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करतारपुर कॉरिडोर समझौते पर भारत-पाक ने किये हस्ताक्षर, ऑनलाइन पंजीकरण शुरू - online registration

भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर दिये हैं. इसके बाद तीर्थयात्रियों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण भी शुरू कर दिया गया है.

करतारपुर कॉरिडोर समझौते पर हस्ताक्षर
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Published : Oct 24, 2019, 12:51 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 4:11 PM IST

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के साथ ही गुरुवार को भक्तों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है. तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल (prakashpurb550.mha.gov.in) शुरू हो गया है. पवित्र दरबार साहिब के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा.

तीर्थयात्रियों को अपनी मर्जी के मुताबिक दिन चुनने की आजादी होगी. वह अपनी पसंद के अनुसार दिन का चुनाव कर सकते हैं.

यात्रा के लिए तय तारीख से 3 से 4 दिन पहले तीर्थयात्रियों को पंजीकरण की पुष्टि एसएमएस और ईमेल द्वारा दी जाएगी. इसके अलावा एक इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण भी बनाया जाएगा. जब यात्री टर्मिनल भवन में पहुंचेंगे तो उन्हें सपोर्ट के साथ इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण ले जाना होगा.

करतारपुर कॉरिडोर पंजाब के डेरा बाबा नानक मंदिर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में दरबार साहिब से जोड़ेगा, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर है.

करतारपुर कॉरिडोर समझौते पर भारत-पाकिस्तान ने किये हस्ताक्षर.

समझौते के अनुसार, यात्रा की तारीख से पहले भारत 10 दिनों के लिए तीर्थयात्रियों की सूची पाकिस्तान को भेजेगा.आगे यात्रा की तारीख से चार दिन पहले तीर्थ यात्रियों को पुष्टि भेजी जाएगी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत को 'लंगर' और 'प्रसाद' के वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने का आश्वासन दिया है.

इससे पहले गुरुवार को भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. हस्ताक्षर के बाद गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, करतारपुर साहिब गलियारे के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार की गयी है.

पढ़ें - करतारपुर गलियारे पर PAK की टैक्स वसूली का विरोध, राजस्थान के भाजपा-कांग्रेस नेता बोले - ये ओछी मानसिकता

दास ने कहा, 'हमारी ओर से, राजमार्ग और यात्री टर्मिनल भवन सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे गलियारे के उद्घाटन तक तैयार कर लिए जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गुरुद्वारा परिसर में 'लंगर' और 'प्रसाद' वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने पर सहमत हो गया है.

उन्होंने कहा कि कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुला रहेगा. सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन लौटना होगा. कुछ दिनों को छोड़कर, कॉरिडोर पूरे साल चालू रहेगा.

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने के साथ ही गुरुवार को भक्तों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है. तीर्थयात्रियों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल (prakashpurb550.mha.gov.in) शुरू हो गया है. पवित्र दरबार साहिब के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा.

तीर्थयात्रियों को अपनी मर्जी के मुताबिक दिन चुनने की आजादी होगी. वह अपनी पसंद के अनुसार दिन का चुनाव कर सकते हैं.

यात्रा के लिए तय तारीख से 3 से 4 दिन पहले तीर्थयात्रियों को पंजीकरण की पुष्टि एसएमएस और ईमेल द्वारा दी जाएगी. इसके अलावा एक इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण भी बनाया जाएगा. जब यात्री टर्मिनल भवन में पहुंचेंगे तो उन्हें सपोर्ट के साथ इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण ले जाना होगा.

करतारपुर कॉरिडोर पंजाब के डेरा बाबा नानक मंदिर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में दरबार साहिब से जोड़ेगा, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर है.

करतारपुर कॉरिडोर समझौते पर भारत-पाकिस्तान ने किये हस्ताक्षर.

समझौते के अनुसार, यात्रा की तारीख से पहले भारत 10 दिनों के लिए तीर्थयात्रियों की सूची पाकिस्तान को भेजेगा.आगे यात्रा की तारीख से चार दिन पहले तीर्थ यात्रियों को पुष्टि भेजी जाएगी.

