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अन्य देशों से रिश्तों पर ट्रंप को भारत से मिले स्पष्ट संकेत : पूर्व राजदूत

पीएम मोदी और ट्रंप की जी 20 सम्मेलन में हुई बैठक में भारत ने अमेरिका को लेकर कई बातें स्पष्ट कर दी हैं. भारत ने रूस के साथ हुए S-400 सौदे को लेकर भी अपना रुख साफ कर दिया है. इस संबंध में पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जानें उन्होंने क्या कुछ कहा...

भारत ने स्पष्ट रूप से अमेरिका को स्थिति स्पष्ट की
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Published : Jun 28, 2019, 11:30 PM IST

Updated : Jun 29, 2019, 12:02 AM IST

नई दिल्लीः जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. दोनों नेताओं ने ईरान, 5जी, द्विपक्षीय रिश्तों और रक्षा संबंधों पर चर्चा की. इस पर पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा है कि भारत ने अमेरिका को स्पष्ट संकेत दिए हैं.

गौरतलब है कि ट्रंप और मोदी के बीच द्विपक्षीय व्यापर सहित विभिन्न मुद्दों पर 'खुले माहौल में और सार्थक' बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद जैसी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व को 'मजबूत नेतृत्व' प्रदान करने का संकल्प जताया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका के साथ आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर भारत प्रतिबद्ध है.

ट्रंप और मोदी की G-20 सम्मेलन में बैठक को लेकर पूर्व राजदूत ने ईटीवी भारत से बातचीत की, देखें वीडियो

मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई. हमने प्रौद्योगिकी की शक्ति के इस्तेमाल के उपायों, रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बेहतर बनाने के साथ-साथ व्यापार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.'

पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि भारत ने अमेरिका को अपनी स्थिति साफ तौर पर बता दी है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान त्रिगुणायत ने कहा कि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक का फैसला व्यापार से संबंधित मुद्दों को हल करने का एक सकारात्मक संकेत है.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा, यह ईरान से तेल आयात करने का ही सवाल नहीं है. यह संघर्ष की स्थिति आने पर हमारी सुरक्षा और साथ ही वहां रहने वाले 80 लाख प्रवासियों को काफी हद तक प्रभावित करेगा.

पढ़ेंः जी-20 शिखर सम्मेलन : डिजिटल इकोनॉमी पर हुआ विशेष सत्र

उन्होंने मोदी सरकार के S-400 सौदे पर भी बात करते हुए कहा, 'भारत ने ट्रम्प प्रशासन को भी स्पष्ट संदेश दिया कि वह रूस के साथ अपने S-400 सौदे को रद्द नहीं कर सकता क्योंकि यह हमारा रणनीतिक साझेदार है और भारत दूसरे देश के साथ संबंधों के चलते अपने रिश्ते कमजोर नहीं कर सकता.

गौरतलब है कि चीनी तकनीक की दिग्गज कंपनी हुआवेई की 5-जी तकनीक के उपयोग पर, जो दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बन गई है, अनिल त्रिगुणायत ने जोर देकर कहा, 'हुआवेई भारत में काफी हद तक मौजूद है और मेरी समझ के अनुसार उनके पास अमेरिकन कंपनियों पर लीड भी है.

ट्रंप और मोदी के बीच क्या बातें हुई

इससे पहले भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों नेताओं के बीच बहुत सार्थक एवं विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई. उन्होंने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच अच्छी बातचीत हुई. राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी को (चुनावी) जीत पर बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प द्वारा विदेश मंत्री (माइक) पोम्पिओ के जरिए उन्हें भेजे गए गर्मजोशी भरे पत्र का अमेरिकी राष्ट्रपति से खास तौर पर उल्लेख किया.'

ईरान से कम किया तेल आयात

विदेश सचिव गोखले के मुताबिक ईरान के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी ऊर्जा संबंधी चिंताओं और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता से जुड़ी आशंकाओं को रेखांकित किया. उन्होंने इशारा किया कि भारत की कुल ऊर्जा जरूरत में ईरान 11 प्रतिशत की आपूर्ति करता हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद उसने ईरान से तेल के आयात में कमी की है.

भारतीय पोतों की सुरक्षा

बकौल गोखले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प से कहा, 'इस क्षेत्र में भी हमारे समुदाय के लोग हैं, इस क्षेत्र में भी ऊर्जा की जरूरत है, क्षेत्र में हमारे आर्थिक हित हैं, इसलिए भारत क्षेत्र में मुख्य रूप से शांति एवं स्थिरता बनाये रखने के पक्ष में है.' गोखले के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि खाड़ी से गुजरने वाले भारतीय पोतों की सुरक्षा के लिए भारत ने क्षेत्र में कुछ नौसैन्य जहाजों की तैनाती की है.

