पश्चिम बंगाल : भारतीय तटरक्षक जहाज कनकलता बरुआ को कोलकाता पोर्ट से शुरू किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जिवेश नंदन, आईसीजी महानिदेशक के नटराजन, जीआरएसई के सीएमडी रियर एडमिरल वीके सक्सेना (सेवानिवृत्त), तटरक्षक बल के कमांडर (एनई) एके हरबोला और अन्य एमओडी के सदस्यों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आईसीजी जहाज का उद्धाटन किया जाएगा.
भारतीय कोस्ट गार्ड के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि भारतीय समुद्री इतिहास में यह दूसरी बार है कि तटरक्षक पोतों को डिजिटल माध्यम से शुरू किया गया है, जो महामारी कोविड-19 की पृष्ठभूमि में सोशल डिस्टेंसिंग के सख्त प्रोटोकॉल को बनाए रखता है.
'आत्मानिभर भारत का बेहतरीन उदाहरण'
इंडियन कोस्ट गार्ड शिप कनकलता बरुआ, पांच फास्ट पैट्रोल वेसल्स (एफपीवी) की श्रृंखला में अंतिम रूप से गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड, कोलकाता द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है, जो आत्मानिभर भारत का एक बेहतरीन उदाहरण है और इसे अत्याधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर समेत मशीनरी के साथ फिट किया गया है.
कई मायने में खास है जहाज कनकलता बरुआ
49 मीटर के जहाज में 310 टन विस्थापन है, जो तीन एमटीयू 4000 सीरीज इंजन द्वारा संचालित होता है, जो 35 समुद्री मील की अधिकतम गति के लिए डिजाइन किया गया है. जहाज को एक आरआईबी उच्च गति वाली नौकाओं और स्विफ्ट बोर्डिंग की खोज समेत बचाव कार्यों के लिए एक मिथुन नाव ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है.
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स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर जहाज का नाम
जहाज का नाम एक स्वतंत्रता सेनानी कनकलता बरुआ के सम्मान में रखा गया था, जो 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को लेकर जुलूस का नेतृत्व करते हुए शहीद हो गई थीं. आईसीजीएस कनकलता बरुआ एक समान रूप से नामित पोत है, जो 1997 से 2018 तक कमीशन में था. बता दें कि जहाज की कमान कमांडेंट (जेजी) सुभाष कपूर ने संभाली है.
70 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री
भारतीय तटरक्षक बल स्वदेशी संपत्ति को शामिल करने में अग्रणी रहा है. आईसीजी को यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आज जिस जहाज को चालू किया गया है, उसमें लगभग 70 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है, इस प्रकार भारतीय जहाज निर्माण उद्योग के लिए आवश्यक भरण प्रदान करता है.
कर्तव्यों के लिए बड़े पैमाने पर तैनाती
तट रक्षक बेड़े में शामिल होने पर जहाज को ईईजेड निगरानी, तटीय सुरक्षा और अन्य कर्तव्यों के लिए बड़े पैमाने पर तैनात किया जाएगा, जो कि राष्ट्र के समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए, तट रक्षक चार्टर में निहित है. इस जहाज के चालू होने के साथ भारतीय तटरक्षक बल के पास 151 जहाज और नाव समेत 62 विमान हैं. इसके अलावा 40 जहाज विभिन्न भारतीय शिपयार्डों में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं, इसके साथ ही 16 उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर मैसर्स एचएएल, बेंगलुरु में निर्माणाधीन हैं, जो कि आईसीजी की निगरानी क्षमताओं को हमेशा गतिशील डायनामिक से निपटने के लिए अतिरिक्त शक्ति प्रदान करने और चुनौती देने में माहिर है.