लुधियाना: हेदॉन बेट गांव पंजाब के लुधियाना में है. यहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता. इसके बावजूद यहां की एक मस्जिद आबाद है. इसे आबाद रखने का जिम्मा खुद गांव वालों ने उठाया है. स्थानीय लोग हर गुरुवार को इस मस्जिद में दीये जलाते हैं. जीर्ण अवस्था में होने के बाद भी यहां के लोग इस मस्जिद को जमींदोज के पक्ष में नहीं हैं.
हेदॉन बेट गांव के लोग इस मस्जिद में चादरपोशी भी करते हैं. दूसरी ओर इसी मस्जिद में आस्था के साथ दीये भी जलाए जाते हैं. ये इमारत भाई-चारे का प्रतीक है. मुस्लिम समुदाय से नहीं होने के बाद भी गांव में रहने वाले लोग स्वेच्छा से इस मस्जिद की देख -रेख करते हैं.
गांव में एक भी मुस्लिम परिवार न होने के बावजूद भी गांव में अन्य धर्मों के अनुयायी मस्जिद को नहीं ढहाना चाहते. हिंदू और सिख समुदाय एकजुट हो कर गांव में स्थित इस मस्जिद की देख-रेख करते हैं.
गांव वाले हर गुरुवार को मस्जिद जाते हैं. दीया जलाकर आस्था प्रकट करते हैं. इसके अलावा मस्जिद में एक वार्षिक मेले का भी आयोजन किया जाता है. गांव वालों का कहना है कि उनके लिए मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारे सभी एक समान हैं.
गौरतलब है कि, हेदॉन बेट लुधियाना के मछीवारा कस्बे में आता है. ये मस्जिद भारत-पाक बंटवारे से पहले बनाया गया था. 1947 में आजादी के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग गांव से चले गए. हालांकि, हिंदू-सिख कई वर्षों से यहां रहते आ रहे हैं, सभी लोग स्वेच्छा से मस्जिद की देख-रेख करते हैं.