तेल की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद

उन्होंने कहा, 'ट्रम्प ने इस बात की बहुत अधिक सराहना की. संक्षिप्त बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने उम्मीद जतायी कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी. उन्होंने (ट्रम्प) तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए खाड़ी देशों में स्थिरता को सुनिश्चत करने के लिए अमेरिका द्वारा उठाये जा रहे कदमों की चर्चा की.'

गोखले के मुताबिक दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि वे ईरान के मुद्दे एवं क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को सुनिश्चित रखने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे.

व्हाइट हाउस ने भी जारी किया बयान

इसके अलावा ट्रम्प-मोदी बैठक को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से भी बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को लेकर हुई प्रगति और इसे अगले स्तर पर ले जाने को लेकर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया.

अमेरिका-भारत का संबंध अभूतपूर्व

व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आर्थिक, व्यापारिक, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद की रोकथाम और अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों के अभूतपूर्व दायरे एवं गहराई को स्वीकार किया.

अहम है साझेदारी

बयान में कहा गया है, 'दोनों नेताओं ने दृढ़ता के साथ कहा कि जिम्मेदार लोकतंत्र होने के नाते वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिहाज से अमेरिका एवं भारत के बीच करीबी साझेदारी काफी महत्वपूर्ण है.'

मजबूत नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध

बकौल व्हाइट हाउस, अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने एवं आने वाले दशकों में अपने नागरिकों की समृद्धि के लिए मजबूत नेतृत्व प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.

कारोबारी अवसरों पर भी हुई चर्चा

मोदी और ट्रम्प ने 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी के तकनीकी एवं कारोबारी अवसरों पर चर्चा की. उनके मुताबिक इस नयी प्रौद्योगिकी से भारत और अमेरिका के बीच सहयोग के नये अवसर खुलेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या करीब एक अरब होगी. इस लिहाज से यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार होगा.

ट्रंप ने चुनावी जीत की भी बधाई दी

ट्रम्प ने चुनाव में जीत को लेकर भी मोदी को बधाई दी और कहा कि दोनों देश सैन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में साथ काम करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'वह शानदार जीत थी, आप इसके हकदार थे, आपने शानदार काम किया है. हमें बहुत अहम चीजों की घोषणा करनी है. व्यापार के संदर्भ में, विनिर्माण के संदर्भ में, हम 5जी पर चर्चा करेंगे. मैं आपको बधाई देता हूं और बातचीत को लेकर सकारात्मक हूं.'

समय को लेकर नहीं है ईरान मुद्दे पर दबाव

उन्होंने कहा, 'हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं और हमारे देश कभी इतने करीब नहीं रहे हैं. मैं इसे आश्वस्त होकर कहता हूं. हम सैन्य सहित अन्य क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे. हम आज व्यापार पर चर्चा करेंगे.' ईरान को लेकर ट्रम्प ने कहा, 'हमारे पास बहुत समय है. कोई जल्दबाजी नहीं है, वे समय ले सकते हैं. समय को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं है.'

वैश्विक मुद्दों पर भी हुई चर्चा

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर चर्चा की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.'

जापान-अमेरिका-भारत (JAI) के बीच त्रिपक्षीय वार्ता के समाप्त होने के तुरंत बाद मोदी और ट्रम्प ने द्विपक्षीय बैठक की.

क्यों अहम है मोदी-ट्रंप की बैठक

मोदी-ट्रम्प की बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिकी उत्पादों पर 'उच्च दर' से शुल्क लगाने के भारत के निर्णय की अमेरिकी राष्ट्रपति खुलकर आलोचना करते रहे हैं.

जापान आने से पहले ट्रंप का ट्वीट

ट्रम्प ने इससे पहले गुरुवार को जापान पहुंचने पर ट्वीट किया था, 'मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी से इस संबंध में बात करना चाहता हूं कि भारत ने वर्षों से अमेरिका के खिलाफ ज्यादा शुल्क लगा रखा है और हाल के दिनों में उसे और बढ़ा दिया गया है. यह अस्वीकार्य है और शुल्क को निश्चित रूप से वापस लिया जाना चाहिए.'

बता दें कि भाजपा के हाल ही में संसदीय चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद मोदी की ट्रम्प से यह पहली मुलाकात है.

नई दिल्लीः जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी बैठक हुई. इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई. दोनों नेताओं ने ईरान, 5जी, द्विपक्षीय रिश्तों और रक्षा संबंधों पर चर्चा की. इस पर पूर्व राजनयिक अनिल त्रिगुणायत ने कहा है कि भारत ने अमेरिका को स्पष्ट संकेत दिए हैं.

गौरतलब है कि ट्रंप और मोदी के बीच द्विपक्षीय व्यापर सहित विभिन्न मुद्दों पर 'खुले माहौल में और सार्थक' बातचीत की. इस दौरान दोनों नेताओं ने आतंकवाद जैसी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए विश्व को 'मजबूत नेतृत्व' प्रदान करने का संकल्प जताया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका के साथ आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर भारत प्रतिबद्ध है.

