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एलएसी विवाद : भारत-चीन सैन्य कमांडरों के बीच चुशूल-मोल्दो में अहम बैठक

भारत-चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक आज चुशूल-मोल्दो में हो रही है. यह बैठक लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव के मद्देनजर काफी अहम मानी जा रही है.

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लद्दाख को लेकर भारत-चीन सैन्य कमांडरों की आज होगी बातचीत
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Published : Jun 22, 2020, 11:49 AM IST

Updated : Jun 22, 2020, 12:54 PM IST

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में महीने भर जारी गतिरोध को कम करने के लिए एक और कवायद शुरू हो रही है. दरअसल भारत-चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक आज चुशूल-मोल्दो (Chushul-Moldo) में हो रही है. पूर्वाह्न 11:30 बजे शुरू हुई बैठक में चार प्रमुख बिंदुओं पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है. वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह कर रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील इलाकों से सैनिकों को हटाने का फैसला किया था.

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 15 जून की रात को गलवान घाटी हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय सेना और चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कोर कमांडर पूर्वी लद्दाख के मोल्दो में सीमा के चीनी पक्ष में भारत के चुशूल में मिल रहे हैं.

बता दें कि गलवान घाटी में दोनों पक्षों के कई सैनिकों के जीवन का बलिदान एजेंडे में सबसे ऊपर होगा. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ के बारे में बहुत सारी जानकारी अभी भी अटकलों के दायरे में है, जिसमें सैनिकों को बंदी बनाए जाने की रिपोर्ट भी शामिल है.

दोनों देशों के तनाव के बावजूद एक सकारात्मक आयाम सैन्य परंपरा का निर्वाह रहा, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से घायलों को चिकित्सा मुहैया कराई गई.

इससे पहले बीते छह जून को मोल्दो में ही दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बैठक हुई थी. बैठक में तय किए गए शर्तों का उल्लंघन करते हुए पीएलए द्वारा गलवान घाटी में भारतीय जमीन पर पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी-14) पर अस्थाई निर्माण किया गया. इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. यह मुद्दा भी आज की बैठक में अहम रहेगा.

इसके अलावा दोनों देशों के सैन्य कमांडर तनाव कम करने के उपायों पर कैसे अमल करना है, इस बारे में भी चर्चा करेंगे. बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं के अप्रत्याशित रुप से एलएसी के आसपास जुटने और भारी हथियार जमा करने के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से तनाव का माहौल है.

एक अन्य महत्वपूर्ण चिंता, लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर 4 क्षेत्र से संबंधित है. पीएलए ने फिंगर 4 क्षेत्र में बनी भारतीय चौकियों के आसपास शेड और अर्ध-स्थायी संरचनाओं का निर्माण किया है. पीएलए ने ऐसा कर बड़े पैमाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. यहां तक ​​कि इन इलाकों में भारी वाहन और आर्टिलरी गन भी तैनात किए गए हैं.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.

यह भी पढ़ें: सीमा पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, दुश्मन चीन के भी 43 सैनिक हताहत

अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे.

यह भी पढ़ें: एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में महीने भर जारी गतिरोध को कम करने के लिए एक और कवायद शुरू हो रही है. दरअसल भारत-चीन के सैन्य कमांडरों की बैठक आज चुशूल-मोल्दो (Chushul-Moldo) में हो रही है. पूर्वाह्न 11:30 बजे शुरू हुई बैठक में चार प्रमुख बिंदुओं पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है. वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्दर सिंह कर रहे हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत छह जून को हुई थी जिसमें दोनों पक्षों ने सभी संवेदनशील इलाकों से सैनिकों को हटाने का फैसला किया था.

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच 15 जून की रात को गलवान घाटी हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय सेना और चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कोर कमांडर पूर्वी लद्दाख के मोल्दो में सीमा के चीनी पक्ष में भारत के चुशूल में मिल रहे हैं.

बता दें कि गलवान घाटी में दोनों पक्षों के कई सैनिकों के जीवन का बलिदान एजेंडे में सबसे ऊपर होगा. हालांकि, दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ के बारे में बहुत सारी जानकारी अभी भी अटकलों के दायरे में है, जिसमें सैनिकों को बंदी बनाए जाने की रिपोर्ट भी शामिल है.

दोनों देशों के तनाव के बावजूद एक सकारात्मक आयाम सैन्य परंपरा का निर्वाह रहा, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से घायलों को चिकित्सा मुहैया कराई गई.

इससे पहले बीते छह जून को मोल्दो में ही दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की बैठक हुई थी. बैठक में तय किए गए शर्तों का उल्लंघन करते हुए पीएलए द्वारा गलवान घाटी में भारतीय जमीन पर पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी-14) पर अस्थाई निर्माण किया गया. इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. यह मुद्दा भी आज की बैठक में अहम रहेगा.

इसके अलावा दोनों देशों के सैन्य कमांडर तनाव कम करने के उपायों पर कैसे अमल करना है, इस बारे में भी चर्चा करेंगे. बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं के अप्रत्याशित रुप से एलएसी के आसपास जुटने और भारी हथियार जमा करने के कारण पिछले एक महीने से अधिक समय से तनाव का माहौल है.

एक अन्य महत्वपूर्ण चिंता, लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर 4 क्षेत्र से संबंधित है. पीएलए ने फिंगर 4 क्षेत्र में बनी भारतीय चौकियों के आसपास शेड और अर्ध-स्थायी संरचनाओं का निर्माण किया है. पीएलए ने ऐसा कर बड़े पैमाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. यहां तक ​​कि इन इलाकों में भारी वाहन और आर्टिलरी गन भी तैनात किए गए हैं.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून की दरम्यानी रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे. देर रात सैन्य सूत्रों के हवाले से आई खबरों में बताया गया था कि चीनी पक्ष में 43 लोग हताहत हुए हैं.

यह भी पढ़ें: सीमा पर हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, दुश्मन चीन के भी 43 सैनिक हताहत

अमेरिकी खुफिया विभाग के हवाले से सामने आई खबरों के मुताबिक गलवान में हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना के एक कमांडर समेत 35 लोग भी मारे गए थे.

यह भी पढ़ें: एलएसी पर झड़प में चीनी कमांडर समेत 35 सैनिक ढेर

Last Updated : Jun 22, 2020, 12:54 PM IST
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