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एलएसी पर झड़प में चीन के कई जवान घायल

भारत और चीन उत्तर सिक्किम में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में 15 सैनिकों के घायल होने की सूचना मिली है. पीएलए के दो आधिकारियों समेत 12 जवान घायल हो गए हैं. भारत के तीन जवान घायल हुए हैं. पेश है ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब बरुआ की एक रिपोर्ट.

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Published : Jan 25, 2021, 7:46 PM IST

नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ महीने तक चलने वाले गतिरोध के बीच सिक्किम में कम से कम दो स्थानों पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई.

पहली घटना कथित तौर पर जनवरी के पहले सप्ताह में उत्तरी सिक्किम में एलएसी के पास लाचुंग में हुई थी, जबकि दूसरी घटना नकु ला इलाके में हुई.

सूत्रों ने कहा कि पहली घटना में पीएलए के दो अधिकारी और दस सैनिक घायल हो गए, जबकि भारतीय सेना के तीन सैनिक घायल हुए थे.

एक स्रोत ने ईटीवी भारत को बताया कि पहली घटना में एक भारतीय सेना की गश्ती दल ने चीनी पीएलए को भारत और चीन के बीच नो मैंस लैंड (non-man's land ) पर बंकर स्थापित करते देखा. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने इन बंकरों को ध्वस्त कर दिया, जिससे दोनों देशों के सौनिकों के बीच विवाद छिड़ गया. इस दौरान कई सौनिकों को चोट लगी थीं, लेकिन चोटें गंभीर नहीं थीं. हालांकि जल्द ही मामले को सुलझाया लिया गया.

सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने नाथू ला (सिक्किम) में एक फ्लैग मीटिंग के दौरान भारतीय सेना को घटना का वीडियो-ग्राफ दिखाया था, जो सीमा को लेकर चल रही वार्ता के पांच अहम बिंदुओं में से एक था. बातचीत के चार अन्य बिंदु दौलत बेग ओल्डी और चुशुल (लद्दाख में), बुम-ला और किबिथु (अरुणाचल प्रदेश में) हैं.

दूसरी घटना की पुष्टि भारतीय सेना ने आज (सोमवार) जारी एक बयान में की. सेना ने कहा कि 20 जनवरी 2021 को उत्तरी सिक्किम के नाकुला इलाके में दोनों सेनाओं के बीच हल्की फुल्की झड़प हुई, जिसे स्थानीय कमांडरों ने स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार हल किया.

इस बयान ने मीडिया से उन रिपोर्टों को तोड़-मरोड़ कर पेश न करने से परहेज करने का अनुरोध किया, जो तथ्यात्मक रूप से गलत हो सकती हैं.

दिलचस्प बात यह है कि सोमवार को राज्य-संबद्ध चीनी मीडिया में एक रिपोर्ट ने इनकार कर दिया था कि सीमा पर कोई भी हिंसक घटना हुई थी. हालांकि, ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के फ्रंटलाइन फोर्सेस के बीच मामूली झड़पें हुई हैं, लेकिन अगर हताहतों हुआ है, तो यह संभव नहीं है कि चीनी गश्त दल को इसकी जानकारी न हो.

हाल ही में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के लद्दाख से लेकर दो एशियाई दिग्गजों के बीच सीमा पर होने वाली विशाल और अभूतपूर्व लामबंदी से लेकर दोनों पक्षों के बीच हुई बैठकों की श्रृंखला के बीच विघटन और डी-एस्केलेट के बीच ताजा घटनाएं हुई हैं.

पढ़ें- भारत-चीन के बीच नौवें दौर की वार्ता जारी, सैनिकों की संख्या कम करने पर फोकस

नवीनतम घटनांए पश्चिम में लद्दाख से लेकर पूर्व में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक दो एशियाई दिग्गजों की ओर से सीमा पर सेना की मौजूदगी को कम करने को दोनों पक्षों के हो रही बैठकों की एक श्रृंखला के बीच हुई हैं.

पिछले साल के 6 नवंबर से अब तक दोनों देशों के बीच नौ दौर की वार्ता हो चुकी है. यह वार्ताएं (24 जनवरी, 2021) , 6 जून, 22 जून, 30 जून, 30 जून, 14 जुलाई, 2 अगस्त, 21 सितंबर, और 12 अक्टूबरको हुई हैं.

झड़प की रिपोर्टों को छिपाने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए जा रहे प्रयास कठोर सर्दियों और बेहद कठिन परिस्थितियों के बीच भी सीमा रेखा को लेकर चल रहे विवाद को हल करने की इच्छा शक्ति का संकेत दे रहे हैं.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि दोनों पक्षों ने लंबी सीमा के साथ अपने सैन्य पॉजिशन को मजबूत किया है और सीमा विवाद को हल करने के लिए मौजूदा रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म के नियम बदल गए हैं.

नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच नौ महीने तक चलने वाले गतिरोध के बीच सिक्किम में कम से कम दो स्थानों पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई.

पहली घटना कथित तौर पर जनवरी के पहले सप्ताह में उत्तरी सिक्किम में एलएसी के पास लाचुंग में हुई थी, जबकि दूसरी घटना नकु ला इलाके में हुई.

सूत्रों ने कहा कि पहली घटना में पीएलए के दो अधिकारी और दस सैनिक घायल हो गए, जबकि भारतीय सेना के तीन सैनिक घायल हुए थे.

एक स्रोत ने ईटीवी भारत को बताया कि पहली घटना में एक भारतीय सेना की गश्ती दल ने चीनी पीएलए को भारत और चीन के बीच नो मैंस लैंड (non-man's land ) पर बंकर स्थापित करते देखा. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने इन बंकरों को ध्वस्त कर दिया, जिससे दोनों देशों के सौनिकों के बीच विवाद छिड़ गया. इस दौरान कई सौनिकों को चोट लगी थीं, लेकिन चोटें गंभीर नहीं थीं. हालांकि जल्द ही मामले को सुलझाया लिया गया.

सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने नाथू ला (सिक्किम) में एक फ्लैग मीटिंग के दौरान भारतीय सेना को घटना का वीडियो-ग्राफ दिखाया था, जो सीमा को लेकर चल रही वार्ता के पांच अहम बिंदुओं में से एक था. बातचीत के चार अन्य बिंदु दौलत बेग ओल्डी और चुशुल (लद्दाख में), बुम-ला और किबिथु (अरुणाचल प्रदेश में) हैं.

दूसरी घटना की पुष्टि भारतीय सेना ने आज (सोमवार) जारी एक बयान में की. सेना ने कहा कि 20 जनवरी 2021 को उत्तरी सिक्किम के नाकुला इलाके में दोनों सेनाओं के बीच हल्की फुल्की झड़प हुई, जिसे स्थानीय कमांडरों ने स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार हल किया.

इस बयान ने मीडिया से उन रिपोर्टों को तोड़-मरोड़ कर पेश न करने से परहेज करने का अनुरोध किया, जो तथ्यात्मक रूप से गलत हो सकती हैं.

दिलचस्प बात यह है कि सोमवार को राज्य-संबद्ध चीनी मीडिया में एक रिपोर्ट ने इनकार कर दिया था कि सीमा पर कोई भी हिंसक घटना हुई थी. हालांकि, ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों देशों के फ्रंटलाइन फोर्सेस के बीच मामूली झड़पें हुई हैं, लेकिन अगर हताहतों हुआ है, तो यह संभव नहीं है कि चीनी गश्त दल को इसकी जानकारी न हो.

हाल ही में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के लद्दाख से लेकर दो एशियाई दिग्गजों के बीच सीमा पर होने वाली विशाल और अभूतपूर्व लामबंदी से लेकर दोनों पक्षों के बीच हुई बैठकों की श्रृंखला के बीच विघटन और डी-एस्केलेट के बीच ताजा घटनाएं हुई हैं.

पढ़ें- भारत-चीन के बीच नौवें दौर की वार्ता जारी, सैनिकों की संख्या कम करने पर फोकस

नवीनतम घटनांए पश्चिम में लद्दाख से लेकर पूर्व में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश तक दो एशियाई दिग्गजों की ओर से सीमा पर सेना की मौजूदगी को कम करने को दोनों पक्षों के हो रही बैठकों की एक श्रृंखला के बीच हुई हैं.

पिछले साल के 6 नवंबर से अब तक दोनों देशों के बीच नौ दौर की वार्ता हो चुकी है. यह वार्ताएं (24 जनवरी, 2021) , 6 जून, 22 जून, 30 जून, 30 जून, 14 जुलाई, 2 अगस्त, 21 सितंबर, और 12 अक्टूबरको हुई हैं.

झड़प की रिपोर्टों को छिपाने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए जा रहे प्रयास कठोर सर्दियों और बेहद कठिन परिस्थितियों के बीच भी सीमा रेखा को लेकर चल रहे विवाद को हल करने की इच्छा शक्ति का संकेत दे रहे हैं.

इसमें कोई संदेह नहीं है कि दोनों पक्षों ने लंबी सीमा के साथ अपने सैन्य पॉजिशन को मजबूत किया है और सीमा विवाद को हल करने के लिए मौजूदा रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म के नियम बदल गए हैं.

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