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दोस्त का अंतिम संस्कार करने के लिए तय की 3,000 किलोमीटर की यात्रा

23 वर्षीय राफायल एवीएल मल्छनहिमा ने अपने दोस्त की मौत के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार करने के लिए लॉकडाउन में तीन हजार किलोमीटर की यात्रा तय की. विवियन लालरेम्सांगा की मौत संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ने की वजह से 23 अप्रैल को चेन्नई में हुई.

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अपने राज्य में दोस्त का अंतिम संस्कार करने के लिए व्यक्ति ने तय की 3,000 किलोमीटर की यात्रा
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Published : Apr 29, 2020, 6:16 PM IST

आइजोल : दिल जहां ठहरा है, वहीं घर होता है, जीने के दौरान भी और मरने के बाद भी. कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना 23 वर्षीय राफायल एवीएल मल्छनहिमा को अपने दोस्त की मौत के बाद करना पड़ा. उनके दोस्त विवियन लालरेम्सांगा की मौत संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ने की वजह से 23 अप्रैल को चेन्नई में हुई.

देशव्यापी बंद की वजह से पहले ही उनके मन में कई तरह की चीजें चल रही थी लेकिन दोस्त की मौत ने स्थिति और भी खराब कर दी थी. लालरेम्सांगा के पोस्टमार्टम के बाद अधिकारियों ने मल्छनहिमा को सलाह दी कि वह चेन्नई में ही अपने दोस्त का अंतिम संस्कार करें यानी घर से तीन हजार किलोमीटर दूर. लॉकडाउन की वजह से यातायात के साधन बंद हैं.

लालरेम्सांगा ने हाल ही में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की थी और वह सर्टिफिकेट लेने की प्रतीक्षा में थे लेकिन उनकी जिंदगी यहीं थम गई. उनका शव किराए के मकान के बाहर मिला था. चेन्नई में अधिकारियों ने बार-बाल मल्छनहिम से अपने दोस्त को यहीं कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कहा लेकिन उनका दिल नहीं माना कि वह अपने दोस्त को यहां घर से दूर कहीं रख दें.

इसके बाद मिजोरम सरकार और चेन्नई मिजो वेलफेयर एसोसिएशन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. इसी बीच दो एम्बुलेंस चालक मदद के लिए आए, जो पहले असम में वाहन चला चुके थे. चार दिन तक लगातार यात्रा करने के बाद वह अपने दोस्त को लेकर मिजोरम पहुंच गए.

मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने ट्वीट करके मल्छनहिमा का शुक्रिया अदा किया है. मल्छनहिमा को 14 दिन के लिए पृथक किया गया है.

आइजोल : दिल जहां ठहरा है, वहीं घर होता है, जीने के दौरान भी और मरने के बाद भी. कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना 23 वर्षीय राफायल एवीएल मल्छनहिमा को अपने दोस्त की मौत के बाद करना पड़ा. उनके दोस्त विवियन लालरेम्सांगा की मौत संभावित रूप से दिल का दौरा पड़ने की वजह से 23 अप्रैल को चेन्नई में हुई.

देशव्यापी बंद की वजह से पहले ही उनके मन में कई तरह की चीजें चल रही थी लेकिन दोस्त की मौत ने स्थिति और भी खराब कर दी थी. लालरेम्सांगा के पोस्टमार्टम के बाद अधिकारियों ने मल्छनहिमा को सलाह दी कि वह चेन्नई में ही अपने दोस्त का अंतिम संस्कार करें यानी घर से तीन हजार किलोमीटर दूर. लॉकडाउन की वजह से यातायात के साधन बंद हैं.

लालरेम्सांगा ने हाल ही में होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की थी और वह सर्टिफिकेट लेने की प्रतीक्षा में थे लेकिन उनकी जिंदगी यहीं थम गई. उनका शव किराए के मकान के बाहर मिला था. चेन्नई में अधिकारियों ने बार-बाल मल्छनहिम से अपने दोस्त को यहीं कब्रिस्तान में दफनाने के लिए कहा लेकिन उनका दिल नहीं माना कि वह अपने दोस्त को यहां घर से दूर कहीं रख दें.

इसके बाद मिजोरम सरकार और चेन्नई मिजो वेलफेयर एसोसिएशन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. इसी बीच दो एम्बुलेंस चालक मदद के लिए आए, जो पहले असम में वाहन चला चुके थे. चार दिन तक लगातार यात्रा करने के बाद वह अपने दोस्त को लेकर मिजोरम पहुंच गए.

मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने ट्वीट करके मल्छनहिमा का शुक्रिया अदा किया है. मल्छनहिमा को 14 दिन के लिए पृथक किया गया है.

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