नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना को 83 तेजस लड़ाकू विमान मिलेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की पहली बैठक में विमानों के अधिग्रहण को मंजूरी दी गई है.
गौरतलब है कि रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अंतर्गत विमान विकास एजेंसी (एडीए) ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस का स्वदेशी डिजाइन तैयार किया है. इसे हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने निर्मित किया है.
भविष्य में यह भारतीय वायुसेना का रीढ़ साबित होगा. 40 तेजस विमानों के खरीद आदेश दिए जा चुके हैं. डीएसी ने 83 विमानों की खरीद की मंजूरी दी है, जो विमान का आधुनिक एमके-1ए वर्जन होगा.
खरीद के लिए संविदा और अन्य मामलों को अंतिम रूप दिया गया है. प्रस्ताव को सुरक्षा पर संसदीय समिति (सीसीएस) के समक्ष विचार के लिए रखा जाएगा.
इस खरीद से 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि विमान का डिजाइन और विकास स्वदेशी तकनीक से किया गया है. इसका निर्माण एचएएल के अतिरिक्त कई अन्य स्थानीय निर्माताओं के सहयोग से किया गया है.
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1,300 करोड़ रुपये के स्वदेशी रक्षा उपकरणों के अधिग्रहण की भी मंजूरी दी. प्रस्ताव भारतीय वायु सेना के हॉक एमके-32 विमान के लिए एरियल फ्यूज और ट्विन-डोम सिमुलेटर की खरीद के लिए थे.
डीएसी की बैठक में रक्षा खदीद प्रक्रिया (डीपीपी) 2016 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है. इस संशोधन से कॉस्टिंग कमेटी उन निविदाओं की समीक्षा करने में सक्षम होगी, जिन्हें रक्षा सार्वजनिक उद्यमों/आयुध निर्माण बोर्ड/डीआरडीओ द्वारा प्रस्तुत किया है.
निविदाओं में रक्षा वस्तुओं की खरीद नामांकन के आधार पर भी की जाती है. इससे कीमतों में अधिक पारदर्शिता आएगी और निविदा को अंतिम रूप देने में कम समय लगेगा.
गौरतलब है कि डीएसी की पहली बैठक रक्षा विभाग (डीओडी) और सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) के कार्यक्षेत्रों के निर्धारण के बाद आयोजित की गई.
बता दें कि अधिग्रहण विंग डीएसी का सचिवालय है. इससे बेहतर समन्वय होगा और मामलों पर तेजी से निर्णय लिए जा सकेंगे. ऐसा इसलिए कि अधिग्रहण विंग पर कैपिटल अधिग्रहण प्रक्रिया की जवाबदेही है.