दावोस : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत के मुसलमान विश्व में किसी भी अन्य स्थान से अधिक सुरक्षित हैं. यहां जारी विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक के दौरान गुरुवार को आयोजित सत्र 'सामरिक परिदृश्य: भारत' को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, 'भारत संभवतः विश्व में सर्वाधिक समावेशी समाजों में से एक है.'
आल्प्स पर्वत शृंखलाओं के बीच स्थित स्विस शहर में आयोजित समिट के इस सत्र में गोयल ने कहा, 'भारत ऐसा देश है, जो विविध दृष्टिकोण और मतों का स्वागत करता है. समान अवसर प्रदान करने के संबंध में भारत में मुसलमान विश्व के किसी अन्य भाग की अपेक्षा अधिक सुरक्षित हैं.'
गोयल ने कहा कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जाता. उन्होंने कहा, 'जब हम हर घर में बिजली देते हैं तो हम किसी का रंग या धर्म नहीं पूछते. जब हम हर घर में शौचालय, डिजिटल तकनीक, बैंक खाते, रसोई गैस पहुंचाते हैं तो हम उनका धर्म नहीं पूछते. हमारे सभी कार्यक्रम सभी के लिए बराबर हैं.'
संशोधित नागरिकता कानून का बचाव करते हुए गोयल ने कहा कि धार्मिक आधार पर प्रताड़ना झेल रहे लोगों की रक्षा करना भारत का कर्तव्य है.
रेलवे एवं वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल ने कहा कि भारत वह भूमि है, जिसके पास लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, नेतृत्व, प्रतिभा और अवसर की शक्ति है.
उन्होंने कहा, 'नागरिकता ऐसा विषय है, जिसकी रक्षा प्रत्येक देश करता है, प्रत्येक देश के अपने नियम और नागरिकता कानून होते हैं, जिनका विश्व सम्मान करता है.'
उन्होंने कहा कि विश्व में 57 इस्लामी देश हैं और एक या दो को छोड़कर प्रत्येक देश भारत द्वारा अपने लोगों के लिए धर्म से परे जाकर किए जाने वाले कल्याणकारी कार्य का सम्मान करता है.
यह भी पढ़ें : अखबार पढ़ना, टीवी पर चैट शो देखना बंद कर दिया है : इमरान खान
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के मुद्दे पर गोयल ने कहा कि प्रत्येक देश की अपनी जनसंख्या पंजी है और एनआरसी का सिर्फ हव्वा खड़ा किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश में राजनैतिक विपक्ष होता है. जनसंख्या रजिस्टर ऐसी वस्तु है, जो हर देश में होती है. हर देश जानना चाहता है कि उस देश में कौन रह रहा है. इससे नागरिकता का कोई संबंध नहीं है, यह जनसंख्या से संबंधित है.