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डॉक्टरों की हड़ताल से राजनीतिक लाभ की अटकलें, IMA ने व्यापक कानून बनाने की मांग की - security for hospitals and doctors

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र सरकार से तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था बनाने की मांग की है. ऐसा पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बाद लगभग एक सप्ताह चले हड़ताल के मद्देनजर किया जा रहा है. डॉक्टरों की मांगों को लेकर IMA महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने विस्तार से बताया. पढ़ें

डॉ आरवी अशोकन
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Published : Jun 17, 2019, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हिंसा के बाद हुए हड़ताल में राजनीतिक पार्टियों के शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे कृत्य की सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव से बात की. IMA महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने कहा कि IMA का किसी से कोई राजनीतिक संबंध नहीं है.

ईटीवी से खास बातचीत के दौरान अशोकन ने कहा 'एक मुस्कान और गले मिलने से समस्या का समाधान किया जा सकता है. पहले दिन ही समाधान संभव था. कोई भी फायदा नहीं उठा सकता था.'

अशोकन ने कहा 'हड़ताल के हालात के लंबा खिंचने पर कोई भी राजनीतिक दल तोल-मोल करेगी.' उन्होंने कहा कि IMA का कोई राजनीतिक एसोसिएशन नहीं है.

IMA के मांगों की जानकारी देते डॉ आरवी अशोकन

हड़ताल का राजनीतिक लाभ लेने की खबरों के बीच अशोकन का बयान काफी अहम माना जा सकता है. गौरतलब है कि IMA ने रविवार को 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का एलान किया था. इस अवधि में आपातकालीन सेवाओं के अलावा कोई स्वास्थ्य सेवा नहीं देने का फैसला लिया गया था.

ये भी पढ़ें: CM ममता के साथ बैठक के बाद डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, प्रस्ताव पर सरकार सहमत

हड़ताल के फैसले पर अशोकन ने कहा कि हमने डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा 'हालांकि, 19 राज्यों में कानून बने हुए हैं, लेकिन इसे क्रमिनल प्रोसिजर कोड (CRPC) और भारतीय दंड संहिता (IPC) में शामिल नहीं किया गया है.'

ima demands law from center
डॉ आरवी अशोकन

बकौल डॉ अशोकन साल 2015 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए थे, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा 'अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए.'

नई दिल्ली: कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हिंसा के बाद हुए हड़ताल में राजनीतिक पार्टियों के शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे कृत्य की सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव से बात की. IMA महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने कहा कि IMA का किसी से कोई राजनीतिक संबंध नहीं है.

ईटीवी से खास बातचीत के दौरान अशोकन ने कहा 'एक मुस्कान और गले मिलने से समस्या का समाधान किया जा सकता है. पहले दिन ही समाधान संभव था. कोई भी फायदा नहीं उठा सकता था.'

अशोकन ने कहा 'हड़ताल के हालात के लंबा खिंचने पर कोई भी राजनीतिक दल तोल-मोल करेगी.' उन्होंने कहा कि IMA का कोई राजनीतिक एसोसिएशन नहीं है.

IMA के मांगों की जानकारी देते डॉ आरवी अशोकन

हड़ताल का राजनीतिक लाभ लेने की खबरों के बीच अशोकन का बयान काफी अहम माना जा सकता है. गौरतलब है कि IMA ने रविवार को 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का एलान किया था. इस अवधि में आपातकालीन सेवाओं के अलावा कोई स्वास्थ्य सेवा नहीं देने का फैसला लिया गया था.

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हड़ताल के फैसले पर अशोकन ने कहा कि हमने डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा 'हालांकि, 19 राज्यों में कानून बने हुए हैं, लेकिन इसे क्रमिनल प्रोसिजर कोड (CRPC) और भारतीय दंड संहिता (IPC) में शामिल नहीं किया गया है.'

ima demands law from center
डॉ आरवी अशोकन

बकौल डॉ अशोकन साल 2015 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए थे, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा 'अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए.'

Intro:New Delhi: There is no respite in the week long strike by doctors across India ptotesting
West Bengal violence. Now, reports doing the round on the involvement of political parties into the strike for political milage.


Body:ETV Bharat in an exclusive interview with Indian Medical Association (IMA) secretary general Dr RV Ashokan had a detailed discussion on various issues related to the on going strike.

"A smile and a hug could have solved the issue...had it been solved on day one, nobody could have taken any advantage. Any political party will bargain, if any situation is allowed to linger in...but IMA does not have any political association," said Dr Asokan.

Dr Asokan's statement assumes mush more significance following the fact that some political parties are reportedly trying to get milage of the situation.

The IMA called for a 24-hour long strike across India opposition the attacks on doctors. During this period, there will be no function in non-emergency sector.

"We demand a central law for the protection of doctors and safety of hospital. Although 19 states have a law but it's not included in CRPC and IPC," said Dr Asokan.

He said that the initiative was taken in 2015 by the Modi Governmnet"but it has not been implemented."

"There should be three layer security arrangements in hospitals for hospitals and doctors," he added.


Conclusion:Dr Asokan is hopeful that the meeting between West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee and a delegation of doctors would definitely bring some good results.

Eversince the agitation has been started, health sector have badly been affected.

end
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