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NMC विधेयक, 2019 के विरोध में IMA की देशव्यापी हड़ताल

नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक 2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है. हड़ताल से देश भर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. NMC विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पारित किया गया था. पढ़ें पूरी खबर...

डॉ रविंद्र एस वानखेडकर, IMA के तत्काल पूर्व अध्यक्ष
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Published : Jul 30, 2019, 10:09 PM IST

नई दिल्लीःलोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक (NMC) 2019 पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने विधेयक में कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए बुधवार को 24 घंटे के लिए देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.

हड़ताल सुबह छह बजे से शुरू होगी जिससे देश भर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. हड़ताल में लाखों डॉक्टर, मेडिकल के छात्र और IMA के सदस्य हिस्सा लेंगे. हालांकि, आपातकालीन सुविधाएं, और ICU की सुविधाएं सामान्य रूप से कार्य करेंगी.

डॉ रविंद्र एस वानखेडकर, IMA के तत्काल पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा में अलोकतांत्रिक NMC विधेयक पारित करके देश की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को अंधेरे मे ढकेला जा रहा है.

वानखेडकर ने बताया कि NMC विधेयक की धारा 32 में 3.5 लाख अयोग्य लोगों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है.

जानकारी देते डॉ रविंद्र एस वानखेडकर, IMA के तत्काल पूर्व अध्यक्ष

इस विधेयक में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता (Community Health Provider) को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है. इससे कोई भी जो आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा हुआ है वह NMC में पंजिकृत होकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने का लाईसेंस ले सकता है. इसका मतलब यह है कि बिना चिकित्सा की पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति भी चिकित्सा पद्धति का अभ्यास कर सकता है.

पढ़ें-मॉब लिंचिंग : सुझावों के लिए मंत्री समूह का गठन, अमित शाह करेंगे अध्यक्षता

उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के साथ और भी जो विवादित प्रावधान हैं उनको देश का चिकित्सा संसर्ग कभी स्वीकार नहीं करगा. मेडिकल छात्रों की पीढ़ियों के करियर को प्रभावित करने वाली परीक्षाओं के संबंध में इस विधेयक द्वारा की गई गड़बड़ी को माफ नहीं किया जा सकता है. विधेयक में जो कमियां हैं उनसे राष्ट्र का स्वास्थ्य का प्रभावित होगा.

IMA को NMC विधेयक 2019 की धारा 10(1) पर भी आपत्ति है. यह धारा निजी मेडिकल कालेजों के लिए आरक्षित सीटों और उनके शुल्क संरचना के बारे में बात करती है.

जानकारी के लिए बता दें कि NMC विधेयक 2019, 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में पारित हो गया था. स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि इससे मेडिकस शिक्षा में 'इंस्पेक्टर राज' खत्म हो जाएगा.

गौरतलब है कि NMC 2019 विधेयक में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया अधिनियम-1956 को निरस्त करने और वर्तमान एमसीआई (Medical Council of India) को भंग करने का प्रस्ताव है.

विधेयक में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अंतर्गत कई अन्य निकायों को स्थापित किया जाएगा.

बता दें कि IMA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा है जिसमें NMC विधेयक 2019 को वापस लेने की अपील की गई है.

नई दिल्लीःलोकसभा में नेशनल मेडिकल कमीशन विधेयक (NMC) 2019 पारित होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने विधेयक में कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुए बुधवार को 24 घंटे के लिए देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.

हड़ताल सुबह छह बजे से शुरू होगी जिससे देश भर में स्वस्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी. हड़ताल में लाखों डॉक्टर, मेडिकल के छात्र और IMA के सदस्य हिस्सा लेंगे. हालांकि, आपातकालीन सुविधाएं, और ICU की सुविधाएं सामान्य रूप से कार्य करेंगी.

डॉ रविंद्र एस वानखेडकर, IMA के तत्काल पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा में अलोकतांत्रिक NMC विधेयक पारित करके देश की स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा को अंधेरे मे ढकेला जा रहा है.

वानखेडकर ने बताया कि NMC विधेयक की धारा 32 में 3.5 लाख अयोग्य लोगों को आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान है.

