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डरी-सहमी है कश्मीर की आवाम : इल्तिजा मुफ्ती - public safety act

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून(पीएसए) लगाया गया है. इसको लेकर उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे. इल्तिजा ने यह साफ किया कि वह ये लड़ाई अपनी मां के लिए नहीं, आम कश्मीरी लोगों के लिए लड़ रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

detention of mehbooba mufti under psa
इल्तिजा मुफ्ती
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Published : Feb 18, 2020, 7:50 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:34 PM IST

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया है. सरकार का तर्क है कि इन लोगों ने जन मानस को भड़काने का काम किया है. सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में सोशल मीडिया नेटवर्क पर आम जनता को भड़काने वाली उनकी टिप्पणियों का भी जिक्र किया गया है, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी. दूसरी तरफ इल्तिजा मुफ्ती का मानना है कि महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून लगाया जाना गलत है.

इसको लेकर ईटीवी भारत ने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान इल्तिजा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून लगाया जाना गैरकानूनी है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को किसी पर पीएसए लगाना ही है तो वह सबसे पहले अपने उन नेताओं पर पीएसए लगाएं जो भड़काऊ भाषण देते हैं.

इल्तिजा मुफ्ती से ईटीवी भारत की बातचीत

हाल ही में राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर दौरे पर गया था. प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर में हालातों को सामान्य बताया. इसको लेकर इल्तिजा संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये हुए सात महीने हो गए हैं और तब से जम्मू-कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संकट से जूझ रहा है. अनुच्छेद 370 शेष भारत के साथ कश्मीर का 'भावनात्मक जुड़ाव' था और बड़ी कीमत पर इसे समाप्त किया गया है.

इल्तिजा ने कहा कि वह केवल महबूबा मुफ्ती की बेटी की तरह बात नहीं कर रही, बल्कि एक दुखी कश्मीरी की तरह भी कर रही हैं. सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से क्या हो रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीरियों की हालत के बारे में गलत जानकारी फैला रही है.

इल्तिजा ने कहा, 'मुझे वाकई लगता है कि सरकार दुष्प्रचार और गलत जानकारी फैलाने में लगी है. बाकी देश को और कश्मीर का दौरा करने वाले राजदूतों को बताया गया कि हमें समान अधिकार प्राप्त हैं लेकिन वास्तव में आप इस समय कश्मीर में वीपीएन का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते.'

उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री का सम्मान करती हूं जैसा सभी को करना चाहिए. लेकिन मुझे बहुत दुख होता है कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है या वह जानबूझकर देश को गुमराह कर रहे हैं. कश्मीरियों के अब क्या अधिकार बचे हैं?'

इल्तिजा की मां और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में रखा गया था.

पढ़ें-उमर और महबूबा के खिलाफ क्यों लगा पीएसए, सरकार ने बताई वजह

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया है. सरकार का तर्क है कि इन लोगों ने जन मानस को भड़काने का काम किया है. सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में सोशल मीडिया नेटवर्क पर आम जनता को भड़काने वाली उनकी टिप्पणियों का भी जिक्र किया गया है, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था बिगड़ने की आशंका थी. दूसरी तरफ इल्तिजा मुफ्ती का मानना है कि महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून लगाया जाना गलत है.

इसको लेकर ईटीवी भारत ने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान इल्तिजा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा कानून लगाया जाना गैरकानूनी है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को किसी पर पीएसए लगाना ही है तो वह सबसे पहले अपने उन नेताओं पर पीएसए लगाएं जो भड़काऊ भाषण देते हैं.

इल्तिजा मुफ्ती से ईटीवी भारत की बातचीत

हाल ही में राजनयिकों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर दौरे पर गया था. प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर में हालातों को सामान्य बताया. इसको लेकर इल्तिजा संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त किये हुए सात महीने हो गए हैं और तब से जम्मू-कश्मीर आर्थिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संकट से जूझ रहा है. अनुच्छेद 370 शेष भारत के साथ कश्मीर का 'भावनात्मक जुड़ाव' था और बड़ी कीमत पर इसे समाप्त किया गया है.

इल्तिजा ने कहा कि वह केवल महबूबा मुफ्ती की बेटी की तरह बात नहीं कर रही, बल्कि एक दुखी कश्मीरी की तरह भी कर रही हैं. सभी जानते हैं कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से क्या हो रहा है.

उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीरियों की हालत के बारे में गलत जानकारी फैला रही है.

इल्तिजा ने कहा, 'मुझे वाकई लगता है कि सरकार दुष्प्रचार और गलत जानकारी फैलाने में लगी है. बाकी देश को और कश्मीर का दौरा करने वाले राजदूतों को बताया गया कि हमें समान अधिकार प्राप्त हैं लेकिन वास्तव में आप इस समय कश्मीर में वीपीएन का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते.'

उन्होंने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री का सम्मान करती हूं जैसा सभी को करना चाहिए. लेकिन मुझे बहुत दुख होता है कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है या वह जानबूझकर देश को गुमराह कर रहे हैं. कश्मीरियों के अब क्या अधिकार बचे हैं?'

इल्तिजा की मां और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में रखा गया था.

पढ़ें-उमर और महबूबा के खिलाफ क्यों लगा पीएसए, सरकार ने बताई वजह

Last Updated : Mar 1, 2020, 6:34 PM IST
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