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भारत को अपनी अंतरिक्ष संपत्तियां बढ़ानी चाहिए: इसरो के पूर्व प्रमुख

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Published : Sep 11, 2020, 3:37 PM IST

भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के देखते हुए वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधव नायर ने अंतरिक्ष संपत्तियां बढ़ाने की बात कही है. ऐसा करने से सीमा पर निरंतर कवरेज बढ़ेगा.

G Madhav Nair
जी माधव नायर

बेंगलुरु : चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधव नायर ने कहा कि बदलते वक्त के साथ कदम मिलाने के लिए भारत को अंतरिक्ष में अपनी संपत्तियां बढ़ाने के साथ ही क्षेत्र का कवरेज भी बढ़ाना चाहिए.

नायर ने कहा कि सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लगभग सभी क्षेत्रों में अंतरिक्ष - पृथ्वी निगरानी, संचार और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया - बहुत अहम भूमिका निभाता है.

उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी समझ है चीनी पक्ष ने राडार इमेजिंग उपग्रहों, पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों और संचार उपग्रहों की संख्या कई गुना बढ़ाई है ताकि वे दुनिया का निरंतर कवरेज कर सकें.' उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें अपने (उपग्रहों के) समूह से सभी प्रकार की जानकारी मिल जाएगी.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'वैश्विक कवरेज की बात छोड़ दें तो भारत के पास कम से कम सीमा पर निरंतर कवरेज की योजना होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि भारत ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करके अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित किया है.

नायर ने कहा, 'अब ऐसे प्रक्षेपण की योजना होनी चाहिए जो लगातार कवरेज दे सके. देश को इसकी सख्त जरूरत है.'

उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उपग्रहों, अर्थ स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा बड़ी चुनौतीपूर्ण होने वाली है.

पढ़ें :- तनाव घटाने पर भारत-चीन राजी, पांच सूत्रीय फॉर्मूले पर बनी सहमति

नायर ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिहाज से भारत चीन की बराबरी पर है लेकिन मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में वह चीन से पीछे है. उन्होंने गगनयान की चर्चा करते हुए कहा कि इस तरह के मानव मिशनों को पूरा करने का काम पहले से ही देश में चल रहा है.

उन्होंने कहा, 'लेकिन चीन इसमें बहुत संसाधन लगा रहा है. उनका बजट भारत के वार्षिक अंतरिक्ष बजट से लगभग पांच गुना अधिक है.'

बेंगलुरु : चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधव नायर ने कहा कि बदलते वक्त के साथ कदम मिलाने के लिए भारत को अंतरिक्ष में अपनी संपत्तियां बढ़ाने के साथ ही क्षेत्र का कवरेज भी बढ़ाना चाहिए.

नायर ने कहा कि सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लगभग सभी क्षेत्रों में अंतरिक्ष - पृथ्वी निगरानी, संचार और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया - बहुत अहम भूमिका निभाता है.

उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी समझ है चीनी पक्ष ने राडार इमेजिंग उपग्रहों, पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों और संचार उपग्रहों की संख्या कई गुना बढ़ाई है ताकि वे दुनिया का निरंतर कवरेज कर सकें.' उन्होंने कहा कि इसलिए उन्हें अपने (उपग्रहों के) समूह से सभी प्रकार की जानकारी मिल जाएगी.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'वैश्विक कवरेज की बात छोड़ दें तो भारत के पास कम से कम सीमा पर निरंतर कवरेज की योजना होनी चाहिए.'

उन्होंने कहा कि भारत ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करके अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित किया है.

नायर ने कहा, 'अब ऐसे प्रक्षेपण की योजना होनी चाहिए जो लगातार कवरेज दे सके. देश को इसकी सख्त जरूरत है.'

उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से उपग्रहों, अर्थ स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतरिक्ष संपत्तियों की सुरक्षा बड़ी चुनौतीपूर्ण होने वाली है.

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नायर ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लिहाज से भारत चीन की बराबरी पर है लेकिन मानव अंतरिक्ष उड़ान के क्षेत्र में वह चीन से पीछे है. उन्होंने गगनयान की चर्चा करते हुए कहा कि इस तरह के मानव मिशनों को पूरा करने का काम पहले से ही देश में चल रहा है.

उन्होंने कहा, 'लेकिन चीन इसमें बहुत संसाधन लगा रहा है. उनका बजट भारत के वार्षिक अंतरिक्ष बजट से लगभग पांच गुना अधिक है.'

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