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2019 की सुर्खियां : नेपाल-भारत संबंध मजबूत रहे, ऊर्जा सहयोग बढ़ा

वर्ष 2019 में भारत और नेपाल के द्विपक्षीय संबंध काफी मजबूत हुए हैं. इसके चलते भारत ने नेपाल में कई परियोजना शुरू की हैं. इस दौरान उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं तथा ऊर्जा सहयोग से इन संबंधों को और बल मिला.

पीएम ओलीके साथ  पीएम मोदी
पीएम ओलीके साथ पीएम मोदी
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Published : Dec 31, 2019, 12:08 AM IST

काठमांडू : नेपाल के साथ भारत के संबंध 2019 में मजबूत रहे हैं और इस दौरान उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं तथा ऊर्जा सहयोग से इन संबंधों को और बल मिला. नेपाल अपने भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों के कारण भारत की विदेश नीति में एक विशेष महत्व रखता है. दोनों देशों के लोग विवाह और पारिवारिक संबंधों के माध्यम से घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं, जिन्हें 'रोटी-बेटी का रिश्ता' (भोजन और परिवार का संबंध) भी कहा जाता है.

भारत और चीन के बीच स्थित इस हिमालयी राष्ट्र ने कई वर्षों तक राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखा, जिसके बाद दिसंबर 2017 में हुए ऐतिहासिक चुनावों में चीन समर्थक वामपंथी गठबंधन सत्ता में आया.

इस साल की शुरुआत नेपाल द्वारा 2000 रुपये, 500 रुपये और 200 रुपये की भारतीय मुद्रा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के साथ हुई. इस फैसले का सबसे अधिक असर भारतीय पर्यटकों पर हुआ. नेपाल में भारतीय मुद्रा बहुतायत से इस्तेमाल होती थी.

हालांकि, इन फैसलों का आपसी गर्मजोशी पर बहुत असर नहीं पड़ा और द्विपक्षीय संबंध मजबूत बने रहे.

नेपाल-भारत के संयुक्त सचिव स्तर की वार्ता फरवरी में पोखरा में हुई, जहां शीर्ष अधिकारियों ने द्विपक्षीय व्यापार और पारगमन संघि की समीक्षा की.

विदेश सचिव विजय गोखले ने मार्च में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से काठमांडू में भेंट की और रेलवे तथा जलमार्ग परियोजनाओं पर चर्चा की.

दोनों पक्षों ने भूकम्प के बाद आवासीय परियोजनाओं के पुनर्निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा की.

भारत ने पुनर्निर्माण परियोजनाओं के लिए 25 करोड़ डॉलर की सहायता देने का वादा किया. भारत ने भूकम्प में क्षतिग्रस्त हुए मकानों को फिर से बनाने के लिए 1.6 अरब रुपये की आर्थिक सहायता दी.

प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोबारा सत्ता में वापसी पर उन्हें बधाई दी और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

दोनों देशों ने 69 किलोमीटर लंबी मोतिहारी-अम्लेखगंज तेल पाइपलाइन परियोजना का सितंबर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. भारत के 324 करोड़ रुपये की सहायता से इस पाइपलाइन का निर्माण हुआ है.

इस साल नेपाल ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई.

इस साल एक हिमालयी अभियान में आठ भारतीय नागरिकों सहित 17 पर्वतारोहियों की मृत्यु हो गई.

पढ़ें- अफगानिस्तान : तालिबान के हमले में 17 मिलिशिया लड़ाकों की मौत

इस दौरान चीन ने नेपाल में भारी निवेश का सिलसिला जारी रखा. चीन के राष्ट्रपति ने नेपाल यात्रा के दौरान 56 अरब रुपये की सहायता देने का एलान किया.

नेपाल ने कालापानी और लिपुलेक क्षेत्रों को भारत के नए नक्शे में दिखाने पर आपत्ति जताई और दावा किया कि ये क्षेत्र नेपाली सीमा के भीतर स्थित हैं.

साल के अंत में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल, भारत और चीन के बीच तीन स्तरीय रणनीतिक साझेदारी की वकालत की.

काठमांडू : नेपाल के साथ भारत के संबंध 2019 में मजबूत रहे हैं और इस दौरान उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं तथा ऊर्जा सहयोग से इन संबंधों को और बल मिला. नेपाल अपने भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों के कारण भारत की विदेश नीति में एक विशेष महत्व रखता है. दोनों देशों के लोग विवाह और पारिवारिक संबंधों के माध्यम से घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं, जिन्हें 'रोटी-बेटी का रिश्ता' (भोजन और परिवार का संबंध) भी कहा जाता है.

भारत और चीन के बीच स्थित इस हिमालयी राष्ट्र ने कई वर्षों तक राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखा, जिसके बाद दिसंबर 2017 में हुए ऐतिहासिक चुनावों में चीन समर्थक वामपंथी गठबंधन सत्ता में आया.

इस साल की शुरुआत नेपाल द्वारा 2000 रुपये, 500 रुपये और 200 रुपये की भारतीय मुद्रा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के साथ हुई. इस फैसले का सबसे अधिक असर भारतीय पर्यटकों पर हुआ. नेपाल में भारतीय मुद्रा बहुतायत से इस्तेमाल होती थी.

हालांकि, इन फैसलों का आपसी गर्मजोशी पर बहुत असर नहीं पड़ा और द्विपक्षीय संबंध मजबूत बने रहे.

नेपाल-भारत के संयुक्त सचिव स्तर की वार्ता फरवरी में पोखरा में हुई, जहां शीर्ष अधिकारियों ने द्विपक्षीय व्यापार और पारगमन संघि की समीक्षा की.