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने भारत को 'लंगर' और 'प्रसाद' के वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने का आश्वासन दिया है.

इससे पहले गुरुवार को भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के संचालन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. हस्ताक्षर के बाद गृहमंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने कहा है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, करतारपुर साहिब गलियारे के संचालन के लिए एक औपचारिक रूपरेखा तैयार की गयी है.

पढ़ें - करतारपुर गलियारे पर PAK की टैक्स वसूली का विरोध, राजस्थान के भाजपा-कांग्रेस नेता बोले - ये ओछी मानसिकता

दास ने कहा, 'हमारी ओर से, राजमार्ग और यात्री टर्मिनल भवन सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे गलियारे के उद्घाटन तक तैयार कर लिए जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान गुरुद्वारा परिसर में 'लंगर' और 'प्रसाद' वितरण के लिए पर्याप्त प्रावधान करने पर सहमत हो गया है.

उन्होंने कहा कि कॉरिडोर सुबह से शाम तक खुला रहेगा. सुबह यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को उसी दिन लौटना होगा. कुछ दिनों को छोड़कर, कॉरिडोर पूरे साल चालू रहेगा.

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PAK-KARTARPUR
Kartarpur corridor agreement likely to be signed on Thursday: Pak
By Sajjad Hussain
         Islamabad, Oct 23 (PTI) Pakistan said on Wednesday that a historic agreement with India to operationalise the Kartarpur corridor was likely to be signed on Thursday.
         The corridor will connect the Dera Baba Nanak shrine in India's Punjab with the gurdwara at Kartarpur, just about four km from the international border, located at Narowal district of Pakistan's Punjab province.
         Initially, the two sides had agreed that the pact will be signed on Wednesday.
         "It is our effort to get the agreement signed tomorrow (on Thursday)," Foreign Office spokesman Mohammad Faisal told reporters here.
         He said a mechanism had been agreed under which the pilgrims would come in the morning and return in the evening after visiting Gurdawara Darbar Sahib. At least 5,000 pilgrims will be allowed to visit the holy site every day.
         Faisal said that each visitor would be required to pay USD 20 as fee. He said more details of the agreement would be shared after it is signed.
         India is going ahead in signing the pact though it was strongly opposed to Pakistan's decision to levy a service charge of USD 20 on each pilgrim.
         In New Delhi, the Ministry of External Affairs on Monday said a joint secretary-level officer in the Union Home Ministry will meet Pakistan officials at zero point near the site of Kartarpur corridor on Thursday and sign the MoU on India's behalf.
         India and Pakistan planned to open the corridor in early November before the year-long celebrations to mark the 550th birth anniversary of Guru Nanak Dev, the founder of Sikhism who spent more than 18 years at the Kartarpur.
         The foundation stone for the Kartarpur corridor was laid in Punjab's Gurdaspur district by Vice President M Venkaiah Naidu last November.
         Faisal also said that the Indian government tried to drag Pakistan in its domestic politics during the just concluded elections in Haryana and Maharashtra.
         He once again strongly rejected the Indian Army chief's remarks about the launchpads targeted by India along the Line of Control. He called upon the P-5 countries to ask India to provide information about the launchpads.
         Faisal said Pakistan had requested the Indian High Commission in Islamabad to share the details of the locations of "launchpads" to back their claims.
         He said Pakistan did not harbour aggressive designs but "our armed forces and the people remain ready to defend the country against any act of aggression."
         Responding to a question, Faisal said Pakistan would fight its case at an appropriate forum if its rights under the Indus Water Treaty were challenged.
         The spokesperson said Pakistan's position on festering Kashmir is very clear and unchanged.
         "The resolution of this dispute lies in the aspirations of Kashmiri people as per the UN Security Council resolutions, he said.
         He also condemned the alleged human rights violations in Kashmir.
         When asked about Malaysian President Mahathir Mohamed's stance on the Kashmir issue, Faisal said, "Pakistan is proud of its Malaysian brothers and sisters."
         Mahathir had raised the Kashmir issue at the UN General Assembly last month, drawing strong reaction from the Ministry of External Affairs. PTI SH
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Last Updated : Oct 24, 2019, 4:11 PM IST
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