नई दिल्ली: कोलकाता में डॉक्टरों के साथ हिंसा के बाद हुए हड़ताल में राजनीतिक पार्टियों के शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं. राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे कृत्य की सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के महासचिव से बात की. IMA महासचिव डॉ आरवी अशोकन ने कहा कि IMA का किसी से कोई राजनीतिक संबंध नहीं है.
ईटीवी से खास बातचीत के दौरान अशोकन ने कहा 'एक मुस्कान और गले मिलने से समस्या का समाधान किया जा सकता है. पहले दिन ही समाधान संभव था. कोई भी फायदा नहीं उठा सकता था.'
अशोकन ने कहा 'हड़ताल के हालात के लंबा खिंचने पर कोई भी राजनीतिक दल तोल-मोल करेगी.' उन्होंने कहा कि IMA का कोई राजनीतिक एसोसिएशन नहीं है.
हड़ताल का राजनीतिक लाभ लेने की खबरों के बीच अशोकन का बयान काफी अहम माना जा सकता है. गौरतलब है कि IMA ने रविवार को 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का एलान किया था. इस अवधि में आपातकालीन सेवाओं के अलावा कोई स्वास्थ्य सेवा नहीं देने का फैसला लिया गया था.
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हड़ताल के फैसले पर अशोकन ने कहा कि हमने डॉक्टरों और अस्पतालों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग की है. उन्होंने कहा 'हालांकि, 19 राज्यों में कानून बने हुए हैं, लेकिन इसे क्रमिनल प्रोसिजर कोड (CRPC) और भारतीय दंड संहिता (IPC) में शामिल नहीं किया गया है.'
बकौल डॉ अशोकन साल 2015 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए थे, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका. उन्होंने कहा 'अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए.'