नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) के जवान लगातार जमीनी स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान एनडीआरएफ के जरिए बड़े स्तर पर जिले को सैनिटाइज किया गया. वहीं जवानों ने झुग्गी-बस्तियों में जाकर गरीब लोगों को राशन, मास्क सैनिटाइजर भी वितरित किए. या फिर यूं कहें की मुसीबत के समय में एनडीआरएफ के जवानों ने देश की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
श्वानों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग
गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर स्थित एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन में विभिन्न विभागों से डेपुटेशन पर एनडीआरएफ में शामिल हुई महिलाओं को आपदा के दौरान रेस्क्यू करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही बटालियन में देसी श्वानों(देसी कुत्तों) को भी शामिल किया गया है. एनडीआरएफ के जवानों द्वारा श्वानों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है. एनडीआरएफ के कमांडेंट प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के श्वानों को पालने का आह्वान किया था.
श्वानों को रेस्क्यू ऑपरेशन की ट्रेनिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन में देसी श्वानों को शामिल किया गया है. एनडीआरएफ के जवानों द्वारा देसी श्वानों को आपदा के दौरान रेस्क्यू करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. मौजूदा समय में एनडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान विदेशी नस्ल के जवानों की मदद ली जाती है. देसी श्वानों को रेस्क्यू ऑपरेशन की ट्रेनिंग देने के बाद एनडीआरएफ की निर्भरता विदेशी श्वानों पर कम हो जाएगी. मौजूदा समय में चार देसी श्वानों को ट्रैनिंग दी जा रही है.
महिलाओं को भी आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग
कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया कि एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन में महिलाओं को आपदा के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. आठवीं बटालियन में मौजूदा समय में 20 महिलाओं को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग के दो फेस पूरे हो चुके हैं. जल्द महिलाएं आपदा के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन में अपना योगदान देने के लिए पूरी तरह से प्रशिक्षित हो जाएंगीं.