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चमकी ने ली 9 और बच्चों की जान, आंकड़ा पहुंचा 157 - हर्षवर्धन

चमकी बुखार से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. प्रदेश के कई जिलों में इसका असर देखा जा रहा है.

चमकी ने ली 9 और बच्चों की जान.
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Published : Jun 19, 2019, 9:50 AM IST

Updated : Jun 19, 2019, 11:05 AM IST

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में चमकी बुखार से 18वें दिन मंगलवार की सुबह से देर रात तक नौ बच्चों की जान चली गई. अब तक 157 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं सरकारी आंकड़े के अनुसार 437 बच्चे भर्ती हुए हैं. इस बीमारी से पीड़ित 39 नए मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है.

मुजफ्फरपुर में 112 बच्चों की मौत हुई है.

इसके अलावा सीतामढ़ी में 17 बच्चे, पूर्वी चंपारण में 45, वैशाली में 11, पश्चिमी चंपारण में तीन, समस्तीपुर में छह, बेगूसराय में एक, सुपौल में एक और नेपाल में एक बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं.

पढ़ें: पीएम मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर होगी चर्चा

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में चमकी बुखार से 18वें दिन मंगलवार की सुबह से देर रात तक नौ बच्चों की जान चली गई. अब तक 157 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं सरकारी आंकड़े के अनुसार 437 बच्चे भर्ती हुए हैं. इस बीमारी से पीड़ित 39 नए मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है.

मुजफ्फरपुर में 112 बच्चों की मौत हुई है.

इसके अलावा सीतामढ़ी में 17 बच्चे, पूर्वी चंपारण में 45, वैशाली में 11, पश्चिमी चंपारण में तीन, समस्तीपुर में छह, बेगूसराय में एक, सुपौल में एक और नेपाल में एक बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं.

पढ़ें: पीएम मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर होगी चर्चा

मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.

जानिए क्या हैं इसके लक्षण :

  • एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
  • अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
  • इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
  • गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
  • तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
  • साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
  • अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
  • चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.

जानिए क्या हैं इसके उपचार :

  • पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
  • बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
  • रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.

इन बातों का रखें ध्यान :

  • बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
  • मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
  • बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
  • अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
  • पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
  • चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
  • ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.
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Last Updated : Jun 19, 2019, 11:05 AM IST
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