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जानिए कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर कैसे करें अपनी देखभाल

प्रत्येक दिन कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. दुनियाभर में अधिकांश अस्पताल कोरोना के मरीजों से भरी हुई है. बहुत ही कम मामलों में यह बीमारी गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है. बुज़ुर्ग और ऐसे लोग जिन्हें दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि दिल, फेफड़े, जिगर की बीमारी है, उनके लिए यह वायरस अधिक खतरनाक साबित हो सकता है. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों को भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. वायरस के हल्के लक्षणो वाले लोगों को देखभाल करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं.

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Published : Apr 8, 2020, 4:37 PM IST

हैदराबाद. दुनियाभर में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं. वहीं कम गंभीर लक्षणों वाले कई लोगों को घर पर ही रहकर ठीक होने की सलाह दी जा रही है. वायरस के हल्के लक्षण वाले लोगों की देखभाल करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं.

प्रत्येक दिन कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है. दुनियाभर में अधिकांश अस्पताल कोरोना के मरीजों से भरी हुई है.

जानकारी के मुताबिक हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही रहकर ठीक होने की सलाह दी जा रही है.

हालांकि, जो लोग कोरोना वायरस के उच्च जोखिम में हैं, उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता है. खासकर ऐसे मरीज जो वृद्ध हैं या पहले से ही किसी गंभीर बिमारी से ग्रसित हैं, वैसे लोगों को तत्काल स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मिलना चाहिए.

कम लक्षण वाले मरीजों की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण

ऐसे समय क्या करें-

पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम कोरोना वायरस के लक्षणों वाले व्यक्ति को अलग करना होता है, जिसे हम अंग्रेजी में क्वारंटाइन कहते हैं. कम लक्षण वाले मरीजों को अलग से हवादार कमरा और वॉशरूम दिया जाना चाहिए.

अन्य सदस्यों को संक्रमित व्यक्ति को साथ दूरी बनाए रखनी चाहिए. यदि संभव नहीं है तो, मरीज से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना चाहिए और अलग बिस्तर पर सोना चाहिए. देखभाल करने वाले के लिए एक अच्छी स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है. संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आने के बाद व्यक्ति को अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए.

साबुन और पानी से हाथ धोने के बाद, उन्हें सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर तौलिये का उपयोग करना बेहतर माना जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बीमार व्यक्ति और देखभाल करने वाले दोनों को मेडिकल मास्क पहनना चाहिए.

सलाह के अनुसार बीमार व्यक्ति को घर के बाकी हिस्सों में अलग-अलग व्यंजन, बर्तन, तौलिए और बिस्तर का उपयोग करना चाहिए और इन सभी वस्तुओं को साबुन और पानी से अलग से धोया जाना चाहिए.

स्तनपान कराने वाली माताएं अपने बच्चों को दूध पिला सकती हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले मां को मास्क पहनना चाहिए.

यदि संक्रमित व्यक्ति किसी भी सतह या वस्तु को छूता है तो उसे ठीक से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. रोगी के लिए उचित आराम लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उसे पौष्टिक भोजन खाना चाहिए और तरल पदार्थों का सेवन लगातार करना चाहिए.

सबसे महत्वपूर्ण बात, लक्षणों की निगरानी करना अति आवश्यक है. कुछ लोगों में वायरस के केवल हल्के प्रभाव देखने को मिलता है लेकिन कुछ के लिए, इसके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं. यदि किसी को सांस लेने में कठिनाई होती है, तो तुरंत मदद के लिए चिकित्सा सेवाओं से संपर्क करना चाहिए.

हैदराबाद. दुनियाभर में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के अस्पताल मरीजों से भरे हुए हैं. वहीं कम गंभीर लक्षणों वाले कई लोगों को घर पर ही रहकर ठीक होने की सलाह दी जा रही है. वायरस के हल्के लक्षण वाले लोगों की देखभाल करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं.

प्रत्येक दिन कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है. दुनियाभर में अधिकांश अस्पताल कोरोना के मरीजों से भरी हुई है.

जानकारी के मुताबिक हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर ही रहकर ठीक होने की सलाह दी जा रही है.

हालांकि, जो लोग कोरोना वायरस के उच्च जोखिम में हैं, उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता है. खासकर ऐसे मरीज जो वृद्ध हैं या पहले से ही किसी गंभीर बिमारी से ग्रसित हैं, वैसे लोगों को तत्काल स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मिलना चाहिए.

कम लक्षण वाले मरीजों की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण

ऐसे समय क्या करें-

पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम कोरोना वायरस के लक्षणों वाले व्यक्ति को अलग करना होता है, जिसे हम अंग्रेजी में क्वारंटाइन कहते हैं. कम लक्षण वाले मरीजों को अलग से हवादार कमरा और वॉशरूम दिया जाना चाहिए.

अन्य सदस्यों को संक्रमित व्यक्ति को साथ दूरी बनाए रखनी चाहिए. यदि संभव नहीं है तो, मरीज से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना चाहिए और अलग बिस्तर पर सोना चाहिए. देखभाल करने वाले के लिए एक अच्छी स्वच्छता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है. संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आने के बाद व्यक्ति को अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए.

साबुन और पानी से हाथ धोने के बाद, उन्हें सुखाने के लिए डिस्पोजेबल पेपर तौलिये का उपयोग करना बेहतर माना जाता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बीमार व्यक्ति और देखभाल करने वाले दोनों को मेडिकल मास्क पहनना चाहिए.

सलाह के अनुसार बीमार व्यक्ति को घर के बाकी हिस्सों में अलग-अलग व्यंजन, बर्तन, तौलिए और बिस्तर का उपयोग करना चाहिए और इन सभी वस्तुओं को साबुन और पानी से अलग से धोया जाना चाहिए.

स्तनपान कराने वाली माताएं अपने बच्चों को दूध पिला सकती हैं, लेकिन ऐसा करने से पहले मां को मास्क पहनना चाहिए.

यदि संक्रमित व्यक्ति किसी भी सतह या वस्तु को छूता है तो उसे ठीक से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए. रोगी के लिए उचित आराम लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उसे पौष्टिक भोजन खाना चाहिए और तरल पदार्थों का सेवन लगातार करना चाहिए.

सबसे महत्वपूर्ण बात, लक्षणों की निगरानी करना अति आवश्यक है. कुछ लोगों में वायरस के केवल हल्के प्रभाव देखने को मिलता है लेकिन कुछ के लिए, इसके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं. यदि किसी को सांस लेने में कठिनाई होती है, तो तुरंत मदद के लिए चिकित्सा सेवाओं से संपर्क करना चाहिए.

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