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तेलंगाना : कोरोना के डर से किसी ने नहीं की मदद, रास्ते में तड़प कर मौत

तेलंगाना के मेडक में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक बीमार बुजुर्ग लोगों से अपनी जान बचाने के लिए मदद मांगता रहा, लेकिन कोरोना के डर से किसी ने उसकी मदद नहीं की. आखिरकार दो घंटे की जंग के बाद उसकी मौत हो गई.

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Published : Jun 14, 2020, 8:19 PM IST

Updated : Jun 14, 2020, 11:00 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना के मेडक में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां किसी की मदद न मिलने से गंभीर रूप से बीमार बुजुर्ग की मौत हो गई.

टीएसआरटीसी बस से एक व्यक्ति कामारेड्डी से सिकंदराबाद की यात्रा कर रहा था. वह एक गांव के पास अस्पताल जाने के लिए बस से उतरा. लेकिन, वह ऐसा नहीं कर सका और मौके पर ही गिर गया.

लोग कोरोना वायरस के डर से उसके पास नहीं गए और दूर रहे. एक ग्रामीण ने फोन करके एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने कोरोना डर ​​के कारण उसे ले जाने से मना किया, जिससे उसकी मृत्यू हो गई.

हालांकि वह मरीज एंबुलेंस स्टाफ से अस्पताल जाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन एंबुलेंस स्टाफ ने उसकी मदद नहीं की. चिकित्सा कर्मचारियों की ओर से की गई लापरवाही राज्य में मौजूदा स्थिति का संकेत दे रही है.

सिकंदराबाद में नेरेडमेट के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीनिवास राव ने चेगुंटा के पास बस चालक और कंडक्टर को तब यह जानकारी दी, जब उनकी हालत गंभीर हो गई. वह बस से नीचे उतर गए और दो घंटे से अधिक समय तक सड़क किनारे पड़े-पड़े लोगों से मदद मांगते रहे.

पढ़ें-नहीं रहे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, मां को लिखी था आखिरी पोस्ट

श्रीनिवास राव के परिवार के लोगों ने कहा कि कई साल पहले उन्हें अस्थमा की दिक्कत थी, लेकिन कई सालों तक उन्हें कुछ खास दिक्कत पेश नहीं आई. परिवार के मुताबिक लोगों को उनसे सवाल पूछने की बजाय उनकी मदद करनी चाहिए थी.

पड़ोसियों, साथी यात्रियों, पुलिस और चिकित्सा कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद कोरोना के संदेह ने श्रीनिवास को मार डाला.

जिला चिकित्सा अधिकारी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि श्रीनिवासराव अस्थमा से पीड़ित थे.

हैदराबाद : तेलंगाना के मेडक में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां किसी की मदद न मिलने से गंभीर रूप से बीमार बुजुर्ग की मौत हो गई.

टीएसआरटीसी बस से एक व्यक्ति कामारेड्डी से सिकंदराबाद की यात्रा कर रहा था. वह एक गांव के पास अस्पताल जाने के लिए बस से उतरा. लेकिन, वह ऐसा नहीं कर सका और मौके पर ही गिर गया.

लोग कोरोना वायरस के डर से उसके पास नहीं गए और दूर रहे. एक ग्रामीण ने फोन करके एम्बुलेंस को बुलाया, लेकिन एम्बुलेंस के कर्मचारियों ने कोरोना डर ​​के कारण उसे ले जाने से मना किया, जिससे उसकी मृत्यू हो गई.

हालांकि वह मरीज एंबुलेंस स्टाफ से अस्पताल जाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन एंबुलेंस स्टाफ ने उसकी मदद नहीं की. चिकित्सा कर्मचारियों की ओर से की गई लापरवाही राज्य में मौजूदा स्थिति का संकेत दे रही है.

सिकंदराबाद में नेरेडमेट के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी श्रीनिवास राव ने चेगुंटा के पास बस चालक और कंडक्टर को तब यह जानकारी दी, जब उनकी हालत गंभीर हो गई. वह बस से नीचे उतर गए और दो घंटे से अधिक समय तक सड़क किनारे पड़े-पड़े लोगों से मदद मांगते रहे.

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श्रीनिवास राव के परिवार के लोगों ने कहा कि कई साल पहले उन्हें अस्थमा की दिक्कत थी, लेकिन कई सालों तक उन्हें कुछ खास दिक्कत पेश नहीं आई. परिवार के मुताबिक लोगों को उनसे सवाल पूछने की बजाय उनकी मदद करनी चाहिए थी.

पड़ोसियों, साथी यात्रियों, पुलिस और चिकित्सा कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद कोरोना के संदेह ने श्रीनिवास को मार डाला.

जिला चिकित्सा अधिकारी वेंकटेश्वर राव ने कहा कि श्रीनिवासराव अस्थमा से पीड़ित थे.

Last Updated : Jun 14, 2020, 11:00 PM IST
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