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कोरोना महामारी के दौरान पुलिसकर्मी के कार्यों की गृह मंत्रालय ने की प्रशंसा

गृह मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिसकर्मियों के किए गए अथक प्रयासों की प्रशंसा की है. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि फ्रंट वॉरियर बन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सीएपीएफ में व्यक्तिगत पुलिस ने दिन-रात काम किया है.

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी
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Published : Sep 28, 2020, 8:19 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान सेवा में लगे पुलिस के प्रयासों की सराहना की है. 184-विशेष संकलन में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा तैयार कोविड-19 संकट के लिए भारतीय पुलिस प्रतिक्रिया इसका शीर्षक दिया गया है.

इससे पहले के रिपोर्टों में प्रवासी मजदूरों पर पुलिस अत्याचारों को सुझाया गया था, जिन्हें कोविड-19 महामारी के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

मुख्य विशेषताएं

बीपीआरडी ने हाल ही में प्रकाशित अपनी विशेष पुस्तिका में कहा है कि पूरे भारत में पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने न केवल एक सख्त लॉकडाउन सुनिश्चित किया, बल्कि मजदूरों को पलायन के दौरान आवश्यक सेवाओं और आपूर्ति के वितरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

कोरोना से ठीक हुए पुलिस अधिकारियों ने मरीजों के लिए प्लाज्मा भी दान किया.

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि फ्रंट वॉरियर बन के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सीएपीएफ में व्यक्तिगत पुलिस ने दिन-रात काम किया है, नियमों को लागू करने, कठिन काम की दिनचर्या और वायरस के ट्रांसमिशन के खतरे से जूझते हुए कानून प्रवर्तन कर्मियों ने करोड़ों लोगों को कोरोना महामारी से बचाया है.

कोविड के खतरे को देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राशन का वितरण, फेस मास्क, सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने, जागरूकता फैलाने के अलावा, कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने भी अपने वेतन का भी योगदान दिया.

बीपीआरडी की रिपोर्ट में कहा गया कि पुलिस अधिकारी ड्यूटी से परे कोविड-19 रोगियों का अंतिम संस्कार भी किया.

संकलन में बीपीआरडी ने कहा कि वाट्सएप ग्रुप्स का गठन माताओं के साथ संवाद, उन्हें महामारी के कारण असुविधा के मामले में सहायता प्रदान करने के लिए किया गया था. कई अवसरों पर पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ लोगों और बच्चों के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए केक खरीदते हुए पाया गया.

बीपीआरडी ने कहा कि पुलिस विभाग भी महामारी को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का सही उपयोग करते हैं. सीसीटीवी कैमरे का उपयोग क्वारंटाइन केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखने और सामाजिक दूर के निर्धारित प्रोटोकॉल के पालन के लिए संवेदनशील स्थानों पर किया गया था.

पुलिस अधिकारियों की भूमिका सराहनीय

ईटीवी भारत से बात करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान जो भूमिका निभाई जा रही है, वह बहुत ही सराहनीय है.

उन्होंने न केवल कानून और व्यवस्था सुनिश्चित की, बल्कि अपने कर्तव्यों को निभाने में स्वास्थ्य कर्मचारियों की भी मदद की. पुलिस अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि नागरिकों द्वारा उचित सामाजिक दूरी का पालन किया जाए. सिंह ने असम पुलिस के महानिदेशक और उत्तर प्रदेश पुलिस के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं.

बीपीआरडी की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 76768 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, जिसमें 401 अधिकारियों की जान भी चली गई है.

महाराष्ट्र में 12,760 से अधिक संख्या में पुलिस अधिकारी संक्रमित हुए. राज्य में बीमारी के कारण 129 पुलिसकर्मियों की सबसे ज्यादा मौत हुई.

बीपीआरडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 3757 बीएसएफ कर्मी, 3041 सीआईएसएफ और 5467 सीआरपीएफ कर्मी कोविड-19 वायरस से संक्रमित थे. इसी तरह बीएसएफ के 13 जवान, सीआईएसएफ के 17 और सीआरपीएफ के 24 जवान भी महामारी से लड़ते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं.

