भागलपुर : बिहार स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) भागलपुर ने दावा किया गया है कि केवल एक सेकेंड में कोरोना वायरस की पहचान की जा सकती है. इस प्रोसेस में कम खर्चा भी होगा और लंबी प्रक्रिया से मुक्ति भी मिलेगी. इसको लेकर ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर अरविंद चौबे ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय से भी संपर्क किया है.
इस कार्य में भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने भी सपोर्ट किया है. दरअसल, भागलपुर के ट्रिपल आईटी ने एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया है, जिसके माध्यम से मरीज की डिजिटल एक्स-रे रिपोर्ट और सीटी स्कैन की रिपोर्ट की सॉफ्ट कॉपी को सॉफ्टवेयर में डालने पर महज कुछ सेकेंड में किसी भी मरीज का कोरोना पॉजिक्टिव है या नहीं, उसकी जांच की जा सकती है.
एक्स-रे रिपोर्ट ने दी 1 सेकेंड में जानकारी
सॉफ्टवेयर की जांच के लिए ट्रिपल आईटी के निदेशक ने अपनी टीम के साथ मायागंज मेडिकल अस्पताल में के मरीज की डिजिटल एक्स-रे रिपोर्ट को देखी और परीक्षण किया. सॉफ्टवेयर में 20 सेकेंड में 20 एक्स-रे की जांच पूरी हो गई. यानी महज एक मरीज की रिपोर्ट पता करने में सिर्फ एक सेकेंड का समय लगा. जल्द ही और कई दूसरी एक्सरे प्लेट की भी जांच की जाएगी.
'सफल होगा सॉफ्टवेयर!'
प्रोफेसर चौबे ने कहा कि पहली बार में 20 मरीजों की डिजिटल एक्स-रे रिपोर्ट मिली, तो उसकी जांच की गई है. उम्मीद है कि जल्द ही कई दूसरे एक्स-रे प्लेट की जांच की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यहां के हालात में सॉफ्टवेयर कितना सही साबित हो पा रहा है. निदेशक ने कहा कि भागलपुर जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल से जो भी मदद मांगा गई, वो मिली है.
जांच की प्रक्रिया डॉक्टरों की टीम के सामने की गई है. एक्स-रे तकनीक पर आगे काम करने के लिए ट्रिपल आईटी ने अपना आइडिया मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेजा है. - प्रो. अरविंद चौबे (निदेशक, भागलपुर ट्रिपल आईटी)