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आर्मी बोर्ड ने जारी किया परिणाम, 49 फीसदी महिला अधिकारी सेना में बनी रहेंगी

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Published : Nov 19, 2020, 10:55 PM IST

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को लेकर बनाए गए बोर्ड ने गुरुवार को परिणाम जारी कर दिया है. 615 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिए जाने पर विचार किया जा रहा था.

आर्मी बोर्ड में जारी किया परिणाम
आर्मी बोर्ड में जारी किया परिणाम

नई दिल्ली : सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए बनाए गए पहले आर्मी बोर्ड ने परिणाम जारी कर दिए हैं. बोर्ड के फैसले के बाद सेना की तकरीबन 49 फीसदी महिला अधिकारी सेना में बनी रहेंगी.

सेना के सूत्रों के मुताबिक, 615 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिए जाने पर विचार किया जा रहा था. इनमें से करीब 320 महिला अधिकारी 20 साल की सर्विस के बाद सेवानिवृत्त होंगी. इन महिला अधिकारियों को पेंशन भी मिलेगी.

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति की शुरुआत वर्ष 1990 से हुई. शुरुआत में महिला अधिकारियों को नॉन-मेडिकल जैसे- विमानन, रसद, कानून, इंजीनियरिंग और एक्ज़ीक्यूटिव कैडर में नियमित अधिकारियों के रूप में पांच वर्ष की अवधि के लिये कमीशन दिया जाता था, जिसे समाप्ति पर पांच वर्ष और बढ़ाया जा सकता था. आइए जानते हैं, तिथिवार विवरण.

  • 1990: महिला अधिकारियों को सशस्त्र बलों में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों के रूप में शामिल किया जाने लगा, जिसका अधिकतम कार्यकाल 14 वर्ष था.
  • 2011: सरकार ने एसएससी अधिकारियों को तीन सेवाओं की न्यायिक और शिक्षा शाखाओं में स्थाई कमीशन दिया.
  • 15.08.2018: पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि महिला अधिकारी गैर-लड़ाकू सेवाओं की व्यापक श्रेणी में स्थाई के लिए पात्र होंगी.
  • 25.02.2019: 8 लड़ाकू समर्थन/सेवाओं में नए एसएससी महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए सरकारी आदेश जारी किया.
  • 31.10.2019: सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने बताया कि महिला अधिकारी स्थाई कमीशन के तहत एक विशेष स्ट्रीम का चयन करने के बाद, वे स्ट्रीम के लिए प्रशिक्षण ले सकेंगी. अप्रैल 2020 से महिलाओं के लिए स्थाई आयोग खुला रहेगा.
  • 19.11.2019: महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने सेना से कहा था कि वह उन आठ महिला सेना अधिकारियों के लिए स्थाई कमीशन पर फैसला ले, जिन्होंने 2010 में शीर्ष अदालत से सशस्त्र बलों में उनके अवशोषण पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
  • 17.02.2020: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिलाएं सेना के कमांडरों के रूप में काम कर सकती हैं, सरकार के इस रुख को खारिज करते हुए कि पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों के आदेशों को परेशान करने के लिए तैयार नहीं थे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह स्थाई कमीशन का विस्तार करे, जो अब तक केवल पुरुषों के लिए लागू होती है.
  • इससे महिलाओं को अपने पुरुष सहकर्मियों के समान अवसर और लाभ मिलेंगे, जिनमें रैंक, पदोन्नति और पेंशन शामिल हैं और उन्हें लंबे समय तक सेवा प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी.
  • 07.07.2020: सुप्रीम कोर्ट ने सशस्त्र बलों में योग्य महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन/कमांड पोस्ट देने के अपने 17 फरवरी के फैसले को लागू करने के लिए सरकार को एक महीने के विस्तार की अनुमति दी.
  • 23.07.2020: संघ सरकार ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए एक औपचारिक मंजूरी पत्र जारी किया, जिससे महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया.

नई दिल्ली : सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए बनाए गए पहले आर्मी बोर्ड ने परिणाम जारी कर दिए हैं. बोर्ड के फैसले के बाद सेना की तकरीबन 49 फीसदी महिला अधिकारी सेना में बनी रहेंगी.

सेना के सूत्रों के मुताबिक, 615 महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन दिए जाने पर विचार किया जा रहा था. इनमें से करीब 320 महिला अधिकारी 20 साल की सर्विस के बाद सेवानिवृत्त होंगी. इन महिला अधिकारियों को पेंशन भी मिलेगी.

भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की नियुक्ति की शुरुआत वर्ष 1990 से हुई. शुरुआत में महिला अधिकारियों को नॉन-मेडिकल जैसे- विमानन, रसद, कानून, इंजीनियरिंग और एक्ज़ीक्यूटिव कैडर में नियमित अधिकारियों के रूप में पांच वर्ष की अवधि के लिये कमीशन दिया जाता था, जिसे समाप्ति पर पांच वर्ष और बढ़ाया जा सकता था. आइए जानते हैं, तिथिवार विवरण.

  • 1990: महिला अधिकारियों को सशस्त्र बलों में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) अधिकारियों के रूप में शामिल किया जाने लगा, जिसका अधिकतम कार्यकाल 14 वर्ष था.
  • 2011: सरकार ने एसएससी अधिकारियों को तीन सेवाओं की न्यायिक और शिक्षा शाखाओं में स्थाई कमीशन दिया.
  • 15.08.2018: पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि महिला अधिकारी गैर-लड़ाकू सेवाओं की व्यापक श्रेणी में स्थाई के लिए पात्र होंगी.
  • 25.02.2019: 8 लड़ाकू समर्थन/सेवाओं में नए एसएससी महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए सरकारी आदेश जारी किया.
  • 31.10.2019: सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने बताया कि महिला अधिकारी स्थाई कमीशन के तहत एक विशेष स्ट्रीम का चयन करने के बाद, वे स्ट्रीम के लिए प्रशिक्षण ले सकेंगी. अप्रैल 2020 से महिलाओं के लिए स्थाई आयोग खुला रहेगा.
  • 19.11.2019: महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट ने सेना से कहा था कि वह उन आठ महिला सेना अधिकारियों के लिए स्थाई कमीशन पर फैसला ले, जिन्होंने 2010 में शीर्ष अदालत से सशस्त्र बलों में उनके अवशोषण पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
  • 17.02.2020: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि महिलाएं सेना के कमांडरों के रूप में काम कर सकती हैं, सरकार के इस रुख को खारिज करते हुए कि पुरुष सैनिक महिला अधिकारियों के आदेशों को परेशान करने के लिए तैयार नहीं थे. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह स्थाई कमीशन का विस्तार करे, जो अब तक केवल पुरुषों के लिए लागू होती है.
  • इससे महिलाओं को अपने पुरुष सहकर्मियों के समान अवसर और लाभ मिलेंगे, जिनमें रैंक, पदोन्नति और पेंशन शामिल हैं और उन्हें लंबे समय तक सेवा प्रदान करने की अनुमति दी जाएगी.
  • 07.07.2020: सुप्रीम कोर्ट ने सशस्त्र बलों में योग्य महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन/कमांड पोस्ट देने के अपने 17 फरवरी के फैसले को लागू करने के लिए सरकार को एक महीने के विस्तार की अनुमति दी.
  • 23.07.2020: संघ सरकार ने भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए एक औपचारिक मंजूरी पत्र जारी किया, जिससे महिला अधिकारियों को संगठन में बड़ी भूमिका निभाने का अधिकार मिल गया.
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