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दूसरे देश से दोस्ती का मतलब किसी तीसरे के खिलाफ होना नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती. हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते.

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Published : Sep 26, 2020, 10:11 PM IST

Prime Minister Narendra Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत जब किसी दूसरे देश से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होता. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती. हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते.

इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा की यह बैठक मुख्य रूप से डिजिटल माध्यम से हो रही है. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विश्व के अधिकतर नेताओं ने न्यूयॉर्क पहुंचना मुनासिब नहीं समझा.

पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी से लेकर एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने हमेशा पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा है, न कि अपने निहित स्वार्थों के बारे में. भारत की साझेदारी करने का मार्गदर्शन भी यही सिद्धांत तय करता है.

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी बोले- कोरोना काल में कहां है संयुक्त राष्ट्र, बदलाव वक्त की मांग

भारत ने दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल की थी. इतना ही नहीं आपदा और अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस से जुड़े प्रयासों की पहल भी भारत ने ही की.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत जब किसी दूसरे देश से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होता. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती. हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते.

इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा की यह बैठक मुख्य रूप से डिजिटल माध्यम से हो रही है. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विश्व के अधिकतर नेताओं ने न्यूयॉर्क पहुंचना मुनासिब नहीं समझा.

पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी से लेकर एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने हमेशा पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा है, न कि अपने निहित स्वार्थों के बारे में. भारत की साझेदारी करने का मार्गदर्शन भी यही सिद्धांत तय करता है.

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भारत ने दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल की थी. इतना ही नहीं आपदा और अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस से जुड़े प्रयासों की पहल भी भारत ने ही की.

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