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भारत सरकार का अहम फैसला, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित

भारत सरकार ने बांग्लादेश के संगठन को प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया है. इसे रक्षा मामलों से जुड़ा अहम फैसला माना जा रहा है. जानें क्या है पूरा मामला

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Published : May 24, 2019, 11:25 PM IST

Updated : May 24, 2019, 11:58 PM IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान भी कहा जाता है. यह एक जुलाई, 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक कैफे में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है.

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गृह मंत्रालय से जारी सूचना.

शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि इस संगठन ने आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है और यह भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भरने और उनकी भर्ती करने का काम करता रहा है.

अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान एवं इसके सभी सहयोगी संगठनों को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 की पहली अनुसूची में डाला गया है.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की पहली अनुसूची में नाम शामिल किए जाने का मतलब है कि संगठन अब भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

पढ़ें-PAK में हाफिज सईद के जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत समेत 70 संस्थाओं पर प्रतिबंध

अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश 1998 में अस्तित्व में आया और उसका मकसद जिहाद के जरिए एक खिलाफत कायम करना है.

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भारत सरकार ने बांग्लादेश के संगठन को प्रतिबंधित किया.

बांग्लादेश में 2016 में हुए हमले में 17 विदेशियों सहित 22 लोग मारे गए थे. एक संयुक्त अभियान के दौरान पुलिस ने भी छह हमलावरों को मार गिराया था.

इसके छह दिन बाद आतंकवादियों ने बांग्लादेश में ईद के मौके पर इकट्ठा हुए लोगों के सबसे बड़े समूह की निगरानी कर रही पुलिस पर हमला किया था. इस हमले में तीन अन्य लोगों की हत्या कर दी गई थी.

बांग्लादेश पुलिस ने इन दोनों आतंकी हमलों के लिए आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जिम्मेदार ठहराया था.

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश ने भारत में भी वारदातों को अंजाम दिया है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने दो मामलों में इसके सुराग जमा किए थे. इन मामलों पर एक नजर:

  • दो अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम धमाके
  • 19 जनवरी, 2018 को बिहार के बोध गया में हुए बम धमाके

असम पुलिस को उसकी ओर से दर्ज पांच मामलों में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश की संलिप्तता नजर आई है. इस संगठन से जुड़े 56 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान भी कहा जाता है. यह एक जुलाई, 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक कैफे में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है.

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गृह मंत्रालय से जारी सूचना.

शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि इस संगठन ने आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है और यह भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भरने और उनकी भर्ती करने का काम करता रहा है.

अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान एवं इसके सभी सहयोगी संगठनों को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 की पहली अनुसूची में डाला गया है.

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की पहली अनुसूची में नाम शामिल किए जाने का मतलब है कि संगठन अब भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है.

पढ़ें-PAK में हाफिज सईद के जमात उद दावा और फलाह ए इंसानियत समेत 70 संस्थाओं पर प्रतिबंध

अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश 1998 में अस्तित्व में आया और उसका मकसद जिहाद के जरिए एक खिलाफत कायम करना है.

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भारत सरकार ने बांग्लादेश के संगठन को प्रतिबंधित किया.

बांग्लादेश में 2016 में हुए हमले में 17 विदेशियों सहित 22 लोग मारे गए थे. एक संयुक्त अभियान के दौरान पुलिस ने भी छह हमलावरों को मार गिराया था.

इसके छह दिन बाद आतंकवादियों ने बांग्लादेश में ईद के मौके पर इकट्ठा हुए लोगों के सबसे बड़े समूह की निगरानी कर रही पुलिस पर हमला किया था. इस हमले में तीन अन्य लोगों की हत्या कर दी गई थी.

बांग्लादेश पुलिस ने इन दोनों आतंकी हमलों के लिए आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जिम्मेदार ठहराया था.

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश ने भारत में भी वारदातों को अंजाम दिया है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने दो मामलों में इसके सुराग जमा किए थे. इन मामलों पर एक नजर:

  • दो अक्टूबर, 2014 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान में बम धमाके
  • 19 जनवरी, 2018 को बिहार के बोध गया में हुए बम धमाके

असम पुलिस को उसकी ओर से दर्ज पांच मामलों में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश की संलिप्तता नजर आई है. इस संगठन से जुड़े 56 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

Intro:New Delhi: The Union Home Ministry on Friday banned Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh under the Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967 for promoting terrorism and radicalising and recruiting youth for terror activities in India.


"In the first schedule to the said Act, the following entries shall be inserted, namely- Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh or Jamaat-ul-Mujahideen India or Jamaat-ul-Mujahideen Hindustan and all its manifestations," the Home Ministry said in its notification.


Body:The ministry said that the involvement of JMB cadres has been established by the Investigation agency in the bomb blast (October 2, 2014) and Bodh Gaya Blast (January 19, 2018).




Conclusion:"Investigations have also revealed that JMB's plan of making permanent bases within 10 kilometers, along the Indo-Bangladesh border in the districts of States of West Bengal, Assam and Tripura and plans of spreading its network in South India with an overarching motive to establish Caliphate in the Indian subcontinent," added the Home Ministry.

Jamaat-ul-Mujahideen, which aims to establish an Islami state in Bangladesh and South Asia through violence, was formed in 1998 by Sheikh Abdur Rahman.

JMB is proscribed as a terrorist organisation by the United States (under ISIL-Bangladesh) and the United Kingdom. Bangladesh government officially banned the organisation in February 2005. It came to prominence on August 17, 2005 when 459 bombs were detonated within seven minutes in different parts of Bangladesh.
Last Updated : May 24, 2019, 11:58 PM IST
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