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निजी फायदे के लिए वित्तमंत्री पद का इस्तेमाल करने से चिदंबरम का इनकार

भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में CBI  द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार किया. CBI  ने इस मामले में कहा था कि चिदंबरम ने उच्च सार्वजनिक पद का दुरुपयोग किया था. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 23, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 6:53 PM IST

पी. चिदंबरम (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः INX मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में इस बात से इनकार किया कि उन्होंने वित्तमंत्री के पद का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया.

चिदंबरम ने अपनी जमानत याचिका पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के जवाब का प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस पहले से ही जारी है और यह आरोप लगाना ठीक नहीं है कि उनके भागने की आशंका है और वह कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर सकते हैं.

पूर्व वित्तमंत्री ने वर्तमान मामले में जनता के भरोसे को स्पष्ट रूप से तोड़ने के CBI के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि INX मीडिया में जो 305 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर आये वह मंजूर 46.216 प्रतिशत की सीमा में ही था.

उन्होंने अपने जवाब में जांच एजेंसी के इस दावे से भी इनकार किया कि अपराध में उन पर अभियोग लगाने के लिए ठोस सबूत रिकार्ड में है और उनके खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है.

चिदंबरम ने इस आरोप से भी इनकार किया कि उन्होंने अपने सहयोगी षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर वित्तमंत्री के पद का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया. उन्होंने साथ ही दावा किया कि इस मामले में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ.

उन्होंने जवाब में कहा, 'इस मामले में कोई सार्वजनिक राशि शामिल नहीं थी और यह कोई बैंक धोखाधड़ी या धनराशि देश के बाहर ले जाने या राशि चुराकर निवेशकों से धोखाधड़ी करने का मामला नहीं है.'

पढ़ें-सोनिया और मनमोहन पहुंचे तिहाड़, चिदंबरम से की मुलाकात

चिदंबरम ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी की कोई विश्वसनीयता नहीं है जो कि भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बन गई हैं. क्योंकि CBI उसके और उसके पति के खिलाफ हत्या के मामले में जांच कर रही है.

न्यायमूर्ति सुरेश कैत दिन में बाद में चिदंबरम की जमानत अर्जी पर सुनवायी करने वाले हैं.

CBI ने भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को कहा था कि यह 'आर्थिक अपराधों का सबसे बड़ा मामला' है और वित्तीय गबन और उच्च सार्वजनिक पद के दुरुपयोग के कारण उन्हें कोई राहत नहीं मिलनी चाहिए.

CBI ने चिदंबरम की जमानत अर्जी पर अपने लिखित जवाब में कहा था कि पूर्व वित्तमंत्री द्वारा किये गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए वह किसी राहत के हकदार नहीं हैं. क्योंकि यह न केवल 'भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति' के खिलाफ होगा बल्कि यह भ्रष्टाचार के सभी मामलों में एक गलत नजीर बनेगा.

CBI ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ कि चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते रिश्वत की मांग की थी और भुगतान भारत और विदेश में उन्हें और उनके आरोपी पुत्र कार्ति को किया गया था.

एजेंसी ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के बावजूद चिदंबरम पूछताछ के दौरान पूछे गए सवालों पर टालमटोल करते रहे.

चिदंबरम को CBI ने 21 अगस्त को दिल्ली में जोरबाग स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. वह तीन अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

INX मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर CBI ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. 2007 में उस वक्त चिदंबरम वित्तमंत्री थे.

बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 में इस संबंध में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया.

नई दिल्लीः INX मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में इस बात से इनकार किया कि उन्होंने वित्तमंत्री के पद का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया.

चिदंबरम ने अपनी जमानत याचिका पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के जवाब का प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस पहले से ही जारी है और यह आरोप लगाना ठीक नहीं है कि उनके भागने की आशंका है और वह कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर सकते हैं.

पूर्व वित्तमंत्री ने वर्तमान मामले में जनता के भरोसे को स्पष्ट रूप से तोड़ने के CBI के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि INX मीडिया में जो 305 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर आये वह मंजूर 46.216 प्रतिशत की सीमा में ही था.

उन्होंने अपने जवाब में जांच एजेंसी के इस दावे से भी इनकार किया कि अपराध में उन पर अभियोग लगाने के लिए ठोस सबूत रिकार्ड में है और उनके खिलाफ एक मजबूत मामला बनता है.

चिदंबरम ने इस आरोप से भी इनकार किया कि उन्होंने अपने सहयोगी षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर वित्तमंत्री के पद का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया. उन्होंने साथ ही दावा किया कि इस मामले में सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ.

उन्होंने जवाब में कहा, 'इस मामले में कोई सार्वजनिक राशि शामिल नहीं थी और यह कोई बैंक धोखाधड़ी या धनराशि देश के बाहर ले जाने या राशि चुराकर निवेशकों से धोखाधड़ी करने का मामला नहीं है.'

पढ़ें-सोनिया और मनमोहन पहुंचे तिहाड़, चिदंबरम से की मुलाकात

चिदंबरम ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी की कोई विश्वसनीयता नहीं है जो कि भ्रष्टाचार मामले में सरकारी गवाह बन गई हैं. क्योंकि CBI उसके और उसके पति के खिलाफ हत्या के मामले में जांच कर रही है.

न्यायमूर्ति सुरेश कैत दिन में बाद में चिदंबरम की जमानत अर्जी पर सुनवायी करने वाले हैं.

CBI ने भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को कहा था कि यह 'आर्थिक अपराधों का सबसे बड़ा मामला' है और वित्तीय गबन और उच्च सार्वजनिक पद के दुरुपयोग के कारण उन्हें कोई राहत नहीं मिलनी चाहिए.

CBI ने चिदंबरम की जमानत अर्जी पर अपने लिखित जवाब में कहा था कि पूर्व वित्तमंत्री द्वारा किये गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए वह किसी राहत के हकदार नहीं हैं. क्योंकि यह न केवल 'भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति' के खिलाफ होगा बल्कि यह भ्रष्टाचार के सभी मामलों में एक गलत नजीर बनेगा.

CBI ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ कि चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते रिश्वत की मांग की थी और भुगतान भारत और विदेश में उन्हें और उनके आरोपी पुत्र कार्ति को किया गया था.

एजेंसी ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी के बावजूद चिदंबरम पूछताछ के दौरान पूछे गए सवालों पर टालमटोल करते रहे.

चिदंबरम को CBI ने 21 अगस्त को दिल्ली में जोरबाग स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. वह तीन अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.

INX मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि की प्राप्ति के लिए एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर CBI ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. 2007 में उस वक्त चिदंबरम वित्तमंत्री थे.

बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2017 में इस संबंध में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया.

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DL-HC-CHIDAMBARAM
INX Media case: Chidambaram denies CBI claim of using FM office for personal gain
          New Delhi, Sep 23 (PTI) Congress leader P Chidambaram, arrested in the INX Media corruption case, on Monday denied in the Delhi High Court that he used the office of the finance minister for personal gain.
          In a rejoinder to the CBI's reply on his bail plea, the former finance minister said a a look out circular has already been issued against him and it is preposterous to allege that he is a flight risk and can evade the process of law.
          CBI in its reply on Friday opposed Chidambaram's bail plea in the corruption case, saying it is a "gravest case of economic offences" and the magnitude of financial embezzlement and misuse of high public office disentitles him for any relief.
          Justice Suresh Kait is scheduled to hear Chidambaram's bail plea later in the day. PTI SKV HMP LLP LLP
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NNNN
Last Updated : Oct 1, 2019, 6:53 PM IST
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