ETV Bharat / bharat

'राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव और न ही अभाव में' - pm modi on kargil diwas

कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ  के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत सुरक्षा के मामले में किसी भी हाल में नहीं झुकेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश की सुरक्षा व्यव्सथा को मजबूत बनाने के लिए बड़े कदम उठा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
author img

By

Published : Jul 28, 2019, 8:56 AM IST

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को सशस्त्र बलों को महत्ता देने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में किसी दबाव या प्रभाव में नहीं झुकेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव और न ही अभाव में.

कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान को ऐसे दुस्साहस को दोहराने को लेकर स्पष्ट संदेश दिया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं पड़ोसी देश के नापाक इरादों को दो दशक पहले ही ध्वस्त कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि आज के समय में संघर्ष अंतरिक्ष और साइबर जगत में पहुंच गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना को आधुनिक बनाया जाना चाहिए. यह हमारी प्राथमिकता है. राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव और न ही अभाव में. गहरे समुद्र से लेकर अनंत अंतरिक्ष तक, भारत अपनी क्षमताओं का पूरी तरह से प्रयोग करेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने और संसाधनों की सुरक्षा को लेकर कदम उठा रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत कभी भी हमलावर नहीं रहा है. भारत की सेनाएं विश्व स्तर पर मानवता और शांति की रक्षक रही हैं. मोदी ने कहा कि आतंकवाद और छद्म युद्ध का खतरा आज पूरे विश्व के सामने है.

पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो युद्ध में हार गए हैं वे आज छद्म युद्ध की कोशिश कर रहे हैं. वह आतंकवाद का समर्थन करते हैं ताकि उनके राजनीतिक मकसद हल हो सकें.

पढे़ं: कारगिल से मिली सीख पर गंभीर विचार की जरूरत : रक्षा विशेषज्ञ

उन्होंने कहा कि समय की जरूरत है कि जो मानवता में विश्वास करते हैं, उन्हें सशस्त्र सेना के समर्थन में खड़े होना चाहिए. यह आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए आवश्यक है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर में बार-बार 1948, 1965, 1971 और 1999 में छल का सहारा लिया पर हर बार पराजित हुआ. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.

मोदी ने कारगिल युद्ध के समय भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि कारगिल में विजय भारत के वीर बेटे-बेटियों के अदम्‍य साहस की जीत थी. कारगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी. कारगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी. कारगिल में विजय भारत की मर्यादा और अनुशासन की जीत थी.

उन्होंने कहा, 'युद्ध सरकारों द्वारा नहीं बल्कि पूरे देश द्वारा लड़े जाते हैं, कारगिल की जीत आज भी पूरे देश को प्रेरणा देती है. कारगिल प्रत्येक भारतीय की जीत थी.' उन्होंने कहा, 'युद्ध के चरम पर होने के दौरान मैं कारगिल गया था और यह मेरे लिए तीर्थयात्रा जैसा था.' गौरतलब है, इस दौरान मोदी ने सीमा पर किए जा रहे विकास कार्यों का भी उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वीर चक्र विजेता बिहार रेजिमेंट के मेजर सर्वानंद के पराक्रम को याद किया, जो तमिलनाडु के रहने वाले थे. उन्होंने वीर चक्र विजेता और दिल्ली निवासी राजपूताना राइफल्स के कैप्टन हनीफुद्दीन और परमवीर चक्र से सम्मानित हुए हिमाचल प्रदेश निवासी कैप्टन विक्रम बत्रा को भी याद किया.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'ये दिल मांगे मोर' (कैप्टन बत्रा के द्वारा कहे गए शब्द). किसके लिए उनका दिल ज्यादा मांगता था. न अपने लिए, न किसी भाषा, न धर्म या जाति के लिए. यह पूरे देश के लिए, भारत माता के लिए था. मोदी ने कहा, 'आइये संकल्प लें कि ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे और हम शहीदों के कर्मों से प्रेरणा लेंगे. हम उनके सपनों के भारत का निर्माण करेंगे.'

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार को सशस्त्र बलों को महत्ता देने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में किसी दबाव या प्रभाव में नहीं झुकेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव और न ही अभाव में.

कारगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने पाकिस्तान को ऐसे दुस्साहस को दोहराने को लेकर स्पष्ट संदेश दिया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं पड़ोसी देश के नापाक इरादों को दो दशक पहले ही ध्वस्त कर चुकी हैं. उन्होंने कहा कि आज के समय में संघर्ष अंतरिक्ष और साइबर जगत में पहुंच गया है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना को आधुनिक बनाया जाना चाहिए. यह हमारी प्राथमिकता है. राष्ट्र की सुरक्षा के लिए न किसी के दबाव में काम होगा, न प्रभाव और न ही अभाव में. गहरे समुद्र से लेकर अनंत अंतरिक्ष तक, भारत अपनी क्षमताओं का पूरी तरह से प्रयोग करेगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश की सुरक्षा को मजबूत बनाने और संसाधनों की सुरक्षा को लेकर कदम उठा रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत कभी भी हमलावर नहीं रहा है. भारत की सेनाएं विश्व स्तर पर मानवता और शांति की रक्षक रही हैं. मोदी ने कहा कि आतंकवाद और छद्म युद्ध का खतरा आज पूरे विश्व के सामने है.

