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अमेरिका-ईरान के बीच बढ़ते तनाव से सहमा चाय उद्योग, बासमती चावल का निर्यात रुका

अमेंरिका तथा ईरान के बीच तनाव की आशंका से चाय उद्योग चिंतित है. ईरान चाय का एक प्रमुख आयातक देश है और युद्ध स्थिति में चाय का निर्यात बंद हो सकता है. वहीं बासमती चावल के निर्यात को रोक दिया गया है.

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Published : Jan 5, 2020, 10:11 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने की स्थिति में चाय उद्योग ने चिंता जाहिर की है. चाय उद्योग ने कहा कि इससे तेहरान से होने वाले चाय के आयात पर असर पड़ सकता है. वहीं, घरेलू व्यापार संगठन ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन (AIREA) ने निर्यातकों से कहा कि जब तक ईरान में हालात सामन्य नहीं होंगे, तब तक ईरान को बासमती चावल का निर्यात रोक दें.

अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका-ईरान तनाव बढ़ गया है.

गौरतलब है कि भारत के लिए ईरान प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में एक हैं. ईरान द्वारा भारत को कच्चे तेल, उर्वरक और रसायन का निर्यात किया जाता है. वहीं वह भारत से मोटे अनाज, चाय, कॉफी, बासमती चावल, मसालों का आयात करता है.

वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान को भारत का निर्यात 3.51 अरब डॉलर या 24,920 करोड़ रुपये का रहा था. वहीं इस दौरान आयात 13.52 अरब डॉलर या 96,000 करोड़ रुपये रहा था. व्यापार असंतुलन की प्रमुख वजह भारत द्वारा ईरान से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात है.

अभी दोनों देश आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय तरजीही व्यापार करार (पीटीए) को लेकर वार्ताएं कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- इराक : बगदाद स्थित अमेरिकी बेस और ग्रीन जोन पर मिसाइल हमला

बासमती चावल का निर्यात निलंबित
अमेरिका तथा ईरान के बीच ताजा तनाव को देखते हुए घरेलू व्यापार संगठन ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन (AIREA) ने निर्यातकों से कहा है कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, तब तक वे ईरान को बासमती चावल का निर्यात रोक दें. AIREA ने कहा है कि भारत के बासमती चावल का ईरान एक प्रमुख आयातक देश है और अगर निर्यात पर असर पड़ता है तो घरेलू कीमतों पर असर पड़ेगा, जिसका प्रभाव किसानों पर देखने को मिलेगा.

नई दिल्ली : अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने की स्थिति में चाय उद्योग ने चिंता जाहिर की है. चाय उद्योग ने कहा कि इससे तेहरान से होने वाले चाय के आयात पर असर पड़ सकता है. वहीं, घरेलू व्यापार संगठन ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन (AIREA) ने निर्यातकों से कहा कि जब तक ईरान में हालात सामन्य नहीं होंगे, तब तक ईरान को बासमती चावल का निर्यात रोक दें.

अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका-ईरान तनाव बढ़ गया है.

गौरतलब है कि भारत के लिए ईरान प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में एक हैं. ईरान द्वारा भारत को कच्चे तेल, उर्वरक और रसायन का निर्यात किया जाता है. वहीं वह भारत से मोटे अनाज, चाय, कॉफी, बासमती चावल, मसालों का आयात करता है.

वित्त वर्ष 2018-19 में ईरान को भारत का निर्यात 3.51 अरब डॉलर या 24,920 करोड़ रुपये का रहा था. वहीं इस दौरान आयात 13.52 अरब डॉलर या 96,000 करोड़ रुपये रहा था. व्यापार असंतुलन की प्रमुख वजह भारत द्वारा ईरान से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल का आयात है.

अभी दोनों देश आपसी व्यापार बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय तरजीही व्यापार करार (पीटीए) को लेकर वार्ताएं कर रहे हैं.

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बासमती चावल का निर्यात निलंबित
अमेरिका तथा ईरान के बीच ताजा तनाव को देखते हुए घरेलू व्यापार संगठन ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन (AIREA) ने निर्यातकों से कहा है कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, तब तक वे ईरान को बासमती चावल का निर्यात रोक दें. AIREA ने कहा है कि भारत के बासमती चावल का ईरान एक प्रमुख आयातक देश है और अगर निर्यात पर असर पड़ता है तो घरेलू कीमतों पर असर पड़ेगा, जिसका प्रभाव किसानों पर देखने को मिलेगा.

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