत्र ने बुधवार को सेना के मीडिया विंग के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक गफूर के बयान के हवाले से कहा, 'सुरक्षा के लिहाज से प्रवेश प्रक्रिया पासपोर्ट-आधारित पहचान के तहत होगी. सुरक्षा या संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा.'

मूल रूप से गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से लोकप्रिय करतारपुर कॉरिडोर के जरिए भारतीय सिख श्रद्धालु बिना वीजा के वहां जा सकते हैं. गुरुद्वारा दरबार साहिब सिखों का पवित्र धर्मस्थल है, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपनी जिंदगी के आखिरी 18 साल बिताए थे और वहीं अपने प्राण त्यागे थे.

इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक देव की 550वीं जयंती को यादगार बनाने को लेकर इस कॉरिडोर की स्थापना की गई है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्विटर पर करतारपुर कॉरिडोर के पूरे होने की घोषणा की थी. इसके साथ ही उन्होंने आगंतुकों को अपने साथ पहचान पत्र के तौर पर पासपोर्ट लाने और पूर्व पंजीकरण में छूट देने की बात कही थी.

ये भी पढ़ें : करतारपुर गलियारा खोलने के पीछे पाक का छुपा एजेंडा : कैप्टन अमरिंदर

वहीं पाकिस्तान सरकार ने भारतीय तीर्थयात्रियों को गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर कॉरिडोर में प्रवेश करने के लिए 20 डॉलर के प्रवेश शुल्क से भी राहत प्रदान की है.

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PAK-KARTARPUR-PASSPORT
Indian Sikh pilgrims will require passport to visit Kartarpur: Pak Army
By Sajjad Hussain
         Islamabad, Nov 7 (PTI) Indian Sikh pilgrims visiting the Kartarpur Sahib will need a passport to use the Kartarpur Corridor, which will be inaugurated this week, the Pakistan Army has said, according to a media report on Thursday, days after Prime Minister Imran Khan announced that Indian devotees would only need a valid ID to visit the revered Gurdwara Darbar Sahib.
          The comments by Pakistan Army spokesman Maj Gen Asif Ghafoor came a day after India asked Pakistan to clarify whether passport will be required by the Sikh pilgrims to visit the Gurdwara in Kartarpur.
          The Kartarpur Corridor, which provides a visa-free access to Indian Sikhs to Gurdwara Darbar Sahib, will be inaugurated on Saturday by Prime Minister Imran Khan to mark Sikhism founder Guru Nanak Dev's 550th birth anniversary.
          Maj Gen Ghafoor on Wednesday said that Indian Sikh pilgrims would require a passport to use Kartarpur Corridor, Dawn News quoted Hum News channel as saying.
          "As we have a security link, the entry would be a legal one under a permit on a passport-based identity. There will be no compromise on security or sovereignty," Ghafoor said.
          On Wednesday, India asked Pakistan to clarify whether passport will be required to visit the Kartarpur Sahib.
          On November 1, Prime Minister Khan, while announcing the completion of Kartarpur Corridor on Twitter, said he had waived two requirements relating to passport and registering 10 days in advance for Sikhs coming for pilgrimage to Kartarpur from India.
          He said that Sikh pilgrims from India would only need a valid ID and not a passport to travel to Kartarpur. The service fee of USD 20 dollars for those coming for the inaugural ceremony and on the 550th birth anniversary of the Sikh Guru on November 12 was also abolished.
          The year 2019 marks the 550th birth anniversary year of Sikhism founder Guru Nanak Dev, whose birthplace is Sri Nankana Sahib in Pakistan. The corridor has been established to commemorate his birth anniversary.
          The Kartarpur Corridor will connect the Dera Baba Nanak shrine in India's Punjab with Darbar Sahib at Kartarpur, just 4 kilometres from the International Border, located at Narowal district of Pakistan's Punjab province.
          Notwithstanding a chill in bilateral ties over Kashmir, Pakistan and India after tough negotiations signed a landmark agreement last week to operationalise the historic Kartarpur Corridor to allow Indian Sikh pilgrims to visit the holy Darbar Sahib in Pakistan.
          The two countries decided that 5,000 pilgrims can visit the shrine daily. India and Pakistan have also decided that the corridor will be operational through the year and seven days a week and that pilgrims, except kids and elderly persons, will have a choice to visit it as individuals or in groups. PTI SH SCY AKJ
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