नई दिल्ली: बॉयज लॉकर ग्रुप मामले को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है. सोशल मीडिया पर इसे लेकर लगातार चर्चा हो रही है.
वहीं अधिवक्ता दीपक त्यागी की मानें तो इस मामले में बालिग अपराधी को अधिक्तम पांच साल की सजा एवं दस लाख तक का जुर्माना हो सकता है, लेकिन नाबालिग के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं होगा.
लड़कियों के लिए अश्लील टिप्पणी
जानकारी के अनुसार इंस्टाग्राम पर बनाए गए बॉयज लॉकर ग्रुप में लड़कियों के लिए न केवल अश्लील टिप्पणी की जा रही थी बल्कि उनकी अश्लील तस्वीरें भी डाली जा रही थीं.
इसे लेकर बीते सोमवार को साइबर सेल ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में अब तक ग्रुप एडमिन को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि एक नाबालिग को पकड़ा गया है. इस ग्रुप में कुल 26 सदस्य थे जिनमें से 9 सदस्य आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोपी हैं. इनमें से अधिकांश नाबालिग हैं.
आईटी एक्ट में कड़ी सजा का प्रावधान
अधिवक्ता दीपक त्यागी ने बताया कि साइबर सेल द्वारा जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, उनमें आईटी एक्ट के तहत अधिक्तम पांच साल की जेल हो सकती है. इसके साथ ही दस लाख का जुर्माना भी किया जा सकता है.
यह सजा केवल बालिग आरोपी को ही दी जा सकती है. वहीं इस मामले में नाबालिग आरोपियों को बाल न्यायालय से ही जमानत देनी होगी. उन्हें बाल सुधार गृह भी नहीं भेजा जाएगा. अगर जुवेनाइल बोर्ड के सदस्य उन्हें बाल सुधार गृह भेजना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें लिखित रूप में अलग प्रक्रिया शुरु करनी होगी.
इन धाराओं में इतनी सजा का प्रावधान
- आईपीसी की धारा 465- अधिकतम दो साल की सजा, जुर्माना या दोनों.
- आईपीसी की धारा 469- अधिकतम तीन साल की सजा, जुर्माना या दोनों.
- आईपीसी की धारा 471- अधिकतम तीन साल की सजा.
- आईपीसी 509- अधिकतम तीन साल की सजा एवं जुर्माना.
- आईटी एक्ट 67- अधिकतम तीन साल की सजा एवं पांच लाख का जुर्माना.
- आईटी एक्ट 67 ए- अधिकतम पांच साल की सजा एवं दस लाख तक का जुर्माना.