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रैंकिग सुधारने के लिए कार्य योजना बताए IIT: एचआरडी मंत्रालय

मानव संसाधन विकास मंत्रालय मंत्रालय ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को कई बदलाव करने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार की जरूरत है.

रमेश पोखरियाल निशंक
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Published : Sep 30, 2019, 3:11 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 2:30 PM IST

नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) को अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने हाल में आईआईटी परिषद की हालिया बैठक में रैंकिंग का मामला उठाया था.

एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस मामले पर परिषद की बैठक में चर्चा की गई. अनुसंधान की उत्कृष्टता पर काम करना महत्वपूर्ण है. आईआईटी संस्थानों से अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने की दिशा में काम करने को कहा गया है. इसके लिए, हर आईआईटी एक कार्य योजना लेकर आएगा.'

क्यूएस (क्वाकरेली साइमंड्स) और 'टाइम्स हायर एजुकेशन' को शैक्षणिक संस्थानों की सर्वाधिक प्रतिष्ठित रैंकिंग प्रणालियों में शामिल किया जाता है.

सर्वेक्षणों के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी शीर्ष पदों पर काबिज हैं जबकि सबसे प्रतिष्ठित भारतीय संस्थान आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) सूचियों में शीर्ष 100 में भी जगह नहीं बनाए पाए.

एचआरडी मंत्रालय ने अधिकारियों के साथ भी समीक्षा बैठक की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय जैसे कई प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों के क्यूएस की शीर्ष रैंकिंग पर नहीं होने के पीछे का क्या कारण है.

नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) को अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने हाल में आईआईटी परिषद की हालिया बैठक में रैंकिंग का मामला उठाया था.

एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस मामले पर परिषद की बैठक में चर्चा की गई. अनुसंधान की उत्कृष्टता पर काम करना महत्वपूर्ण है. आईआईटी संस्थानों से अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने की दिशा में काम करने को कहा गया है. इसके लिए, हर आईआईटी एक कार्य योजना लेकर आएगा.'

क्यूएस (क्वाकरेली साइमंड्स) और 'टाइम्स हायर एजुकेशन' को शैक्षणिक संस्थानों की सर्वाधिक प्रतिष्ठित रैंकिंग प्रणालियों में शामिल किया जाता है.

सर्वेक्षणों के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी शीर्ष पदों पर काबिज हैं जबकि सबसे प्रतिष्ठित भारतीय संस्थान आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) सूचियों में शीर्ष 100 में भी जगह नहीं बनाए पाए.

एचआरडी मंत्रालय ने अधिकारियों के साथ भी समीक्षा बैठक की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय जैसे कई प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों के क्यूएस की शीर्ष रैंकिंग पर नहीं होने के पीछे का क्या कारण है.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:51 HRS IST




             
  • रैकिंग सुधारने के लिए कार्य योजना बताए आईआईटी: एचआरडी मंत्रालय



नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) को अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है।



मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने हाल में आईआईटी परिषद की हालिया बैठक में रैंकिंग का मामला उठाया था।



एचआरडी मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ इस मामले पर परिषद की बैठक में चर्चा की गई। अनुसंधान की उत्कृष्टता पर काम करना महत्वपूर्ण है। आईआईटी संस्थानों से अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने की दिशा में काम करने को कहा गया है। इसके लिए, हर आईआईटी एक कार्य योजना लेकर आएगा।’’



क्यूएस (क्वाकरेली साइमंड्स) और ‘टाइम्स हायर एजुकेशन’ को शैक्षणिक संस्थानों की सर्वाधिक प्रतिष्ठित रैंकिंग प्रणालियों में शामिल किया जाता है।



सर्वेक्षणों के अनुसार ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एमआईटी शीर्ष पदों पर काबिज हैं जबकि सबसे प्रतिष्ठित भारतीय संस्थान आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) सूचियों में शीर्ष 100 में भी जगह नहीं बनाए पाए।



एचआरडी मंत्रालय ने अधिकारियों के साथ भी समीक्षा बैठक की थी ताकि यह पता लगाया जा सके कि जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय जैसे कई प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों के क्यूएस की शीर्ष रैंकिंग पर नहीं होने के पीछे का क्या कारण है।


Conclusion:
Last Updated : Oct 2, 2019, 2:30 PM IST
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