नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमृसतर के स्वर्ण मंदिर को विदेशी चंदा प्राप्त करने की अनुमति देने का सरकार का फैसला एक अग्रणी कदम है और यह एक बार फिर सिख समुदाय की असाधारण सेवा भावना को प्रदर्शित करेगा.
बुधवार को, गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान (नियमन) कानून, 2010 के तहत श्री हरमंदिर साहब के पंजीकरण को स्वीकृत किया था, जिससे अब इस मंदिर को विदेशी निधि प्राप्त करने की अनुमति मिल गई है.
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को श्री हरमंदिर साहब के नाम से भी जाना जाता है.
शाह ने ट्वीट किया, 'श्री हरमंदिर साहब के लिए एफसीआरए पर फैसला पथप्रवर्तक है जो एक बार फिर हमारे सिख भाई-बहनों की असाधारण सेवा भावना को प्रदर्शित करेगा.'
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्य हैं कि 'वाहे गुरु जी' ने उनसे 'सेवा' ली है.
शाह ने कहा, 'श्री दरबार साहिब की दिव्यता हमें शक्ति देती है. दशकों तक, विश्व भर की संगत वहां सेवा करने में असमर्थ थी. श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए की अनुमति देने का मोदी सरकार का फैसला श्री दरबार साहिब और दुनिया भर के संगत के बीच सेवा के जुड़ाव को और गहरा करता है. एक धन्य पल है.'
एफसीआरए पंजीकरण 'सचखंड श्री हरमंदिर साहेब श्री दरबार साहेब पंजाब एसोसिएशन' के नाम पर दिया गया है. यह निकाय 1925 में स्थापित हुआ था.
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री एवं अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने स्वर्ण मंदिर को एफसीआरए पंजीकरण देने के लिए शाह का धन्यवाद किया.
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उन्होंने ट्वीट किया, 'यह साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि एमएचए ने श्री हरमंदिर साहिब को एफसीआरए के तहत मंजूरी दी है. यह मंदिर को पूरे विश्व से ‘सेवा’ प्राप्त करने में समर्थ बनोगा और गुरु साहेब के 'सरबत दा भला' दर्शन के प्रचार में प्रभावी होगा. इसे संभव बनाने के लिए मैं अमित शाह जी की शुक्रगुजार हूं.'
सूत्रों ने बताया कि एफसीआरए पंजीकरण पांच वर्षों की अवधि के लिए वैध होगा.