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खबर का असर : मां-बाप से मिलीं बेटियां, लौटीं परिवार की खुशियां

इंदौर के रलायता गांव के मजदूर अम्बाराम की तीनों बेटियों की घर वापसी हो गई है, जो गुजरात के साजिवदर गांव में फंसी थीं. मजदूर ने अपनी बेटियों की वापसी के लिए सरकार से गुहार लगाई थी. ईटीवी भारत ने भी खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जबकि ईटीवी भारत की टीम गुजरात के साजियवदर गांव में फंसी बेटियों के पास भी पहुंची थी.

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अम्बाराम की तीनों बेटियों की घर वापसी
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Published : May 12, 2020, 12:43 PM IST

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर के रलायता गांव के निवासी अम्बाराम आज काफी खुश हैं. क्योंकि गुजरात में लॉकडाउन में फंसी उनकी दोनों बेटियां घर वापस आ गई हैं. यह सब ईटीवी भारत की खबर का असर है, जिसकी बदौलत यह दोनों लड़किया आज अपने घर पर माता-पिता के साथ हैं.

बता दें कि एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. मध्य प्रदेश में इंदौर के पास रलायता गांव में रहने वाले मजदूर अम्बाराम की तीन बेटियां गुजरात के अमरेली जिले में आने वाले साजियावदर गांव में फंसी थीं. मजदूर ने अपनी बेटियों की वापसी की गुहार सरकार से लगाई थी. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जबकि गुजरात में ईटीवी भारत की टीम साजियावदर गांव में मजदूर की तीनों बेटियों के पास भी पहुंची थी, जिसके बाद इंदौर की देपालपुर विधानसभा सीट से स्थानीय विधायक विशाल पटेल ने मजदूर की तीनों बेटियों को गुजरात से वापस लाकर उनके मां-बाप से मिलवाया.

खबर का असर, मां-बाप से मिलीं बेटियां

स्थानीय विधायक ने अधिकारियों से बातचीत कर मजदूर की बेटियों को वापस लाने के लिए पास बनवाया और उन्हें वापस लेकर आए. ईटीवी भारत की टीम गुजरात साजियावदर गांव भी पहुंची थी, जहां यह तीनों लड़कियां रुकी थीं, जिसके बाद साजियावदर गांव के सरपंच ने भी इन्हें भेजने के लिए इंदौर में स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया था. 11 मई को मजदूर की तीनों बेटियां अपने घर पहुंच गईं. बेटियों से मिलने के बाद मां-बाप के चेहरे खिल उठे तो बेटियां भी अपने माता-पिता से मिलकर बेहद खुश नजर आई.

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मां-बाप से मिलीं बेटियां

ये भी पढ़ेंः ETV भारत की खबर का असर, विधायक ने अपनी गाड़ी से एक पिता को बेटी से मिलने किया रवाना

पिछले दो महीनें से बेटियों से दूर थे माता-पिता

बता दें कि रलायता गांव में रहने वाले मजदूर अम्बाराम गुजरात के साजियावदर गांव में मजदूरी करते थे. उनके साथ उनका पूरा परिवार वही रहता था, लेकिन बेटे की तबीयत खराब होने के बाद वे अपनी तीनों बेटियों को वहीं छोड़कर पत्नी के साथ बेटे का इलाज कराने इंदौर आ गए थे, लेकिन वापस लौटने के पहले ही लॉकडाउन लग गया और वह वापस नहीं जा पाए, जिससे उनकी तीनों बेटियां गुजरात में ही फंस गईं.

123परिजनों के साथ बेटियां

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन में बिछड़ा मजदूर का परिवार, मां-बाप गांव में, बेटियां गुजरात में फंसी

खबर को प्रमुखता से दिखाने के बाद हरकत में आया प्रशासन

मजदूर अम्बाराम ने अपनी तीनों बेटियों को बुलाने के लिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. बाद में स्थानीय विधायक विशाल पटेल ने गुजरात में फंसी मजदूर की तीनों बेटियों को वापस लाने के लिए ई पास बनवाया और मजदूर को कार से साजियावदर गांव पहुंचाया, जहां से वह अपनी तीनों बेटियों को वापस लेकर लौट आए.