जानकारी देते डॉ रविंद्र एस वानखेडकर, IMA के तत्काल पूर्व अध्यक्ष

इस विधेयक में सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता (Community Health Provider) को ठीक से परिभाषित नहीं किया गया है. इससे कोई भी जो आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा हुआ है वह NMC में पंजिकृत होकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने का लाईसेंस ले सकता है. इसका मतलब यह है कि बिना चिकित्सा की पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति भी चिकित्सा पद्धति का अभ्यास कर सकता है.

पढ़ें-मॉब लिंचिंग : सुझावों के लिए मंत्री समूह का गठन, अमित शाह करेंगे अध्यक्षता

उन्होंने कहा कि इस प्रावधान के साथ और भी जो विवादित प्रावधान हैं उनको देश का चिकित्सा संसर्ग कभी स्वीकार नहीं करगा. मेडिकल छात्रों की पीढ़ियों के करियर को प्रभावित करने वाली परीक्षाओं के संबंध में इस विधेयक द्वारा की गई गड़बड़ी को माफ नहीं किया जा सकता है. विधेयक में जो कमियां हैं उनसे राष्ट्र का स्वास्थ्य का प्रभावित होगा.

IMA को NMC विधेयक 2019 की धारा 10(1) पर भी आपत्ति है. यह धारा निजी मेडिकल कालेजों के लिए आरक्षित सीटों और उनके शुल्क संरचना के बारे में बात करती है.

जानकारी के लिए बता दें कि NMC विधेयक 2019, 29 जुलाई 2019 को लोकसभा में पारित हो गया था. स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कहा कि इससे मेडिकस शिक्षा में 'इंस्पेक्टर राज' खत्म हो जाएगा.

गौरतलब है कि NMC 2019 विधेयक में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया अधिनियम-1956 को निरस्त करने और वर्तमान एमसीआई (Medical Council of India) को भंग करने का प्रस्ताव है.

विधेयक में राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके अंतर्गत कई अन्य निकायों को स्थापित किया जाएगा.

बता दें कि IMA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा है जिसमें NMC विधेयक 2019 को वापस लेने की अपील की गई है.

Intro:New Delhi: A day after Lok Sabha passed the National Medical Commission Bill 2019, Indian Medical Association (IMA) has called for 24-hour nationwide strike on Wednesay opposing certain provisions in the bill.


Body:The strike will start from 6 in the morning affecting medical services across India. Lakhs of doctors, students and IMA members will join the strike across the country.

However, emergency services, casualty, ICU will function normally.

"The Lok Sabha has approved and passed a draconian bill. The healthcare and medical education of the country has been dumped into darkness by approving the undemocratic NBM bill 2019," said Dr Ravindra S Wankhedkar, immediate past president of IMA.

Wankhedkar said that Section 32 of the NMC Bill provides for licensing of 3.5 lakh unqualified non medical persons to practice modern medicine.

"The term community health provider has been vaguely defined to allow anyone connected with modern medicine to get registered in NMC and be licensed to practice modern medicine. This means persons with out medical background are becoming eligible to practice modern medicine and prescribe independently," said Wankhedkar.

He said that this provision and other controversial provisions can never be accepted by the medical fraternity of the country.

The mess created by the Bill regarding the examinations affecting the career of generations of medical students can not be condoned. "The numorous other inconsistencies in the Bill will seriously affect the health of the nation," he said.


Conclusion:The IMA has also reservation over Section 10 (1) of the NMC Bill which talks about seats reserved for private medical colleges and it's fee structure.

As the NMC Bill 2019 passed in the Lokn Sabha on Monday, Health Minister Dr Harsh Vardhan said that this will end "Inspector Raj" in medical education.

The Bill proposes to repeal the Medical Council of India Act 1956 and dissolve the current MCI. The Bill has proposed to set up a National Medical Council (NMC) as an umbrella regulatory body with certain other bodies under it.

The IMA, however, has also submitted a memorandum to Prime Minister Narendra Modi appealing him to withdraw the NMC Bill 2019.

end.
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