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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए सख्त कदम उठाए भारत : विशेषज्ञ

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ को लेकर अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ डॉ. सुवरो कमल दत्ता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि खैबर में हुई घटना कुछ और नहीं, बल्कि एक बेशर्म, बर्बरता और गुंडागर्दी है, जो पाकिस्तानी द्वारा किया जा रहा है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भारत को पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है.

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Published : Jan 2, 2021, 10:38 PM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने रातभर की गई छापेमारी के दौरान 10 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है.

इस बीच मंदिर में तोड़फोड़ किए जाने पर भारत ने पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि भारत ने यह उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान इस घटना की जांच कराएगा. साथ ही, जांच रिपोर्ट भारत के साथ साझा करने को भी कहा गया है.

इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ और थिंक टैंक के सलाहकार डॉ. सुवरो कमल दत्ता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि खैबर में हुई घटना कुछ और नहीं, बल्कि एक बेशर्म, बर्बरता और गुंडागर्दी है, जो पाकिस्तानी द्वारा की जा रही है.

यह जिहादी तालिबान तत्वों और आतंकवादी संगठनों द्वारा शुरू की गई हिंसा थी. पाकिस्तान के राजनीतिक स्पेक्ट्रम को आज जिहादी तालिबानी तत्वों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इमरान खान कुछ भी नहीं है, केवल उपद्रवियों और उग्रवादी ताकतों के हाथों की कठपुतली हैं. पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और संप्रदायिक राजनीति करने वाले नेताओं का उग्रवादी संगठन इस तरह की निंदनीय गतिविधियों में शामिल है.

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय चाहे वह हिंदू हो, सिख या जैन, पारसियों का सफाया हो रहा है, वर्तमान में पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की कुल आबादी 2 फीसदी रह गई है.

उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान बना था, तो वहां हिंदुओं की आबादी 23 फीसदी थी, लेकिन अब वहां केवल दो प्रतिशत हिंदू ही बचे हैं. बाकी हिंदू आबादी कहां चली गई? बेशक, उनमें से एक बड़ा हिस्सा वास्तव में भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में चला गया है, लेकिन फिर भी, एक व्यवस्थित तरीके से जातीय सफाई हुई है.

कमल दत्ता ने आगे कहा कि मजबूरन धर्मांतरण हो रहा है और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हिंदू मंदिर पर हमला एक और घटिया घटना है.

पढ़ें - पाकिस्तान : हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ मामले में 10 और आरोपी गिरफ्तार

भारत सरकार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए कि इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ आगे बर्बरता की जाती है, तो अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए भारत कार्रवाई करेगा.

दत्ता ने कहा कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत को बहुस्तरीय पर मुखर होना होगा.

नई दिल्ली : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर में की गई तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने रातभर की गई छापेमारी के दौरान 10 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है.

इस बीच मंदिर में तोड़फोड़ किए जाने पर भारत ने पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि भारत ने यह उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान इस घटना की जांच कराएगा. साथ ही, जांच रिपोर्ट भारत के साथ साझा करने को भी कहा गया है.

इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ और थिंक टैंक के सलाहकार डॉ. सुवरो कमल दत्ता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि खैबर में हुई घटना कुछ और नहीं, बल्कि एक बेशर्म, बर्बरता और गुंडागर्दी है, जो पाकिस्तानी द्वारा की जा रही है.

यह जिहादी तालिबान तत्वों और आतंकवादी संगठनों द्वारा शुरू की गई हिंसा थी. पाकिस्तान के राजनीतिक स्पेक्ट्रम को आज जिहादी तालिबानी तत्वों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि इमरान खान कुछ भी नहीं है, केवल उपद्रवियों और उग्रवादी ताकतों के हाथों की कठपुतली हैं. पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और संप्रदायिक राजनीति करने वाले नेताओं का उग्रवादी संगठन इस तरह की निंदनीय गतिविधियों में शामिल है.

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय चाहे वह हिंदू हो, सिख या जैन, पारसियों का सफाया हो रहा है, वर्तमान में पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की कुल आबादी 2 फीसदी रह गई है.

उन्होंने बताया कि जब पाकिस्तान बना था, तो वहां हिंदुओं की आबादी 23 फीसदी थी, लेकिन अब वहां केवल दो प्रतिशत हिंदू ही बचे हैं. बाकी हिंदू आबादी कहां चली गई? बेशक, उनमें से एक बड़ा हिस्सा वास्तव में भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में चला गया है, लेकिन फिर भी, एक व्यवस्थित तरीके से जातीय सफाई हुई है.

कमल दत्ता ने आगे कहा कि मजबूरन धर्मांतरण हो रहा है और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हिंदू मंदिर पर हमला एक और घटिया घटना है.

पढ़ें - पाकिस्तान : हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ मामले में 10 और आरोपी गिरफ्तार

भारत सरकार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देनी चाहिए कि इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ आगे बर्बरता की जाती है, तो अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए भारत कार्रवाई करेगा.

दत्ता ने कहा कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत को बहुस्तरीय पर मुखर होना होगा.

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