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान सेवा में लगे पुलिस के प्रयासों की सराहना की है. 184-विशेष संकलन में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआरडी) द्वारा तैयार कोविड-19 संकट के लिए भारतीय पुलिस प्रतिक्रिया इसका शीर्षक दिया गया है.

इससे पहले के रिपोर्टों में प्रवासी मजदूरों पर पुलिस अत्याचारों को सुझाया गया था, जिन्हें कोविड-19 महामारी के कारण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

मुख्य विशेषताएं

बीपीआरडी ने हाल ही में प्रकाशित अपनी विशेष पुस्तिका में कहा है कि पूरे भारत में पुलिस बलों के साथ-साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने न केवल एक सख्त लॉकडाउन सुनिश्चित किया, बल्कि मजदूरों को पलायन के दौरान आवश्यक सेवाओं और आपूर्ति के वितरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

कोरोना से ठीक हुए पुलिस अधिकारियों ने मरीजों के लिए प्लाज्मा भी दान किया.

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि फ्रंट वॉरियर बन के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सीएपीएफ में व्यक्तिगत पुलिस ने दिन-रात काम किया है, नियमों को लागू करने, कठिन काम की दिनचर्या और वायरस के ट्रांसमिशन के खतरे से जूझते हुए कानून प्रवर्तन कर्मियों ने करोड़ों लोगों को कोरोना महामारी से बचाया है.

कोविड के खतरे को देखते हुए राज्य में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राशन का वितरण, फेस मास्क, सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने, जागरूकता फैलाने के अलावा, कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने भी अपने वेतन का भी योगदान दिया.

बीपीआरडी की रिपोर्ट में कहा गया कि पुलिस अधिकारी ड्यूटी से परे कोविड-19 रोगियों का अंतिम संस्कार भी किया.

संकलन में बीपीआरडी ने कहा कि वाट्सएप ग्रुप्स का गठन माताओं के साथ संवाद, उन्हें महामारी के कारण असुविधा के मामले में सहायता प्रदान करने के लिए किया गया था. कई अवसरों पर पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ लोगों और बच्चों के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए केक खरीदते हुए पाया गया.

बीपीआरडी ने कहा कि पुलिस विभाग भी महामारी को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का सही उपयोग करते हैं. सीसीटीवी कैमरे का उपयोग क्वारंटाइन केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखने और सामाजिक दूर के निर्धारित प्रोटोकॉल के पालन के लिए संवेदनशील स्थानों पर किया गया था.

पुलिस अधिकारियों की भूमिका सराहनीय

ईटीवी भारत से बात करते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सेवानिवृत्त महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान जो भूमिका निभाई जा रही है, वह बहुत ही सराहनीय है.

उन्होंने न केवल कानून और व्यवस्था सुनिश्चित की, बल्कि अपने कर्तव्यों को निभाने में स्वास्थ्य कर्मचारियों की भी मदद की. पुलिस अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया कि नागरिकों द्वारा उचित सामाजिक दूरी का पालन किया जाए. सिंह ने असम पुलिस के महानिदेशक और उत्तर प्रदेश पुलिस के रूप में भी अपनी सेवाएं दी हैं.

बीपीआरडी की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 76768 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, जिसमें 401 अधिकारियों की जान भी चली गई है.

महाराष्ट्र में 12,760 से अधिक संख्या में पुलिस अधिकारी संक्रमित हुए. राज्य में बीमारी के कारण 129 पुलिसकर्मियों की सबसे ज्यादा मौत हुई.

बीपीआरडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 3757 बीएसएफ कर्मी, 3041 सीआईएसएफ और 5467 सीआरपीएफ कर्मी कोविड-19 वायरस से संक्रमित थे. इसी तरह बीएसएफ के 13 जवान, सीआईएसएफ के 17 और सीआरपीएफ के 24 जवान भी महामारी से लड़ते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं.

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