ट्रंप और मोदी की G-20 सम्मेलन में बैठक को लेकर पूर्व राजदूत ने ईटीवी भारत से बातचीत की, देखें वीडियो

मोदी ने बैठक के बाद ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई. हमने प्रौद्योगिकी की शक्ति के इस्तेमाल के उपायों, रक्षा और सुरक्षा संबंधों को बेहतर बनाने के साथ-साथ व्यापार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की.'

पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि भारत ने अमेरिका को अपनी स्थिति साफ तौर पर बता दी है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान त्रिगुणायत ने कहा कि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बैठक का फैसला व्यापार से संबंधित मुद्दों को हल करने का एक सकारात्मक संकेत है.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा, यह ईरान से तेल आयात करने का ही सवाल नहीं है. यह संघर्ष की स्थिति आने पर हमारी सुरक्षा और साथ ही वहां रहने वाले 80 लाख प्रवासियों को काफी हद तक प्रभावित करेगा.

पढ़ेंः जी-20 शिखर सम्मेलन : डिजिटल इकोनॉमी पर हुआ विशेष सत्र

उन्होंने मोदी सरकार के S-400 सौदे पर भी बात करते हुए कहा, 'भारत ने ट्रम्प प्रशासन को भी स्पष्ट संदेश दिया कि वह रूस के साथ अपने S-400 सौदे को रद्द नहीं कर सकता क्योंकि यह हमारा रणनीतिक साझेदार है और भारत दूसरे देश के साथ संबंधों के चलते अपने रिश्ते कमजोर नहीं कर सकता.

गौरतलब है कि चीनी तकनीक की दिग्गज कंपनी हुआवेई की 5-जी तकनीक के उपयोग पर, जो दोनों देशों के बीच विवाद का कारण बन गई है, अनिल त्रिगुणायत ने जोर देकर कहा, 'हुआवेई भारत में काफी हद तक मौजूद है और मेरी समझ के अनुसार उनके पास अमेरिकन कंपनियों पर लीड भी है.

ट्रंप और मोदी के बीच क्या बातें हुई

इससे पहले भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों नेताओं के बीच बहुत सार्थक एवं विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत हुई. उन्होंने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच अच्छी बातचीत हुई. राष्ट्रपति ट्रम्प ने प्रधानमंत्री मोदी को (चुनावी) जीत पर बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प द्वारा विदेश मंत्री (माइक) पोम्पिओ के जरिए उन्हें भेजे गए गर्मजोशी भरे पत्र का अमेरिकी राष्ट्रपति से खास तौर पर उल्लेख किया.'

ईरान से कम किया तेल आयात

विदेश सचिव गोखले के मुताबिक ईरान के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी ऊर्जा संबंधी चिंताओं और क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता से जुड़ी आशंकाओं को रेखांकित किया. उन्होंने इशारा किया कि भारत की कुल ऊर्जा जरूरत में ईरान 11 प्रतिशत की आपूर्ति करता हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद उसने ईरान से तेल के आयात में कमी की है.

भारतीय पोतों की सुरक्षा

बकौल गोखले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प से कहा, 'इस क्षेत्र में भी हमारे समुदाय के लोग हैं, इस क्षेत्र में भी ऊर्जा की जरूरत है, क्षेत्र में हमारे आर्थिक हित हैं, इसलिए भारत क्षेत्र में मुख्य रूप से शांति एवं स्थिरता बनाये रखने के पक्ष में है.' गोखले के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि खाड़ी से गुजरने वाले भारतीय पोतों की सुरक्षा के लिए भारत ने क्षेत्र में कुछ नौसैन्य जहाजों की तैनाती की है.

तेल की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद

उन्होंने कहा, 'ट्रम्प ने इस बात की बहुत अधिक सराहना की. संक्षिप्त बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने उम्मीद जतायी कि तेल की कीमतें स्थिर रहेंगी. उन्होंने (ट्रम्प) तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए खाड़ी देशों में स्थिरता को सुनिश्चत करने के लिए अमेरिका द्वारा उठाये जा रहे कदमों की चर्चा की.'

गोखले के मुताबिक दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि वे ईरान के मुद्दे एवं क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता को सुनिश्चित रखने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे.

व्हाइट हाउस ने भी जारी किया बयान

इसके अलावा ट्रम्प-मोदी बैठक को लेकर व्हाइट हाउस की ओर से भी बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को लेकर हुई प्रगति और इसे अगले स्तर पर ले जाने को लेकर अपने विचारों का आदान-प्रदान किया.

