ETV Bharat / bharat

मणिपुर में भाजपा सरकार पर छाया संकट खत्म, हेमंत सरमा की रही भूमिका

मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार पर छाया संकट खत्म हो गया है. इस मसले को गृहमंत्री अमित शाह ने हेमंत सरमा बिस्वा के साथ मिलकर सुलझा लिया है. मणिपुर संकट को लेकर आज असम के मंत्री हिमंत बिस्वा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. पढ़ें पूरी खबर...

manipur crisis
हेमंत बिस्वा शर्मा और अमित शाह
author img

By

Published : Jun 24, 2020, 9:12 PM IST

Updated : Jun 24, 2020, 9:19 PM IST

नई दिल्ली : मणिपुर में भाजपा सरकार पर छाया संकट टल गया है. नाराज होकर भाजपा की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सहयोगी दल एनपीपी के चारों विधायक मान गए हैं. असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की पहल के बाद दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार की शाम हुई बैठक के बाद यह मामला सुलझा.

मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी के मुखिया कोरनाड संगमा और मणिपुर सरकार में डिप्टी सीएम रहे जय कुमार सिंह के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग में सारी नाराजगी दूर हुई और विधायकों ने फिर से भाजपा की सरकार को समर्थन देने की बात कही. इसी के साथ पूर्वोत्तर के मामलों में हेमंत बिस्वा शर्मा फिर से भाजपा के लिए मिस्टर भरोसेमंद साबित हुए.

असम के मंत्री और नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायन्स (नेडा) के अध्यक्ष हेमंत बिस्वा शर्मा ने मीटिंग सफल होने के बाद ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा और मणिपुर के डिप्टी सीएम जय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनपीपी का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री अमित शाह से मिला. इस दौरान एनपीपी और भाजपा ने मिलकर मणिपुर के विकास के लिए कार्य करने का फैसला किया.

बता दें कि बीते 17 जून को राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मणिपुर भाजपा के तीन विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वहीं सहयोगी दल नेशनल पीपुल्स पार्टी के चारों मंत्रियों ने भी नाराजगी के कारण इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसमें एनपीपी कोटे से डिप्टी सीएम बने जय कुमार सिंह भी शामिल थे. तृणमूल के एक और निर्दलीय विधायक भी बीरेन सिंह सरकार से अलग हो गए थे. कुल नौ विधायकों के बगावत के बाद बीरेन सिंह सरकार पर संकट मंडराने लगा. हालांकि 19 जून को हुए राज्यसभा चुनाव की एक सीट भाजपा जीतने में सफल रही थी. भाजपा उम्मीदवार को 28 वोट हासिल हुए थे, जिससे भाजपा को लगा कि वह इस मुद्दे को सुलझा सकती है.

पढ़ें : सीबीआई ने 332 करोड़ के गबन मामले में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री से की पूछताछ

गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भरोसेमंद असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा को मोर्चे पर लगाया. हेमंत बिस्वा शर्मा ने असंतुष्ट चारों विधायकों से बात करते हुए उन्हें मनाने की कोशिश की.

23 जून को हेमंत बिस्वा शर्मा इंफाल पहुंचे थे. इस दौरान वह विधायकों को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए राजी करने में सफल रहे. चूंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा, एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ऐसे में वह भी अपने विधायकों को मनाने में जुटे रहे. एक रणनीति के तहत दोनों नेता चारों असंतुष्ट विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंचे. बुधवार की शाम साढ़े छह बजे वह गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे. यहां हुई मीटिंग के बाद एनपीपी के चारों असंतुष्ट विधायकों को भाजपा नेता मनाने में सफल रहे.

नई दिल्ली : मणिपुर में भाजपा सरकार पर छाया संकट टल गया है. नाराज होकर भाजपा की सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सहयोगी दल एनपीपी के चारों विधायक मान गए हैं. असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा की पहल के बाद दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बुधवार की शाम हुई बैठक के बाद यह मामला सुलझा.

मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी के मुखिया कोरनाड संगमा और मणिपुर सरकार में डिप्टी सीएम रहे जय कुमार सिंह के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग में सारी नाराजगी दूर हुई और विधायकों ने फिर से भाजपा की सरकार को समर्थन देने की बात कही. इसी के साथ पूर्वोत्तर के मामलों में हेमंत बिस्वा शर्मा फिर से भाजपा के लिए मिस्टर भरोसेमंद साबित हुए.

असम के मंत्री और नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायन्स (नेडा) के अध्यक्ष हेमंत बिस्वा शर्मा ने मीटिंग सफल होने के बाद ट्वीट कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा और मणिपुर के डिप्टी सीएम जय कुमार सिंह के नेतृत्व में एनपीपी का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री अमित शाह से मिला. इस दौरान एनपीपी और भाजपा ने मिलकर मणिपुर के विकास के लिए कार्य करने का फैसला किया.

बता दें कि बीते 17 जून को राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले मणिपुर भाजपा के तीन विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. वहीं सहयोगी दल नेशनल पीपुल्स पार्टी के चारों मंत्रियों ने भी नाराजगी के कारण इस्तीफा देते हुए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. इसमें एनपीपी कोटे से डिप्टी सीएम बने जय कुमार सिंह भी शामिल थे. तृणमूल के एक और निर्दलीय विधायक भी बीरेन सिंह सरकार से अलग हो गए थे. कुल नौ विधायकों के बगावत के बाद बीरेन सिंह सरकार पर संकट मंडराने लगा. हालांकि 19 जून को हुए राज्यसभा चुनाव की एक सीट भाजपा जीतने में सफल रही थी. भाजपा उम्मीदवार को 28 वोट हासिल हुए थे, जिससे भाजपा को लगा कि वह इस मुद्दे को सुलझा सकती है.

पढ़ें : सीबीआई ने 332 करोड़ के गबन मामले में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री से की पूछताछ

गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भरोसेमंद असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा को मोर्चे पर लगाया. हेमंत बिस्वा शर्मा ने असंतुष्ट चारों विधायकों से बात करते हुए उन्हें मनाने की कोशिश की.

23 जून को हेमंत बिस्वा शर्मा इंफाल पहुंचे थे. इस दौरान वह विधायकों को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए राजी करने में सफल रहे. चूंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनाड संगमा, एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ऐसे में वह भी अपने विधायकों को मनाने में जुटे रहे. एक रणनीति के तहत दोनों नेता चारों असंतुष्ट विधायकों को लेकर दिल्ली पहुंचे. बुधवार की शाम साढ़े छह बजे वह गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे. यहां हुई मीटिंग के बाद एनपीपी के चारों असंतुष्ट विधायकों को भाजपा नेता मनाने में सफल रहे.

Last Updated : Jun 24, 2020, 9:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.