नई दिल्ली : मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की. उन पर मणिपुर डेवलपमेंट सोसाइटी (MDS) के पूर्व अध्यक्ष के रूप में करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का आरोप है. छापेमारी के बाद इबोबी ने दावा किया कि वह निर्दोष हैं और जांच का सामना के लिए तैयार हैं.
सीबीआई के इस कदम की कांग्रेस विधायक और राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने तीखी आलोचना की.
बोरा ने कहा कि इबोबी सिंह पूर्वोत्तर के एक बहुत वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं और वह राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
इबोबी सिंह यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलने आए थे, लेकिन उन्हें मिलने की इजाजत नहीं दी गयी.
बोरा ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि इबोबी सिंह कांग्रेस के नेता हैं, उन्हें मिलने के लिए समय नहीं दिया गया. यह नफरत की राजनीति है.
बोरा ने केंद्र सरकार पर देश की प्रमुख जांच एजेंसी, CBI को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि सरकार चुनिंदा कांग्रेस नेताओं को परेशान करने के लिए CBI का कठपुतली के रूप में इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने कहा कि सरकार राजनीतिक लाभ पाने के लिए ED व IT का उपयोग कर रही है ... यह संवैधानिक शक्ति का अन्याय और दुरुपयोग है.
वहीं, सीबीआई छापों का उल्लेख करते हुए इबोबी सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं.
इबोबी सिंह ने कहा, 'मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं, अगर मैंने कुछ भी गलत किया है, तो मैं सजा पाने के लिए तैयार हूं ... मैं पूरा समर्थन दूंगा.'
बता दें कि इबोबी सिंह नई दिल्ली में नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के विरोध में हड़ताल पर बैठे हुए थे.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने सरकारी धन की हेराफेरी से संबंधित एक मामले में आइजॉल, इंफाल और गुरुग्राम सहित 9 स्थानों पर छापेमारी की और तलाशी ली.
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CBI ने साथ ही MDS के तत्कालीन अध्यक्ष ओकराम इबोबी सिंह और कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
अधिकारियों ने बताया कि यह केस केंद्र सरकार के कहने पर मणिपुर सरकार द्वारा दर्ज करवाया गया है.
राज्य सरकार की ओर से आरोप लगाया गया है कि 2009 से 2017 तक MDS पद पर रहे इबोबी सिंह ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 332 करोड़ रुपये की सरकारी राशि का गबन किया. यह फंड राज्य के विकास कार्यों के लिए जारी किया गया था.