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बिल्किस बानो केस : 'SC के आदेश के बाद भी गुजरात सरकार से नहीं मिली मदद'

गुजरात में साल 2002 में हुए दंगों में बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हुईं थी. इस मामले की सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने बिल्किस को दो हफ्ते के अंदर 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है. बिल्किस बानो के पति ने गुजरात सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर...

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Sep 30, 2019, 7:35 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 3:29 PM IST

नई दिल्ली : साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई थी. सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान बिल्किस बानो के पति ने गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

बिल्किस बानो के पति याकूब रसूल ने विजय रूपाणी नीत गुजरात सरकार की आलोचना की है. रसूल दाहोद में रहते हैं.

बता दें कि सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने बिल्किस को दो हफ्ते के अंदर 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

आदेश के कुछ घंटों बाद रसूल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी गुजरात सरकार ने कोई सहायता मुहैया नहीं की.

ये भी पढ़ें: बिल्किस बानो को दो सप्ताह में मुआवजा, नौकरी और आवास दे गुजरात सरकार : सुप्रीम कोर्ट

रसूल ने आरोप लगाया है कि बिल्किस बानो 17 साल से पीड़ा सह रही है, लेकिन गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद उसकी मदद करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने 13 अप्रैल को राज्य सरकार को उन्हें 15 दिनों के अंदर मुआवजा देने को कहा था. अब पांच महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार ने हमसे एक बार भी संपर्क नहीं किया.'

रसूल ने कहा कि उनके परिवार ने विजय रूपाणी नीत राज्य सरकार को दो नोटिस भेजे, उसे न्यायालय के आदेश की याद दिलाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने फिर से शीर्ष न्यायालय का रुख किया.

उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि राज्य सरकार अब क्या करती है. उसे 15 दिनों के अंदर आदेश का अनुपालन करना होगा अन्यथा अदालत की अवमानना होगी. हम सभी जानते हैं कि बिल्किस ने पिछले 17 बरसों में काफी कुछ झेला है लेकिन हार नहीं मानी.'

ये भी पढ़ें: 2002 गुजरात दंगे: SC का राज्य सरकार को आदेश, दुष्कर्म पीड़िता बिलकिस बानो को दे मुआवजा

उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि वह बिल्किस बानो को दो सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपये मुआवजा, नौकरी और रहने के लिये आवास प्रदान करे.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने गुजरात सरकार से सवाल किया कि शीर्ष अदालत के 23 अप्रैल के आदेश के बावजूद उसने अभी तक बिल्किस बानो को मुआवजा, नौकरी और आवास क्यों नहीं दिया?

बता दें कि गुजरात में हुए दंगों के दौरान बिल्किस गर्भवती थी. उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. उसके परिवार के सात सदस्य मारे गये थे.
(पीटीआई इनपुट)

नई दिल्ली : साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान बिल्किस बानो सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई थी. सुप्रीम कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान बिल्किस बानो के पति ने गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

बिल्किस बानो के पति याकूब रसूल ने विजय रूपाणी नीत गुजरात सरकार की आलोचना की है. रसूल दाहोद में रहते हैं.

बता दें कि सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने बिल्किस को दो हफ्ते के अंदर 50 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

आदेश के कुछ घंटों बाद रसूल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी गुजरात सरकार ने कोई सहायता मुहैया नहीं की.

ये भी पढ़ें: बिल्किस बानो को दो सप्ताह में मुआवजा, नौकरी और आवास दे गुजरात सरकार : सुप्रीम कोर्ट

रसूल ने आरोप लगाया है कि बिल्किस बानो 17 साल से पीड़ा सह रही है, लेकिन गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद उसकी मदद करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने 13 अप्रैल को राज्य सरकार को उन्हें 15 दिनों के अंदर मुआवजा देने को कहा था. अब पांच महीने हो चुके हैं लेकिन सरकार ने हमसे एक बार भी संपर्क नहीं किया.'

रसूल ने कहा कि उनके परिवार ने विजय रूपाणी नीत राज्य सरकार को दो नोटिस भेजे, उसे न्यायालय के आदेश की याद दिलाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने फिर से शीर्ष न्यायालय का रुख किया.

उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि राज्य सरकार अब क्या करती है. उसे 15 दिनों के अंदर आदेश का अनुपालन करना होगा अन्यथा अदालत की अवमानना होगी. हम सभी जानते हैं कि बिल्किस ने पिछले 17 बरसों में काफी कुछ झेला है लेकिन हार नहीं मानी.'

ये भी पढ़ें: 2002 गुजरात दंगे: SC का राज्य सरकार को आदेश, दुष्कर्म पीड़िता बिलकिस बानो को दे मुआवजा

उल्लेखनीय है कि शीर्ष न्यायालय ने सोमवार को गुजरात सरकार को निर्देश दिया कि वह बिल्किस बानो को दो सप्ताह के भीतर 50 लाख रुपये मुआवजा, नौकरी और रहने के लिये आवास प्रदान करे.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने गुजरात सरकार से सवाल किया कि शीर्ष अदालत के 23 अप्रैल के आदेश के बावजूद उसने अभी तक बिल्किस बानो को मुआवजा, नौकरी और आवास क्यों नहीं दिया?

बता दें कि गुजरात में हुए दंगों के दौरान बिल्किस गर्भवती थी. उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था. उसके परिवार के सात सदस्य मारे गये थे.
(पीटीआई इनपुट)

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.AHMEDABAD BOM8
GJ-BILKIS-HUSBAND
Guj govt never helped despite SC order: Bilkis Bano's husband
         Ahmedabad, Sep 30 (PTI) Hours after the Supreme Court
ordered the Gujarat government to give 2002 riots gang-rape
survivor Bilkis Bano a compensation of Rs 50 lakh within two
weeks, her husband criticised the Rupani-led dispensation for
"not providing any assistance" to them all these years.
         Bilkis Bano suffered for 17 years, but the Gujarat
government refused to help her despite being ordered to do so
by the country's top court, her husband Yakoob Rasool told PTI
over phone from Dahod on Monday.
         "The Supreme Court on April 13 asked the state
government to give her compensation within 15 days. It has
been over five months now, but the government did not contact
us even once, let alone follow the court order," he said.
         Rasool said his family sent two notices to the Vijay
Rupani-led state government, reminding it of the SC order, but
it did not even reply, following which they approached the
apex court again.
         "Let us see what the state government does now. It has
to comply within 15 days or it will amount to contempt of
court. All we know is that Bilkis suffered a lot in last 17
years, but never gave up the fight," he said.
         She lost her family in the post-Godhra riots but still
managed to raise her children, despite the state government
not helping her in any way, Rasool said.
         A bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi on Monday
asked the Gujarat government as to why it has not given the
compensation, job and accommodation to Bilkis Bano despite the
apex court's April 23 order.
          Solicitor General Tushar Mehta, appearing for the
state, told the bench that the compensation of Rs 50 lakh was
not provided in the victim compensation scheme of Gujarat and
they would also file a plea seeking review of the top court's
April order.
          Later, Mehta gave an undertaking in the court that
the compensation, job and accommodation would be given to her
within two weeks.
         On March 3, 2002, Bilkis Bano and her family were
attacked by a mob at Randhikpur village near Ahmedabad during
the post-Godhra riots.
         Bilkis Bano, who was five months' pregnant at the
time, was gang-raped and seven members of her family were
killed. PTI KA PD BNM
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09301626
NNNN
Last Updated : Oct 2, 2019, 3:29 PM IST
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