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कानपुर IIT करेगा पड़ताल, फैज की कविता हिंदू विरोधी है या नहीं - आईआईटी कानपुर

फैज अहमद की कविता पर कंट्रोवर्सी के बाद आईआईटी कानपुर ने समिति गठित की है. यह समिति तय करेगी कि फैज की कविता हिंदू विरोधी है या नहीं.

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IIT कानपुर ने गठित की समिति
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Published : Jan 1, 2020, 6:56 PM IST

कानपुर: IIT कानपुर ने समिति गठित की है जो यह तय करेगी कि फैज अहमद की विवादित कविता हिंदू विरोधी है कि नहीं. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर ने इस मामले की पड़ताल के लिए एक स्पेशल सेल का गठन किया है.

आईआईटी कानपुर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने हिंदू विरोधी गीत गाया था. फैज अहमद की कविता 'हम देखेंगे लाजिम है, हम भी देखेंगे' पर काफी विवादित हो रही है.

आईआईटी कानपुर के छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में 17 दिसंबर को शांति मार्च निकाला था. मार्च के दौरान उन्होंने फैज की कविता गाई थी, जिसके बाद आईआईटी कानपुर में इसको लेकर कंट्रोवर्सी शुरू हो गई. आईआईटी कानपुर के फैकल्टी सदस्यों की शिकायत पर निदेशक ने समिति का गठन किया है. फैकल्टी के सदस्यों ने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने यह हिंदू विरोधी गीत गाया था.

फैज अहमद की कविता पर कंट्रोवर्सी

ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश : शामली हत्याकांड में गायक अजय पाठक के बेटे का भी शव मिला

समिति इसकी जांच करेगी कि छात्रों ने शहर में जुलूस के दिन क्या सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की और क्या फैज की कविता हिंदू विरोधी है. समिति की रिपोर्ट के बाद आईआईटी कानपुर कठोर कार्रवाई करेगी.
-अभय करंदीकर, निदेशक, आईआईटी, कानपुर

यह कविता फैज ने 1979 में सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक के संदर्भ में लिखी थी और पाकिस्तान में सैन्य शासन के विरोध में लिखी थी. फैज अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण जाने जाते थे और इसी कारण वे कई साल तक जेल में रहे.

कानपुर: IIT कानपुर ने समिति गठित की है जो यह तय करेगी कि फैज अहमद की विवादित कविता हिंदू विरोधी है कि नहीं. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर ने इस मामले की पड़ताल के लिए एक स्पेशल सेल का गठन किया है.

आईआईटी कानपुर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने हिंदू विरोधी गीत गाया था. फैज अहमद की कविता 'हम देखेंगे लाजिम है, हम भी देखेंगे' पर काफी विवादित हो रही है.

आईआईटी कानपुर के छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में 17 दिसंबर को शांति मार्च निकाला था. मार्च के दौरान उन्होंने फैज की कविता गाई थी, जिसके बाद आईआईटी कानपुर में इसको लेकर कंट्रोवर्सी शुरू हो गई. आईआईटी कानपुर के फैकल्टी सदस्यों की शिकायत पर निदेशक ने समिति का गठन किया है. फैकल्टी के सदस्यों ने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने यह हिंदू विरोधी गीत गाया था.

फैज अहमद की कविता पर कंट्रोवर्सी

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समिति इसकी जांच करेगी कि छात्रों ने शहर में जुलूस के दिन क्या सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की और क्या फैज की कविता हिंदू विरोधी है. समिति की रिपोर्ट के बाद आईआईटी कानपुर कठोर कार्रवाई करेगी.
-अभय करंदीकर, निदेशक, आईआईटी, कानपुर

यह कविता फैज ने 1979 में सैन्य तानाशाह जिया-उल-हक के संदर्भ में लिखी थी और पाकिस्तान में सैन्य शासन के विरोध में लिखी थी. फैज अपने क्रांतिकारी विचारों के कारण जाने जाते थे और इसी कारण वे कई साल तक जेल में रहे.

Intro:कानपुर :- आईआईटी कानपुर ने गठित की समिति जो तय करेगी फैज की कविता हिंदू विरोधी है कि नहीं ।

आईआईटी कानपुर ने समिति गठित की है जो यह तय करेगी कि फैज अहमद की कविता हम देखेंगे जालिम है हम भी देखेंगे हिन्दू विरोधी है कि नहीं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर ने इस मामले की पड़ताल के लिए एक की स्पेशल सेल का गठन किया है आपको बता दें कि आईआईटी कानपुर में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने हिंदू विरोधी गीत गाया था फैज अहमद की कविता हम देखेंगे लाजिम है कि हम भी देखेंगे पर काफी कॉन्ट्रोवर्सी हो रही है


Body:गौरतलब रहे कि आईआईटी कानपुर के छात्रों ने जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के समर्थन में 17 दिसंबर को आईआईटी कानपुर के परिसर में शांति मार्च निकाला था और मार्च के दौरान उन्होंने फैज की यह कविता गायी थी जिसके बाद आईआईटी कानपुर में इसको लेकर कंट्रोवर्सी शुरू हो गई आईआईटी कानपुर के फैकल्टी सदस्यों की शिकायत पर आईआईटी कानपुर के निदेशक ने इस समिति का गठन किया गया है फैकल्टी के सदस्यों ने कहा था कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने यह हिंदू विरोधी गीत गाया था समिति इसकी जांच करेगी कि छात्रों ने शहर में जुलूस के दिन निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया क्या उन्होंने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की और क्या फैज की कविता हिंदू विरोधी है ।
समिति की रिपोर्ट पर आईआईटी कानपुर कठोर कार्यवाही करेगा ।

बाइट :- अभय करंदीकर , निदेशक , आईआईटी कानपुर ।


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