नई दिल्ली : केंद्र सरकार जुलाई-अगस्त तक 20-25 करोड़ लोगों को कोविड 19 वैक्सीन देने की योजना पर काम कर रही है. टीकाकरण प्रक्रिया के पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल के नेतृत्व में कोविड 19 वैक्सीन के लिए बनी राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने देश में टीकाकरण के लिए एक ब्लू प्रिंट भी तैयार कर लिया है.
जोरों पर है तैयारी
अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि भारत में कोविड 19 वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां अच्छा कर रही हैं. हमें उम्मीद है कि भारत बायोटेक और Zydas Cadila के कोविड 19 वैक्सीन को अगले साल की शुरुआत में अंतिम मंजूरी मिल जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उन्हें जल्द से जल्द टीकाकरण निगरानी सेल स्थापित करने के लिए कहा था.
जिले स्तर तक चल रहा काम
राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को जारी पत्र में राज्य संचालन समिति (मुख्य सचिव की अध्यक्षता में), राज्य टास्क फोर्स (प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य की अध्यक्षता में) और जिला टास्क फोर्स (जिला मजिस्ट्रेटों की अध्यक्षता में) गठित करने का सुझाव दिया गया है. इन कार्य बलों को विभिन्न गतिविधियों की योजना और कार्यान्वयन की निगरानी करने और सभी विभागों के साथ अंतर-विभागीय समन्वय सुनिश्चित करने और संसाधनों को जुटाने को कहा गया था.
अगले साल की शुरुआत में पहले टीका की उम्मीद
पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि टीका पहले स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों (एचसीडब्ल्यू) को दी जाएगी. इसके बाद अन्य फ्रंटलाइन कार्यकर्ता और आयु वर्ग को दी जाएगी. भारत में कोविड 19 टीकों की उपलब्धता पर बात करते हुए वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि अगर सब ठीक रहा तो भारत को अगले साल की शुरुआत में पहला टीका मिलेगा.डॉ. गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि भारत में वैज्ञानिक और दवा कंपनियां कोविड 19 की वैक्सीन पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. दो वैक्सीन मानव परिक्षणों में अच्छी प्रगति कर रही हैं.
डीसीजीआई भी लगातार कर रहा समीक्षा
भारत के ड्रग रेगुलेटर (डीसीजीआई) भी फास्ट ट्रैक आधार पर कोविड 19 वैक्सीन की प्रगति की समीक्षा कर रहा है. हाल ही में, भारत बायोटेक के कोविड 19 वैक्सीन उम्मीदवार को भी चरण III नैदानिक परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है. ऑक्सफोर्ड वैक्सीन भी चरण III नैदानिक परीक्षण कर रही है.