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नये मिग-29 विमान स्वदेशी हथियार प्रणालियों से होंगे लैस : वायुसेना सूत्र

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Published : Oct 13, 2019, 4:03 PM IST

नवनियुक्त वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया के नेतृत्व में भारतीय वायुसेना स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है. सूत्रों से पता चला कि वायुसेना रूस से नये मिग -29 लड़ाकू विमानों का अधिग्रहण करने और उन्हें स्वदेशी हथियार प्रणालियों से लैस करने की योजना बना रही है. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतिकात्मक फोटो

नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है. इस कड़ी में वायुसेना रूस से 21 नयो मिग-29 लड़ाकू विमानों का अधिग्रहण करने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मिग-29 को एस्ट्रा एयर टू एयर मिसाइल जैसी स्वदेशी हथियार प्रणाली से लैस करने की योजना बना रही है.

रक्षा सूत्रों ने बताया, '21 मिग-29 के अधिग्रहण का प्रस्ताव जल्द ही रक्षा अधिग्रहण परिषद के समक्ष रखा जाएगा. भारतीय वायुसेना चाहती है कि मिग-29 अपग्रेड किये गये मिग-29 ही हों.'

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना भी चाहती है कि विमान को एस्ट्रा मिसाइलों सहित भारतीय हथियार प्रणालियों से लैस किया जाए.

सूत्रों ने कहा कि अन्य स्वदेशी उपकरण और हथियार हैं, जो सौदा होते ही विमान के साथ एकीकृत हो जाएंगे. मिग -29 रूसियों के साथ एक नया एयरफ्रेम है और रूस में अप्रयुक्त पड़ा हुआ था.

पढ़ें - चंडीगढ़ की हिना ने रचा इतिहास, बनीं सेना में पहली फ्लाइट इंजीनियर

स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बल लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस और पांचवीं पीढ़ी के एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम जैसे स्वदेशी प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन करेगा.

आईएएफ ने यह जांचने के लिए एक अध्ययन किया था कि क्या प्रस्तावित मिग-29 के एयरफ्रेम लंबे समय तक काम करने के लिए पर्याप्त हैं या नहीं.

मिग-29 को भारतीय वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूसियों द्वारा पेश किया गया विमान भारतीय बेड़े में मौजूद विमानों से अलग है.

भारतीय नौसेना मिग-29 'के' का भी संचालन करती है और विमान के इस संस्करण की एकमात्र ऑपरेटर है. इन विमानों का रखरखाव करना और साथ ही इनको ऑपरेट करना मुश्किल होता है.

भारतीय वायुसेना के पास मिग-29 के तीन स्क्वाड्रन हैं, जिन्हें अपग्रेड किया गया है और इसे वायु रक्षा भूमिकाओं में बहुत अच्छा विमान माना जाता है.

नई दिल्ली : भारतीय वायु सेना (आईएएफ) स्वदेशीकरण पर जोर दे रही है. इस कड़ी में वायुसेना रूस से 21 नयो मिग-29 लड़ाकू विमानों का अधिग्रहण करने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मिग-29 को एस्ट्रा एयर टू एयर मिसाइल जैसी स्वदेशी हथियार प्रणाली से लैस करने की योजना बना रही है.

रक्षा सूत्रों ने बताया, '21 मिग-29 के अधिग्रहण का प्रस्ताव जल्द ही रक्षा अधिग्रहण परिषद के समक्ष रखा जाएगा. भारतीय वायुसेना चाहती है कि मिग-29 अपग्रेड किये गये मिग-29 ही हों.'

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना भी चाहती है कि विमान को एस्ट्रा मिसाइलों सहित भारतीय हथियार प्रणालियों से लैस किया जाए.

सूत्रों ने कहा कि अन्य स्वदेशी उपकरण और हथियार हैं, जो सौदा होते ही विमान के साथ एकीकृत हो जाएंगे. मिग -29 रूसियों के साथ एक नया एयरफ्रेम है और रूस में अप्रयुक्त पड़ा हुआ था.

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स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा ऐसे समय में दिया जा रहा है, जब भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बल लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस और पांचवीं पीढ़ी के एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम जैसे स्वदेशी प्रयासों का पूरी तरह से समर्थन करेगा.

आईएएफ ने यह जांचने के लिए एक अध्ययन किया था कि क्या प्रस्तावित मिग-29 के एयरफ्रेम लंबे समय तक काम करने के लिए पर्याप्त हैं या नहीं.

मिग-29 को भारतीय वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूसियों द्वारा पेश किया गया विमान भारतीय बेड़े में मौजूद विमानों से अलग है.

भारतीय नौसेना मिग-29 'के' का भी संचालन करती है और विमान के इस संस्करण की एकमात्र ऑपरेटर है. इन विमानों का रखरखाव करना और साथ ही इनको ऑपरेट करना मुश्किल होता है.

भारतीय वायुसेना के पास मिग-29 के तीन स्क्वाड्रन हैं, जिन्हें अपग्रेड किया गया है और इसे वायु रक्षा भूमिकाओं में बहुत अच्छा विमान माना जाता है.

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