नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत में आर्थिक संकट को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक वीडियो ट्वीट कर जीएसटी के मुद्दे पर टिप्पणी की. भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट को लेकर राहुल ने लिखा, 'GDP में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है, मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST).'
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GDP में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है- मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST)।
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इससे बहुत कुछ बर्बाद हुआ जैसे-
▪️लाखों छोटे व्यापार
▪️करोड़ों नौकरियाँ और युवाओं का भविष्य
▪️राज्यों की आर्थिक स्थिति।
GST मतलब आर्थिक सर्वनाश।
अधिक जानने के लिए मेरा वीडियो देखें। pic.twitter.com/QdD3HMEqBy
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2020
इससे बहुत कुछ बर्बाद हुआ जैसे-
▪️लाखों छोटे व्यापार
▪️करोड़ों नौकरियाँ और युवाओं का भविष्य
▪️राज्यों की आर्थिक स्थिति।
GST मतलब आर्थिक सर्वनाश।
अधिक जानने के लिए मेरा वीडियो देखें। pic.twitter.com/QdD3HMEqByGDP में ऐतिहासिक गिरावट का एक और बड़ा कारण है- मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST)।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 6, 2020
इससे बहुत कुछ बर्बाद हुआ जैसे-
▪️लाखों छोटे व्यापार
▪️करोड़ों नौकरियाँ और युवाओं का भविष्य
▪️राज्यों की आर्थिक स्थिति।
GST मतलब आर्थिक सर्वनाश।
अधिक जानने के लिए मेरा वीडियो देखें। pic.twitter.com/QdD3HMEqBy
राहुल गांधी की यह टिप्पणी उनकी नई श्रृंखला के तीसरे वीडियो में आई है, जिसका शीर्षक है 'मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे नष्ट कर दिया'. इस वीडियो में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सकल सेवा कर (GST) एक कर प्रणाली नहीं है, बल्कि यह भारत के गरीबों पर हमला है. जीडीपी में ऐतिहासिक गिरावट का एक और प्रमुख कारण मोदी सरकार का गब्बर सिंह टैक्स (GST) है.
जीएसटी ने कई चीजों को नष्ट कर दिया जैसे- लाखों छोटे व्यवसाय, लाखों नौकरियों और युवाओं का भविष्य और राज्यों की आर्थिक स्थिति. जीएसटी का मतलब आर्थिक सर्वनाश है, उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है.
कोविड 19 के कारण लागू लॉकडाउन के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी विकास दर -23.9 प्रतिशत तक गिर गई.
पढ़ें-देश के युवाओं की समस्या का समाधान करे मोदी सरकार : राहुल गांधी
वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्र पर दूसरा हमला है. जीएसटी यूपीए का विचार था, जिसने मानना था कि एक कर, कम से कम कर और एक सरल कर होगा, लेकिन एनडीए का जीएसटी पूरी तरह से अलग है.
इस कर में चार अलग-अलग तरह के टैक्स हैं और 28 फीसदी तक टैक्स देने का नियम है. यह जटिल है और कई लोगों द्वारा समझा जाना आसान नहीं है. छोटे और मध्यम व्यवसाय एनडीए के जीएसटी के तहत अपने करों को भर नहीं सकते, लेकिन बड़ी कंपनियां 5 से 15 अकाउंटेंट की मदद लेने के बाद आसानी से इसे फाइल कर सकती हैं.
उन्होंने कहा कि 4 प्रकार की अलग अलग दरें हैं. यह दरे इसलिए है क्योंकि सरकार चाहती है कि जिनके पास पहुंच और संसाधन हैं वे प्रणाली में हेरफेर कर सकें. जिसने पास पहुंच और संसाधन नहीं हैं, वे कुछ भी नहीं कर सकते.
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राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि एनडीए के जीएसटी का नतीजा यह है कि पहली बार केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी का पैसा ही नहीं दे पा रही है. सभी राज्य सरकारें शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को भुगतान करने में असमर्थ हैं इसलिए जीएसटी फेल हो गया है. यह गरीबों और एमएसएमई पर हमला है. जीएसटी एक कर प्रणाली नहीं है यह भारत के गरीबों, किसानों, दुकानदारों पर हमला है. हमें हमले की पहचान करनी होगी और हमें इसके खिलाफ खड़ा होना होगा.
तीन सितंबर को जारी दूसरे वीडियो में राहुल गांधी ने कहा था कि डिमानेटाइजेशन भारत के अनौपचारिक क्षेत्र पर हमला था, जिसमें मुख्य रूप से गरीब मजदूर, किसान और छोटे दुकानदार शामिल थे.
31 अगस्त को जारी पहले वीडियो में पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार पिछले 6 वर्षों में अनौपचारिक क्षेत्र पर हमला कर रही है. उन्होंने यह जोर देकर कहा है कि डिमानेटाइजेशन का उद्देश्य, 'गलत' गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) और लॉकडाउन इस क्षेत्र को नष्ट करने के लिए किया गया है.