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भारत-चीन सीमा पर देश का पहला न्यू जेनरेशन पुल तैयार, जानें पुल की क्षमता और खूबी...

देहरादून के उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे गंगोरी में बने देश के पहले न्यू जनरेशन पुल पर बीआरओ ने वैकल्पिक आवाजाही शुरू करवा दी है. यह पुल करीब 190 फीट लंबा है. साथ ही इसकी भार वाहन क्षमता 70 टन है. पढे़ं खबर विस्तार से...

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न्यू जेनरेशन पुल
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Published : May 6, 2020, 8:08 PM IST

देहरादून : उत्तरकाशी में भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश के पहले न्यू जेनरेशन पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. बीआरओ की टीम ने गंगोत्री हाईवे गंगोरी में बने इस पुल पर वैकल्पिक आवाजाही शुरू करवा दी है. यह पुल करीब 190 फीट लंबा है. साथ ही इसकी भार वाहन क्षमता 70 टन है. हालांकि अभी बीआरओ ने इस पर स्थायी आवाजाही के लिए हामी नहीं भरी है. क्योंकि इसकी लोडिंग टेस्टिंग होना अभी बाकी है.

इस स्थान पर पूर्व में तीन वैली ब्रिज टूट चुके हैं. वहीं अब देश के पहले डबल लेन न्यू जनरेशन पुल के बनने से सामरिक और चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से एक नई उम्मीद बंध गई है.

भारत-चीन सीमा पर देश का पहला न्यू जेनरेशन पुल तैयार

बीते शनिवार को केलशू घाटी में मूसलाधार बारिश के चलते अस्सी गंगा नदी उफान पर आने कारण वैकल्पिक मार्ग पर पानी बहने के कारण जिला प्रशासन और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने न्यू जनरेशन पुल पर आवाजाही शुरू करवाई थी.

लेकिन मंगलवार को गंगोत्री हाईवे का वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा नदी के तेज बहाव में बहने पर बीआरओ ने न्यू जनरेशन पुल पर आवाजाही शुरू करवाई. हालांकि पुल पर अभी स्थायी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है.

पढ़े: शहीद अश्वनी का पार्थिव शरीर लाया गया पैतृक गांव, घर के बाहर उमड़ी भीड़

इससे पूर्व गंगोरी में अस्सी गंगा नदी के ऊपर बने गंगोत्री हाईवे के तीन वैली पुल टूट चुके थे. उसके बाद बीआरओ के लिए एक बड़ी चुनौती थी कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के इस पुल को मजबूत और टिकाऊ बनाया जाए.

बीआरओ ने न्यू जनरेशन पुल के निर्माण के लिए कोलकाता की एक निजी कंपनी से इसके एंगल सहित कलपुर्जे मंगवाए, उसके बाद देश में पहले न्यू जनरेशन पुल का निर्माण किया गया. यह पुल चारधाम यात्रा और सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह पुल डबल लेन होने के साथ 70 टन का भार संभाल सकता है. जिससे सेना को रसद और सामग्री भारत-चीन सीमा तक पहुंचाने में उपयोगी साबित होगा.

देहरादून : उत्तरकाशी में भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर देश के पहले न्यू जेनरेशन पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. बीआरओ की टीम ने गंगोत्री हाईवे गंगोरी में बने इस पुल पर वैकल्पिक आवाजाही शुरू करवा दी है. यह पुल करीब 190 फीट लंबा है. साथ ही इसकी भार वाहन क्षमता 70 टन है. हालांकि अभी बीआरओ ने इस पर स्थायी आवाजाही के लिए हामी नहीं भरी है. क्योंकि इसकी लोडिंग टेस्टिंग होना अभी बाकी है.

इस स्थान पर पूर्व में तीन वैली ब्रिज टूट चुके हैं. वहीं अब देश के पहले डबल लेन न्यू जनरेशन पुल के बनने से सामरिक और चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से एक नई उम्मीद बंध गई है.

भारत-चीन सीमा पर देश का पहला न्यू जेनरेशन पुल तैयार

बीते शनिवार को केलशू घाटी में मूसलाधार बारिश के चलते अस्सी गंगा नदी उफान पर आने कारण वैकल्पिक मार्ग पर पानी बहने के कारण जिला प्रशासन और बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने न्यू जनरेशन पुल पर आवाजाही शुरू करवाई थी.

लेकिन मंगलवार को गंगोत्री हाईवे का वैकल्पिक मार्ग अस्सी गंगा नदी के तेज बहाव में बहने पर बीआरओ ने न्यू जनरेशन पुल पर आवाजाही शुरू करवाई. हालांकि पुल पर अभी स्थायी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है.

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इससे पूर्व गंगोरी में अस्सी गंगा नदी के ऊपर बने गंगोत्री हाईवे के तीन वैली पुल टूट चुके थे. उसके बाद बीआरओ के लिए एक बड़ी चुनौती थी कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के इस पुल को मजबूत और टिकाऊ बनाया जाए.

बीआरओ ने न्यू जनरेशन पुल के निर्माण के लिए कोलकाता की एक निजी कंपनी से इसके एंगल सहित कलपुर्जे मंगवाए, उसके बाद देश में पहले न्यू जनरेशन पुल का निर्माण किया गया. यह पुल चारधाम यात्रा और सामरिक दृष्टिकोण से भी बहुत ही महत्वपूर्ण है. क्योंकि यह पुल डबल लेन होने के साथ 70 टन का भार संभाल सकता है. जिससे सेना को रसद और सामग्री भारत-चीन सीमा तक पहुंचाने में उपयोगी साबित होगा.

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