नई दिल्ली : भारत और चीन ने पूर्वी लदाख की तीन जगहों से अपने सैन्य दलों को पीछे कर लिया है. ऐसे में अब भारत ने कहा है कि सीमा पर जारी विवाद पूरी तरह से तब खत्म होगा जब चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 10,000 सैनिकों को हटाएगा. इसके अलावा भारतीय क्षेत्र के पास तैनात टैंक रेजीमेंट और तोपों को भी हटाने के लिए कहा गया है.
भारतीय और चीनी सैनिक गलवां घाटी क्षेत्र (पैट्रोलिंग पॉइंट 14), पैट्रोलिंग पॉइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स (पैट्रोलिंग पॉइंट 17) सहित तीन स्थानों पर से दो से ढाई किलोमीटर पीछे हट गए हैं.
सरकारी सूत्रों ने कहा कि 'पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में सेनाएं पीछे हट गई हैं लेकिन हम चाहते हैं वह अपने 10,000 से अधिक सैनिकों को एलएलसी के पास से हटा दें. सेनाओं का पीछे हटना ठीक है लेकिन तनाव केवल तभी कम होगा जब चीन अपने सैनिकों के साथ ही भारी भरकम तोपों, टैकों और इन्फेंटरी कॉम्बैट वाहनों को एलएसी के पास से हटाएगा.'
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सूत्रों ने बताया कि चीनी तैनाती के मद्देनजर, भारतीय ने उसके द्वारा किसी भी तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए लद्दाख सेक्टर में 10,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है.
बता दें कि चार मई को चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) के पास अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ाना शुरू कर दिया था. सूत्रों ने कहा कि पहले उन्होंने लगभग एक बटालियन के आकार की टुकड़ियों के साथ इन्फेंटरी कॉम्बैट वाहनों और भारी वाहनों को अपने पैट्रोलिंग पॉइंट से आगे बढ़ाया था.
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इसको लेकर बटालियन स्तर, ब्रिगेडियर स्तर और मेजर जनरल स्तर के सैन्य कमांडरों के बीच चर्चा हुई थी. वहीं मेजर जनरल स्तर की एक और चर्चा बुधवार या गुरुवार को हो सकती है. अब आगे कमांडर स्तर की बातचीत होनी है ताकि सीमा पर तनाव खत्म किया जा सके.
वहीं दोनों पक्ष के कमांडरों की आपस में हॉटलाइन पर बात हो गई है. इसके अलावा चीन ने होतन और गर गुनसा एयरबेस पर लड़ाकू विमान और लड़ाकू बॉम्बर्स की तैनाती की है.