अमेरिका-भारत का संबंध अभूतपूर्व

व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने आर्थिक, व्यापारिक, ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा, आतंकवाद की रोकथाम और अंतरिक्ष सहित विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय संबंधों के अभूतपूर्व दायरे एवं गहराई को स्वीकार किया.

अहम है साझेदारी

बयान में कहा गया है, 'दोनों नेताओं ने दृढ़ता के साथ कहा कि जिम्मेदार लोकतंत्र होने के नाते वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिहाज से अमेरिका एवं भारत के बीच करीबी साझेदारी काफी महत्वपूर्ण है.'

मजबूत नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध

बकौल व्हाइट हाउस, अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने एवं आने वाले दशकों में अपने नागरिकों की समृद्धि के लिए मजबूत नेतृत्व प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.

कारोबारी अवसरों पर भी हुई चर्चा

मोदी और ट्रम्प ने 5जी दूरसंचार प्रौद्योगिकी के तकनीकी एवं कारोबारी अवसरों पर चर्चा की. उनके मुताबिक इस नयी प्रौद्योगिकी से भारत और अमेरिका के बीच सहयोग के नये अवसर खुलेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या करीब एक अरब होगी. इस लिहाज से यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार होगा.

ट्रंप ने चुनावी जीत की भी बधाई दी

ट्रम्प ने चुनाव में जीत को लेकर भी मोदी को बधाई दी और कहा कि दोनों देश सैन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में साथ काम करेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'वह शानदार जीत थी, आप इसके हकदार थे, आपने शानदार काम किया है. हमें बहुत अहम चीजों की घोषणा करनी है. व्यापार के संदर्भ में, विनिर्माण के संदर्भ में, हम 5जी पर चर्चा करेंगे. मैं आपको बधाई देता हूं और बातचीत को लेकर सकारात्मक हूं.'

समय को लेकर नहीं है ईरान मुद्दे पर दबाव

उन्होंने कहा, 'हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए हैं और हमारे देश कभी इतने करीब नहीं रहे हैं. मैं इसे आश्वस्त होकर कहता हूं. हम सैन्य सहित अन्य क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे. हम आज व्यापार पर चर्चा करेंगे.' ईरान को लेकर ट्रम्प ने कहा, 'हमारे पास बहुत समय है. कोई जल्दबाजी नहीं है, वे समय ले सकते हैं. समय को लेकर किसी तरह का दबाव नहीं है.'

वैश्विक मुद्दों पर भी हुई चर्चा

प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी, 'प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने ओसाका में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर चर्चा की. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.'

जापान-अमेरिका-भारत (JAI) के बीच त्रिपक्षीय वार्ता के समाप्त होने के तुरंत बाद मोदी और ट्रम्प ने द्विपक्षीय बैठक की.

क्यों अहम है मोदी-ट्रंप की बैठक

मोदी-ट्रम्प की बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिकी उत्पादों पर 'उच्च दर' से शुल्क लगाने के भारत के निर्णय की अमेरिकी राष्ट्रपति खुलकर आलोचना करते रहे हैं.

जापान आने से पहले ट्रंप का ट्वीट

ट्रम्प ने इससे पहले गुरुवार को जापान पहुंचने पर ट्वीट किया था, 'मैं प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी से इस संबंध में बात करना चाहता हूं कि भारत ने वर्षों से अमेरिका के खिलाफ ज्यादा शुल्क लगा रखा है और हाल के दिनों में उसे और बढ़ा दिया गया है. यह अस्वीकार्य है और शुल्क को निश्चित रूप से वापस लिया जाना चाहिए.'

बता दें कि भाजपा के हाल ही में संसदीय चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद मोदी की ट्रम्प से यह पहली मुलाकात है.

Intro:With the most anticipated meeting between US President Donald Trump and Prime Minister Narendra Modi on the sidelines of the G20 summit is over, former ambassador Anil Trigunayat has claimed that India conveyed its position quite clearly to the USA.


Body:Speaking exclusively to ETV Bharat, the former ambassador called decision to hold bilateral meeting between Commerce Ministers of both countries to resolve trade related issues is a positive sign.

Though, he stated the tensions in the Gulf region was India's biggest concern on which PM Modi has clarified country's position to the Trump administration.

'It's not only a question of importing oil from Iran, if a conflict takes place then it will affect our security and eight million diaspora living there,' former ambassador Anil Trigunayat said.




Conclusion:He also hailed Modi government stand on S400 deal saying, 'India also gave a clear message to Trump administration that it can't cancel its S400 deal with Russia as it is our strategic partner and India cannot undermine one relationship over other.'

On the usage of Chinese tech giant Huawei's 5-G technology, which has also become a bone of contention between both countries, Anil Trigunayat stressed saying, 'Huawei is largely present in India and according to my understanding they have some of kind of lead over American companies.'
Last Updated : Jun 29, 2019, 12:02 AM IST
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