मुंबई : पतंजलि ने कोरोना महामारी के इलाज के लिए कोरोनिल नाम की पहली आयुर्वेदिक दवा विकसित करने का दावा किया है. हालांकि, इस पर विवाद भी हो रहा है. ताजा घटनाक्रम में महाराष्ट्र सरकार ने इसे प्रदेश में बेचे जाने की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कोरोनिल की बिक्री के बारे में ट्वीट कर कहा है कि राज्य में पतंजलि की कोरोनिल दवा नहीं नहीं बिकेगी.
गृहमंत्री देशमुख ने बाबा रामदेव को आगाह करते हुए एक ट्वीट कर लिखा कि सरकार भ्रामक (spurious) दवा को बेचने की अनुमति नहीं देगी.
बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोना वायरस (कोविड-19) की पहली आयुर्वेदिक दवा तैयार कर ली है.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में योग गुरु रामदेव ने कहा कि हमने कोरोनिल बनाई है. इसमें हमने क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की है.
उन्होंने बताया कि करीब 100 लोगों पर इसका टेस्ट भी किया गया. इसके बाद तीन दिन में 65 फीसदी रोगी पॉजिटिव से नेगेटिव पाए गए.
पतंजलि आयुर्वेद का दावा है कि कोरोना वायरस मरीजों पर किए गए कंट्रोल क्लीनिकल ट्रायल के परिणाम पॉजिटिव आए हैं और यह पूरी तरह से क्लीनिकल रिसर्च पर बेस है.
अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में आचार्य बालकृष्ण ने इस बात की जानकारी दी थी. इसमें उन्होंने लिखा गया 'हमें आपको यह बताते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि कोरोना की एविडेंस बेस्ड प्रथम आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल का संपूर्ण साइंटिफिक डॉक्यूमेंट के साथ हम दोपहर एक बजे प्रेस वार्ता करने जा रहे हैं.'