पाकिस्तान का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जो युद्ध में हार गए हैं वे आज छद्म युद्ध की कोशिश कर रहे हैं. वह आतंकवाद का समर्थन करते हैं ताकि उनके राजनीतिक मकसद हल हो सकें.

पढे़ं: कारगिल से मिली सीख पर गंभीर विचार की जरूरत : रक्षा विशेषज्ञ

उन्होंने कहा कि समय की जरूरत है कि जो मानवता में विश्वास करते हैं, उन्हें सशस्त्र सेना के समर्थन में खड़े होना चाहिए. यह आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए आवश्यक है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर में बार-बार 1948, 1965, 1971 और 1999 में छल का सहारा लिया पर हर बार पराजित हुआ. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.

मोदी ने कारगिल युद्ध के समय भारतीय सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि कारगिल में विजय भारत के वीर बेटे-बेटियों के अदम्‍य साहस की जीत थी. कारगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी. कारगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी. कारगिल में विजय भारत की मर्यादा और अनुशासन की जीत थी.

उन्होंने कहा, 'युद्ध सरकारों द्वारा नहीं बल्कि पूरे देश द्वारा लड़े जाते हैं, कारगिल की जीत आज भी पूरे देश को प्रेरणा देती है. कारगिल प्रत्येक भारतीय की जीत थी.' उन्होंने कहा, 'युद्ध के चरम पर होने के दौरान मैं कारगिल गया था और यह मेरे लिए तीर्थयात्रा जैसा था.' गौरतलब है, इस दौरान मोदी ने सीमा पर किए जा रहे विकास कार्यों का भी उल्लेख किया.

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर वीर चक्र विजेता बिहार रेजिमेंट के मेजर सर्वानंद के पराक्रम को याद किया, जो तमिलनाडु के रहने वाले थे. उन्होंने वीर चक्र विजेता और दिल्ली निवासी राजपूताना राइफल्स के कैप्टन हनीफुद्दीन और परमवीर चक्र से सम्मानित हुए हिमाचल प्रदेश निवासी कैप्टन विक्रम बत्रा को भी याद किया.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'ये दिल मांगे मोर' (कैप्टन बत्रा के द्वारा कहे गए शब्द). किसके लिए उनका दिल ज्यादा मांगता था. न अपने लिए, न किसी भाषा, न धर्म या जाति के लिए. यह पूरे देश के लिए, भारत माता के लिए था. मोदी ने कहा, 'आइये संकल्प लें कि ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे और हम शहीदों के कर्मों से प्रेरणा लेंगे. हम उनके सपनों के भारत का निर्माण करेंगे.'

ZCZC
PRI GEN NAT
.NEWDELHI DEL48
PM-LD KARGIL
India won't succumb to any pressure, influence in matters of national security: Modi
(Eds: Updating with additional inputs)
         New Delhi, Jul 27 (PTI) Prime Minister Narendra Modi on Saturday asserted that India will not succumb to any pressure or influence in matters of national security, as he emphasised the importance his government gives to the armed forces.
         In an address at an event to mark the 20th anniversary of Kargil War, Modi also sent out a strong message to Pakistan against repeat of such misadventures, saying the Indian armed forces had defeated the neighbouring country's evil designs two decades back.
         He said conflicts in today's time have reached space, and the cyber world.
         "The Armed Forces must be modernised and it is also our priority. We will not succumb to any pressure or influence in the matters of national security. (Rashtra ki suraksha ke liye na kisike dabav mein kaam hoga, na prabhav mein aur na hi kisi abhav mein). From deep sea to the infinite universe, India will use its competency to its fullest," he said.
         Modi said terrorism and proxy war pose a threat to the entire world today.
         In a reference to Pakistan, he said those who were defeated in war, are resorting to proxy war, and supporting terrorism today, to achieve their political objectives.
         The need of the hour is that all those who believe in humanity, should stand in support of the armed forces and this is essential to effectively counter terrorism, he said.
         Recalling the sacrifice of the Indian soldiers during the Kargil war, Modi said it was a symbol of India's might and its security will remain impregnable with dedication of the armed forces.
         "Kargil victory was symbol of India's might, determination and capability," he said, in presence of a large number of military personnel and ex-servicemen at the event here.
         "Wars are fought not by governments but by the whole country. Kargil victory still inspires the whole country...Kargil was victory of every Indian," he added.
         Modi said he had also visited Kargil when the war was at its peak and it was like pilgrimage to him.
         He stressed on the importance of "jointness" among the three wings of the armed forces.
         Modi said the armed forces are being rapidly modernised, and efforts are being made to increase the participation of the private sector for "Make in India" in the defence sector.
         He also mentioned the establishment of India's nuclear triad through Arihant, and the testing of A-SAT - the anti-satellite test.
         Modi said infrastructure is being strengthened in the border areas.
         He spoke of steps being taken for the development of border areas, and the welfare of people living there.
         "Development is possible only if country is secure... We will not come under any pressure when it comes to national security," he said. PTI PR MPB
ZMN
07272245
NNNN
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.