विदेश सचिव विजय गोखले ने मार्च में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से काठमांडू में भेंट की और रेलवे तथा जलमार्ग परियोजनाओं पर चर्चा की.

दोनों पक्षों ने भूकम्प के बाद आवासीय परियोजनाओं के पुनर्निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा की.

भारत ने पुनर्निर्माण परियोजनाओं के लिए 25 करोड़ डॉलर की सहायता देने का वादा किया. भारत ने भूकम्प में क्षतिग्रस्त हुए मकानों को फिर से बनाने के लिए 1.6 अरब रुपये की आर्थिक सहायता दी.

प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोबारा सत्ता में वापसी पर उन्हें बधाई दी और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.

दोनों देशों ने 69 किलोमीटर लंबी मोतिहारी-अम्लेखगंज तेल पाइपलाइन परियोजना का सितंबर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. भारत के 324 करोड़ रुपये की सहायता से इस पाइपलाइन का निर्माण हुआ है.

इस साल नेपाल ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई.

इस साल एक हिमालयी अभियान में आठ भारतीय नागरिकों सहित 17 पर्वतारोहियों की मृत्यु हो गई.

पढ़ें- अफगानिस्तान : तालिबान के हमले में 17 मिलिशिया लड़ाकों की मौत

इस दौरान चीन ने नेपाल में भारी निवेश का सिलसिला जारी रखा. चीन के राष्ट्रपति ने नेपाल यात्रा के दौरान 56 अरब रुपये की सहायता देने का एलान किया.

नेपाल ने कालापानी और लिपुलेक क्षेत्रों को भारत के नए नक्शे में दिखाने पर आपत्ति जताई और दावा किया कि ये क्षेत्र नेपाली सीमा के भीतर स्थित हैं.

साल के अंत में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल, भारत और चीन के बीच तीन स्तरीय रणनीतिक साझेदारी की वकालत की.

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नेपाल-भारत संबंध 2019 में मजबूत रहे, ऊर्जा सहयोग बढ़ा



काठमांडू, 30 दिसंबर (भाषा) नेपाल के साथ भारत के संबंध 2019 में मजबूत रहे और इस दौरान उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय यात्राओं तथा ऊर्जा सहयोग से इसे और बल मिला. इस देश में चीन ने अपना भारी निवेश के बीच भारत के साथ ऊर्जा सहयोग में दक्षिण एशिया की पहली सीमा पार पेट्रोलियम पाइपलाइन का उद्घाटन भी इसमें शामिल है.



नेपाल अपने भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों के कारण भारत की विदेश नीति में एक विशेष महत्व रखता है. दोनों देशों के लोग विवाह और पारिवारिक संबंधों के माध्यम से घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं, जिन्हें 'रोटी-बेटी का रिश्ता' (भोजन और परिवार का संबंध) भी कहा जाता है.



भारत और चीन के बीच स्थित इस हिमालयी राष्ट्र ने कई वर्षों तक राजनीतिक अस्थिरता का दौर देखा, जिसके बाद दिसंबर 2017 में हुए ऐतिहासिक चुनावों में चीन समर्थक वामपंथी गठबंधन सत्ता में आया.



इस साल की शुरुआत नेपाल द्वारा 2000 रुपये, 500 रुपये और 200 रुपये की भारतीय मुद्रा के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के साथ हुई. इस फैसले का सबसे अधिक असर भारतीय पर्यटकों पर हुआ. नेपाल में भारतीय मुद्रा बहुतायत से इस्तेमाल होती थी.



हालांकि, इन फैसलों का आपसी गर्मजोशी पर बहुत असर नहीं पड़ा और द्विपक्षीय संबंध मजबूत बने रहे.



नेपाल-भारत के संयुक्त सचिव स्तर की वार्ता फरवरी में पोखरा में हुई, जहां शीर्ष अधिकारियों ने द्विपक्षीय व्यापार और पारगमन संघि की समीक्षा की.



विदेश सचिव विजय गोखले ने मार्च में प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली से काठमांडू में भेंट की और रेलवे तथा जलमार्ग परियोजनाओं पर चर्चा की.



दोनों पक्षों ने भूकंप के बाद आवासीय परियोजनाओं के पुनर्निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में प्रगति की समीक्षा की.



भारत ने पुनर्निर्माण परियोजनाओं के लिए 25 करोड़ डॉलर की सहायता देने का वादा किया. भारत ने भूंकप में क्षतिग्रस्त हुए मकानों को फिर से बनाने के लिए 1.6 अरब रुपये की आर्थिक सहायता दी.



प्रधानमंत्री ओली ने मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोबारा सत्ता में वापसी पर उन्हें बधाई दी और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए.



दोनों देशों ने 69 किलोमीटर लंबी मोतिहारी-अम्लेखगंज तेल पाइपलाइन परियोजना का सितंबर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. भारत के 324 करोड़ रुपये की सहायता से इस पाइपलाइन का निर्माण हुआ है.



इस साल नेपाल ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक सिक्का जारी किया. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई.



इस साल एक हिमालयी अभियान में आठ भारतीय नागरिकों सहित 17 पर्वतारोहियों की मृत्यु हो गई.



इस दौरान चीन ने नेपाल में भारी निवेश का सिलसिला जारी रखा. चीन के राष्ट्रपति ने नेपाल यात्रा के दौरान 56 अरब रुपये की सहायता देने का ऐलान किया.



नेपाल ने कालापानी और लिपुलेक क्षेत्रों को भारत के नए नक्शे में दिखाने पर आपत्ति जताई और दावा किया कि ये क्षेत्र नेपाली सीमा के भीतर स्थित हैं.



साल के अंत में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने नेपाल, भारत और चीन के बीच तीन स्तरीय रणनीतिक साझेदारी की वकालत की.


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