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भारत, अमेरिका ने साझा चिंता और हितों के मुद्दों पर चर्चा की

पोम्पिओ और अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर भारत-अमेरिका के बीच आज होने वाली तीसरी 'टू प्लस टू' वार्ता के लिए सोमवार को यहां पहुंचे.

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Published : Oct 27, 2020, 12:08 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ के साथ सोमवार को हुई वार्ता में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति और एशिया में स्थिरता तथा सुरक्षा सहित साझा चिंताओं और हितों पर चर्चा की.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, पोम्पियो का स्वागत करते हुए खुशी हुई.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मंत्री पोम्पिओ के साथ गर्मजोशी भरी सार्थक बैठक हुई. महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. हमारी विदेशी नीति चर्चा और सहयोग विस्तारित हुआ है.'

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विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट

सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने वर्तमान वैश्विक स्थिति और इसकी समकालीन चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इसके साथ ही अफगान शांति प्रक्रिया पर चर्चा की. इस दौरान जयशंकर ने भारत की चिंता को रेखांकित करते हुए कहा कि निर्णय अफगानिस्तान में बल का इस्तेमाल किए बिना लोगों द्वारा किए जाने चाहिए.

'टू प्लस टू' वार्ता से पहले जयशंकर और पोम्पिओ ने सोमवार शाम द्विपक्षीय बैठक की और सामरिक महत्व के महत्व के मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

यह पता चला है कि दोनों मंत्रियों ने भारत की आगामी यूएनएससी सदस्यता के संदर्भ में बहुपक्षीय परामर्श और सहयोग पर भी चर्चा की रिपोर्टों के अनुसार, वार्ता के दौरान, भारत ने पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया.

यह भी पढ़ें : टू प्लस टू वार्ता : भारत, अमेरिका आज करेंगे महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर

सचिव पोम्पिओ ने अफगानिस्तान और जयशंकर के बारे में अपनी राय साझा की.

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मार्क एस्पर के साथ बातचीत की. बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद थे.

अमेरिकी अधिकारी भारत-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते चीनी आक्रमण के सामने अपनी रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं.

भारत-चीन तनाव के बीच हुई यात्रा
दो दिवसीय यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब भारत-चीन के बीच सीमा विवाद बना हुआ है. इस मुद्दे पर विचार विमर्श की संभावना है.

पोम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क थोरो मंगलवार को तीसरे भारत-अमेरिका 2 + 2 मंत्रिस्तरीय संवाद में भाग ले रहे हैं, जिसमें भारत-प्रशांत और विश्व में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और सहयोग में विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.

ऐसे संकेत हैं कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक व्यवहार के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई.

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि विशिष्ट मुद्दे मंगलवार को ‘टू प्लस टू’ वार्ता में उठेंगे.

उन्होंने कहा कि जयशंकर और पोम्पिओ के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी सहयोग, मुक्त कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई तथा उन्होंने अपनी हिन्द-प्रशांत वार्ताओं और क्वाड की बैठक में हुई वार्ता को लेकर भी चर्चा की.

जयशंकर और पोम्पिओ के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी सहयोग, मुक्त कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई तथा उन्होंने अपनी हिन्द-प्रशांत वार्ताओं और क्वाड की बैठक में हुई वार्ता को लेकर भी चर्चा की.

सूत्रों के अनुसार पोम्पिओ ने भी जयशंकर के साथ अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका का विचार साझा किया.

दोनों मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की आगामी सदस्यता के परिप्रेक्ष्य में बहुपक्षीय वार्ताओं और सहयोग को लेकर भी चर्चा की.

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ के साथ सोमवार को हुई वार्ता में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति और एशिया में स्थिरता तथा सुरक्षा सहित साझा चिंताओं और हितों पर चर्चा की.

जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा, पोम्पियो का स्वागत करते हुए खुशी हुई.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, मंत्री पोम्पिओ के साथ गर्मजोशी भरी सार्थक बैठक हुई. महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. संबंधों में प्रगति की समीक्षा की. हमारी विदेशी नीति चर्चा और सहयोग विस्तारित हुआ है.'

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विदेश मंत्री एस जयशंकर का ट्वीट

सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने वर्तमान वैश्विक स्थिति और इसकी समकालीन चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इसके साथ ही अफगान शांति प्रक्रिया पर चर्चा की. इस दौरान जयशंकर ने भारत की चिंता को रेखांकित करते हुए कहा कि निर्णय अफगानिस्तान में बल का इस्तेमाल किए बिना लोगों द्वारा किए जाने चाहिए.

'टू प्लस टू' वार्ता से पहले जयशंकर और पोम्पिओ ने सोमवार शाम द्विपक्षीय बैठक की और सामरिक महत्व के महत्व के मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

यह पता चला है कि दोनों मंत्रियों ने भारत की आगामी यूएनएससी सदस्यता के संदर्भ में बहुपक्षीय परामर्श और सहयोग पर भी चर्चा की रिपोर्टों के अनुसार, वार्ता के दौरान, भारत ने पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा उठाया.

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सचिव पोम्पिओ ने अफगानिस्तान और जयशंकर के बारे में अपनी राय साझा की.

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मार्क एस्पर के साथ बातचीत की. बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह भी मौजूद थे.

अमेरिकी अधिकारी भारत-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते चीनी आक्रमण के सामने अपनी रणनीतिक और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं.

भारत-चीन तनाव के बीच हुई यात्रा
दो दिवसीय यात्रा ऐसे समय में हुई है, जब भारत-चीन के बीच सीमा विवाद बना हुआ है. इस मुद्दे पर विचार विमर्श की संभावना है.

पोम्पिओ और रक्षा सचिव मार्क थोरो मंगलवार को तीसरे भारत-अमेरिका 2 + 2 मंत्रिस्तरीय संवाद में भाग ले रहे हैं, जिसमें भारत-प्रशांत और विश्व में स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और सहयोग में विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है.

ऐसे संकेत हैं कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख में चीन के आक्रामक व्यवहार के मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा हुई.

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि विशिष्ट मुद्दे मंगलवार को ‘टू प्लस टू’ वार्ता में उठेंगे.

उन्होंने कहा कि जयशंकर और पोम्पिओ के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी सहयोग, मुक्त कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई तथा उन्होंने अपनी हिन्द-प्रशांत वार्ताओं और क्वाड की बैठक में हुई वार्ता को लेकर भी चर्चा की.

जयशंकर और पोम्पिओ के बीच समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी सहयोग, मुक्त कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई तथा उन्होंने अपनी हिन्द-प्रशांत वार्ताओं और क्वाड की बैठक में हुई वार्ता को लेकर भी चर्चा की.

सूत्रों के अनुसार पोम्पिओ ने भी जयशंकर के साथ अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका का विचार साझा किया.

दोनों मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की आगामी सदस्यता के परिप्रेक्ष्य में बहुपक्षीय वार्ताओं और सहयोग को लेकर भी चर्चा की.

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