नई दिल्ली: कोरोना वायरस की लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद अब देश ने आत्मनिर्भरता की तरफ तेजी से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसके तहत देश में पीपीई किट और वेंटिलेटर की जरुरत पूरी करने के बाद भारत जल्द ही देश में बन रहीं पीपीई और वेंटिलेटर दूसरे देशों को निर्यात करेगा.
1000 वेंटिलेटर रोजाना हो रहे हैं तैयार
कोरोना महामारी से पहले भारत में करीब 80 हजार पीपीई किट्स सालाना दूसरे देशों से मंगाई जाती थीं. ठीक इसी तरह वेंटिलेटर निर्माण का कच्चा माल भी दूसरे देशों से भारत आता है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में एक बड़ा बदलाव देखा गया है.
जिसके बाद अब देश में हर दिन करीब छह लाख पीपीई किट्स का उत्पादन किया जा रहा है. जबकि एक हजार वेंटिलेटर रोजाना तैयार हो रहे हैं. अभी देश में 600 से ज्यादा पीपीई और 50 से ज्यादा निर्माता कंपनी वेंटिलेटर तैयार कर रही हैं.
विदेशों से आ रही मांग
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि घरेलू मांग को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त पीपीई और वेंटिलेटर का निर्यात शुरू किया जा सकता है. सरकार इस पर विचार कर रही है. अमेरिका-यूरोप सहित कई देशों से भारतीय कंपनियों को ऑर्डर भी मिल रहे हैं.
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नीति आयोग का कहना है कि भारत पीपीई और वेंटिलेटर को लेकर वैश्विक विनिर्माण केंद्र बन चुका है. जल्द ही स्वदेशी वेंटिलेटर, मास्क व पीपीई को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी.