नई दिल्ली : साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई थी. सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान बिल्किस बानो के पति ने गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.
बिल्किस बानो के पति याकूब रसूल ने विजय रूपाणी नीत गुजरात सरकार की आलोचना की है. रसूल दाहोद में रहते हैं.
बता दें कि सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने बिल्किस को दो हफ्ते के अंदर 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है.
आदेश के कुछ घंटों बाद रसूल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी गुजरात सरकार ने कोई सहायता मुहैया नहीं की.
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रसूल ने आरोप लगाया है कि बिल्किस बानो 17 साल से पीड़ा सह रही है, लेकिन गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद उसकी मदद करने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने 13 अप्रैल को राज्य सरकार को उन्हें 15 दिनों के अंदर मुआवजा देने को कहा था. अब पांच महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार ने हमसे एक बार भी संपर्क नहीं किया.'
रसूल ने कहा कि उनके परिवार ने विजय रूपाणी नीत राज्य सरकार को दो नोटिस भेजे, उसे न्यायालय के आदेश की याद दिलाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने फिर से शीर्ष न्यायालय का रुख किया.
उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि राज्य सरकार अब क्या करती है. उसे 15 दिनों के अंदर आदेश का अनुपालन करना होगा अन्यथा अदालत की अवमानना होगी. हम सभी जानते हैं कि बिल्किस ने पिछले 17 बरसों में काफी कुछ झेला है लेकिन हार नहीं मानी.'
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उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि वह बिल्किस बानो को दो सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपये मुआवजा, नौकरी और रहने के लिये आवास प्रदान करे.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने गुजरात सरकार से सवाल किया कि शीर्ष अदालत के 23 अप्रैल के आदेश के बावजूद उसने अभी तक बिल्किस बानो को मुआवजा, नौकरी और आवास क्यों नहीं दिया?
बता दें कि गुजरात में हुए दंगों के दौरान बिल्किस गर्भवती थी. उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. उसके परिवार के सात सदस्य मारे गये थे.
(पीटीआई इनपुट)