बेटियों के लौटने से लौटीं परिवार की खुशियां

तकरीबन दो माह बाद जब बेटियां घर लौटी तो मां-बाप के आंसू छलक पड़े. हालांकि देर से ही सही इस मजूदर के परिवार की खुशियां फिर से लौट आई. जिला प्रशासन ने तीनों लड़कियों का चेकअप कराकर उन्हें उनके राशन की व्यवस्था भी की है, ताकि उन्हें आने वाले वक्त में परेशानियों का सामना न करना पड़े.

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर के रलायता गांव के निवासी अम्बाराम आज काफी खुश हैं. क्योंकि गुजरात में लॉकडाउन में फंसी उनकी दोनों बेटियां घर वापस आ गई हैं. यह सब ईटीवी भारत की खबर का असर है, जिसकी बदौलत यह दोनों लड़किया आज अपने घर पर माता-पिता के साथ हैं.

बता दें कि एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. मध्य प्रदेश में इंदौर के पास रलायता गांव में रहने वाले मजदूर अम्बाराम की तीन बेटियां गुजरात के अमरेली जिले में आने वाले साजियावदर गांव में फंसी थीं. मजदूर ने अपनी बेटियों की वापसी की गुहार सरकार से लगाई थी. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जबकि गुजरात में ईटीवी भारत की टीम साजियावदर गांव में मजदूर की तीनों बेटियों के पास भी पहुंची थी, जिसके बाद इंदौर की देपालपुर विधानसभा सीट से स्थानीय विधायक विशाल पटेल ने मजदूर की तीनों बेटियों को गुजरात से वापस लाकर उनके मां-बाप से मिलवाया.

खबर का असर, मां-बाप से मिलीं बेटियां

स्थानीय विधायक ने अधिकारियों से बातचीत कर मजदूर की बेटियों को वापस लाने के लिए पास बनवाया और उन्हें वापस लेकर आए. ईटीवी भारत की टीम गुजरात साजियावदर गांव भी पहुंची थी, जहां यह तीनों लड़कियां रुकी थीं, जिसके बाद साजियावदर गांव के सरपंच ने भी इन्हें भेजने के लिए इंदौर में स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया था. 11 मई को मजदूर की तीनों बेटियां अपने घर पहुंच गईं. बेटियों से मिलने के बाद मां-बाप के चेहरे खिल उठे तो बेटियां भी अपने माता-पिता से मिलकर बेहद खुश नजर आई.

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मां-बाप से मिलीं बेटियां

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पिछले दो महीनें से बेटियों से दूर थे माता-पिता

बता दें कि रलायता गांव में रहने वाले मजदूर अम्बाराम गुजरात के साजियावदर गांव में मजदूरी करते थे. उनके साथ उनका पूरा परिवार वही रहता था, लेकिन बेटे की तबीयत खराब होने के बाद वे अपनी तीनों बेटियों को वहीं छोड़कर पत्नी के साथ बेटे का इलाज कराने इंदौर आ गए थे, लेकिन वापस लौटने के पहले ही लॉकडाउन लग गया और वह वापस नहीं जा पाए, जिससे उनकी तीनों बेटियां गुजरात में ही फंस गईं.

123परिजनों के साथ बेटियां

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खबर को प्रमुखता से दिखाने के बाद हरकत में आया प्रशासन

मजदूर अम्बाराम ने अपनी तीनों बेटियों को बुलाने के लिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी, जिसके बाद इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. बाद में स्थानीय विधायक विशाल पटेल ने गुजरात में फंसी मजदूर की तीनों बेटियों को वापस लाने के लिए ई पास बनवाया और मजदूर को कार से साजियावदर गांव पहुंचाया, जहां से वह अपनी तीनों बेटियों को वापस लेकर लौट आए.

बेटियों के लौटने से लौटीं परिवार की खुशियां

तकरीबन दो माह बाद जब बेटियां घर लौटी तो मां-बाप के आंसू छलक पड़े. हालांकि देर से ही सही इस मजूदर के परिवार की खुशियां फिर से लौट आई. जिला प्रशासन ने तीनों लड़कियों का चेकअप कराकर उन्हें उनके राशन की व्यवस्था भी की है, ताकि उन्हें आने वाले वक्त में परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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