देहरादून : चीन और नेपाल सीमा से सटे पिथौरागढ़ जिले की धारचुला तहसील को इन दिनों हाई-अलर्ट पर रखा गया है. सीमा पर सुरक्षा की तैयारियों को देखने के लिए सुरक्षा बलों के शीर्ष अधिकारी धारचुला पहुंचे. चीन और नेपाल सीमा का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी और एसएसबी के आईजी और डीआईजी के साथ ही सेना के अधिकारियों ने लीपूपास, कालापानी और नाभीढांग का जायजा लिया.
सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आर्मी के शीर्ष अधिकारी कुछ दिन बॉर्डर पर जवानों के साथ रह सकते हैं. गौरतलब है कि नेपाल बॉर्डर के चप्पे-चप्पे पर एसएसबी ने अपने जवानों की तैनाती कर सुरक्षा कड़ी कर दी है. वहीं गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद लीपूपास में भी आईटीबीपी और भारतीय सेना ने 24 घंटे की कड़ी पेट्रोलिंग कर रहे हैं.
बता दें अभी कुछ दिन पहले ही नेपाल सरकार ने भारत के कालापानी, लीपूपास और लिंपियाधूरा को अपने नक्शे में दिखाया है. इसके अलावा चीनी सैनिकों द्वारा लीपूपास में बैनर लहराकर टीनशेड हटाने की चेतावनी देने की घटना भी सामने आई है. जिसके बाद से नेपाल और चीन बॉर्डर को हाई-अलर्ट पर रखा गया है.
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फिलहाल नेपाल और चीन की तरफ से बॉर्डर पर किसी भी प्रकार की कोई हलचल की सूचना नहीं है. मगर फिर भी भारतीय सुरक्षा बल दोनों सीमाओं पर 24 घंटे कड़ी चौकसी कर पेट्रोलिंग कर रहे हैं. धारचुला के एसडीएम अनिल कुमार शुक्ला का कहना है कि गलवान घाटी में हुई घटना के बाद चीन और नेपाल से सटे धारचुला में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है. साथ ही सीमाओं पर कड़ी निगरानी और पेट्रोलिंग की जा रही है. चीन-नेपाल सीमा पर इस वक्त तनाव का माहौल जरूर है, लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.