ETV Bharat / bharat

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को एक मजबूत एयरबेस बनाएगी वायुसेना

उत्तराखंड स्थित चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को मजबूत एयरबेस बनाने के लिए भारतीय वायुसेना पिछले कई सालों से काम रही है. इसी के चसते वायुसेना ने 'गगन शक्ति' नाम से हवाई पट्टी पर तीन दिवसीय अभ्यास किया था.

वायु सेना के जवान
वायु सेना के जवान
author img

By

Published : Dec 27, 2019, 11:41 PM IST

देहरादून : भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर बार-बार तनाव पैदा होता रहता है. जिसके कारण भारत सरकार अपनी सीमाएं मजबूत करने की दिशा में हर रोज नए काम कर रही है. भारतीय सीमा पर सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड बॉर्डर को बेहद संवेदनशील माना जाता है. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने चिन्यालीसौड़ की हवाईपट्टी पर अभ्यास तेज कर दिया है. भारतीय वायुसेना चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को एक मजबूत एयरबेस बनाने की दिशा में लगातार काम रही है. इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना की टीम एक बार फिर चिन्यालीसौड़ पहुंची.

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को मजबूत एयरबेस बनाने के लिए भारतीय वायुसेना पिछले कई सालों से काम रही है. पिछले साल भी एयरफोर्स ने 'गगन शक्ति' नाम से हवाई पट्टी पर तीन दिवसीय अभ्यास किया था. इसके बाद इस साल चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 52 सीटर मल्टी परपज विमान की लैंडिंग करवाई गई. साथ ही डोनियर डीओ 228 विमान की भी इस पट्टी पर सफल लैंडिंग हुई. जिससे वायुसेना के अधिकारियों के चेहरे खिले हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पढ़ें-धनोल्टी: देर रात गहरी खाई में गिरी कार, दो की मौत, एक घायल

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी की बात करें तो इसकी दूरी भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 125 किमी है. वहीं भारतीय वायुसेना के प्रयोगों से यही लगता है कि वायुसेना इस हवाई पट्टी को एक महत्वपूर्ण एयरबेस बनाने की तैयारी में है. जिससे कि किसी भी युद्ध और आपातकालीन स्थिति में इसका प्रयोग किया जा सके. वायुसेना इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान के साथ ही मालवाहक विमानों की लैंडिंग भी करवा चुकी है.

देहरादून : भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर बार-बार तनाव पैदा होता रहता है. जिसके कारण भारत सरकार अपनी सीमाएं मजबूत करने की दिशा में हर रोज नए काम कर रही है. भारतीय सीमा पर सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड बॉर्डर को बेहद संवेदनशील माना जाता है. इसके लिए भारतीय वायुसेना ने चिन्यालीसौड़ की हवाईपट्टी पर अभ्यास तेज कर दिया है. भारतीय वायुसेना चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को एक मजबूत एयरबेस बनाने की दिशा में लगातार काम रही है. इसी कड़ी में भारतीय वायुसेना की टीम एक बार फिर चिन्यालीसौड़ पहुंची.

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को मजबूत एयरबेस बनाने के लिए भारतीय वायुसेना पिछले कई सालों से काम रही है. पिछले साल भी एयरफोर्स ने 'गगन शक्ति' नाम से हवाई पट्टी पर तीन दिवसीय अभ्यास किया था. इसके बाद इस साल चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 52 सीटर मल्टी परपज विमान की लैंडिंग करवाई गई. साथ ही डोनियर डीओ 228 विमान की भी इस पट्टी पर सफल लैंडिंग हुई. जिससे वायुसेना के अधिकारियों के चेहरे खिले हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पढ़ें-धनोल्टी: देर रात गहरी खाई में गिरी कार, दो की मौत, एक घायल

चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी की बात करें तो इसकी दूरी भारत-तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 125 किमी है. वहीं भारतीय वायुसेना के प्रयोगों से यही लगता है कि वायुसेना इस हवाई पट्टी को एक महत्वपूर्ण एयरबेस बनाने की तैयारी में है. जिससे कि किसी भी युद्ध और आपातकालीन स्थिति में इसका प्रयोग किया जा सके. वायुसेना इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान के साथ ही मालवाहक विमानों की लैंडिंग भी करवा चुकी है.

Intro:उत्तरकाशी। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर भारतीय वायु सेना का प्रयोग लगातार जारी है। गत दो वर्षो से भारतीय वायु सेना चिन्याली हवाई पट्टी पर अभ्यास कर रही है। गत वर्ष भी एयर फोर्स ने गगन शक्ति नाम से हवाई पट्टी पर तीन दिवसीय अभ्यास किया था। तो वहीं इस वर्ष भी वायु सेना की और से चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 52 सीटर मल्टी परपज विमान की लैंडिंग करवाई गई। साथ ही डोनियर डीओ 228 विमान की भी सफल लेंडिंग करवाई गई। जिससे कि वायु सेना के अधिकारी खासे उत्साहित किये गए। Body:वीओ-1, चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को एक मजबूत एयर बेस बनाने के क्रम में भारतीय वायु सेना की टीम एक बार फिर चिन्यालीसौड़ पहुंची। वायु सेना के अधिकारियों ने हवाई पट्टी में अभ्यास से पहले हेलीकॉप्टर से रेकी की और उसके बाद अपने मल्टी परपज और लड़ाकू विमानों की लैंडिंग चिन्याली हवाई पट्टी में करवाई। 52 मल्टी परपज विमान की लैंडिंग से वायु सेना के अधिकारी खासे उत्साहित दिखे। क्योंकि इस प्रकार के विमान की लैंडिंग कभी भी किसी भी परिस्थिति में अहम साबित हो सकती है। Conclusion:वीओ-2, चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी की बात करें,तो इसकी दूरी भारत तिब्बत अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 125 किमी है। वहीं भारतीय वायु सेना के प्रयोगों से यही लगता है कि वायु सेना इस हवाई पट्टी को एक महत्वपूर्ण एयर बेस बनाने की तैयारी में है। जिससे कि किसी भी युद्ध और आपातकालीन स्थिति में इसका सही प्रयोग हो सके। साथ ही वायु सेना इस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमान सहित मालवाहक विमानों की लैंडिंग करवा चुका है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.