ETV Bharat / bharat

हिमाचल प्रदेश : प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में नंबर वन, 10 हजार टन प्लास्टिक फैक्ट्रियों में भेजा

author img

By

Published : Nov 11, 2019, 7:47 PM IST

देश में अब तक 10 हजार टन प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्रियों को भेजा गया है. वर्ष 1995 में एक एक्ट पास किया गया था, जिससे प्लास्टिक से बनी चीजों को रेगुलेट किया जा सके. इसके बाद हिमाचल ने लगातार प्लास्टिक वेस्ट की रेगुलेशन का काम किया, जो कि पोलीथीन बैग से शुरू हुआ, उसके बाद सिंगल यूज कटलरी को बैन किया गया.

डिजाइन फोटो

धर्मशाला: देवभूमि हिमाचल प्रदेश प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में लीडर है. अब इसी हिमाचल में पारंपरिक पत्तल-डूने बनाने वालों को प्रमोट किया जा रहा है. कॉरपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी के तहत पत्तल व डूने बनाने की मशीनें इस कारोबार से जुड़े लोगों को दी जा रही है.

प्रदेश में अब तक 10 हजार टन प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्रियों मेंल ईंधन के इस्तेमाल के लिए भेजा गया है. जानकारी के अनुसार फूड सर्विंग और ईटिंग में पॉलिथीन और थर्मोकाल का प्रयोग हानिकारक है, ऐसे में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी की है, जिसके तहत पॉलिथीन और थर्मोकाल का प्रयोग बंद कर दिया गया है. धर्मशाला में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में एन्वायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने एक प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसका थीम प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट था.

देखें वीडियो

हिमाचल इस क्षेत्र इस फील्ड में लीडर है. वर्ष 1995 में एक एक्ट पास किया गया था, जिससे प्लास्टिक से बनी चीजों को रेगुलेट किया जा सके. इसके बाद हिमाचल ने लगातार प्लास्टिक वेस्ट की रेगुलेशन का काम किया गया. ये पॉलिथीन बैग से शुरू हुआ, उसके बाद सिंगल यूज कटलरी को भी बैन किया गया.

उत्तराखंडः IIP के वैज्ञानिकों ने किया कमाल, रसोई के तेल से दौड़ेंगी गाड़ियां

इसी के साथ वेस्ट प्लास्टिक के प्रयोग और साइंटिफिक तरीके से डिस्पोज ऑफ के तरीके पर काम किया गया. यही कारण था कि 10 हजार टन प्लास्टिक वेस्ट सीमेंट फैक्ट्रियों में गया है और कटलरी को बैन किया जा रहा है.

एन्वायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डीसी राणा ने कहा कि हिमाचल प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में लीडर है. हिमाचल में पारंपरिक पत्तल-डूनों का इस्तेमाल किया जाता है. पत्तल-डूने के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी प्रोगाम के तहत पत्तल-डूने बनाने की मशीने इस कारोबार से जुड़े लोगों को दी जा रही है.

बता दें कि सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी की है. इसके मुताबिक पॉलिथीन व थर्माकोल का प्रयोग फूड सर्विंग और फूड ईटिंग के लिए यूज नहीं होगा, यह नोटिफिकेशन जनवरी से लागू हो जाएगी.

धर्मशाला: देवभूमि हिमाचल प्रदेश प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में लीडर है. अब इसी हिमाचल में पारंपरिक पत्तल-डूने बनाने वालों को प्रमोट किया जा रहा है. कॉरपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी के तहत पत्तल व डूने बनाने की मशीनें इस कारोबार से जुड़े लोगों को दी जा रही है.

प्रदेश में अब तक 10 हजार टन प्लास्टिक सीमेंट फैक्ट्रियों मेंल ईंधन के इस्तेमाल के लिए भेजा गया है. जानकारी के अनुसार फूड सर्विंग और ईटिंग में पॉलिथीन और थर्मोकाल का प्रयोग हानिकारक है, ऐसे में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी की है, जिसके तहत पॉलिथीन और थर्मोकाल का प्रयोग बंद कर दिया गया है. धर्मशाला में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में एन्वायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने एक प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसका थीम प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट था.

देखें वीडियो

हिमाचल इस क्षेत्र इस फील्ड में लीडर है. वर्ष 1995 में एक एक्ट पास किया गया था, जिससे प्लास्टिक से बनी चीजों को रेगुलेट किया जा सके. इसके बाद हिमाचल ने लगातार प्लास्टिक वेस्ट की रेगुलेशन का काम किया गया. ये पॉलिथीन बैग से शुरू हुआ, उसके बाद सिंगल यूज कटलरी को भी बैन किया गया.

उत्तराखंडः IIP के वैज्ञानिकों ने किया कमाल, रसोई के तेल से दौड़ेंगी गाड़ियां

इसी के साथ वेस्ट प्लास्टिक के प्रयोग और साइंटिफिक तरीके से डिस्पोज ऑफ के तरीके पर काम किया गया. यही कारण था कि 10 हजार टन प्लास्टिक वेस्ट सीमेंट फैक्ट्रियों में गया है और कटलरी को बैन किया जा रहा है.

एन्वायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डीसी राणा ने कहा कि हिमाचल प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में लीडर है. हिमाचल में पारंपरिक पत्तल-डूनों का इस्तेमाल किया जाता है. पत्तल-डूने के कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी प्रोगाम के तहत पत्तल-डूने बनाने की मशीने इस कारोबार से जुड़े लोगों को दी जा रही है.

बता दें कि सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी की है. इसके मुताबिक पॉलिथीन व थर्माकोल का प्रयोग फूड सर्विंग और फूड ईटिंग के लिए यूज नहीं होगा, यह नोटिफिकेशन जनवरी से लागू हो जाएगी.

Intro:धर्मशाला- देवभूमि हिमाचल प्रदेश प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में लीडर है। अब इसी हिमाचल में पारंपरिक  पत्तल-डुने बनाने वालों को प्रमोट किया जा रहा है। इस तरह की मशीनें कारपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी में उन लोगों को दी जा रही हैं, जो पत्तल व डुने बनाने का काम करते हैं।
प्रदेश में अब तक 10 हजार टन प्लास्टिक  सीमेंट फैक्ट्रियों को भेजा गया है। जानकारी के अनुसार फूड सर्विंग और इटिंग में पोलीथीन और थर्मोकाल का प्रयोग हानिकारक है, ऐसे में सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी की है, जिसके तहत जनवरी माह से पोलीथीन और थर्मोकाल का प्रयोग नहीं हो पाएगा। धर्मशाला में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में एन्वायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा एक प्रदर्शनी लगाई गई थी, जिसका थीम प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट था। 





Body:वही हिमाचल इस क्षेत्र इस फील्ड में लीडर है। वर्ष 1995 में एक एक्ट पास किया गया था, जिससे कि प्लास्टिक से बनी चीजों को रेगुलेट किया जा सके। इसके बाद हिमाचल ने लगातार प्लास्टिक वेस्ट की रेगुलेशन का काम किया, जो कि पोलीथीन बैग से शुरू हुआ, उसके बाद सिंगल ल्यूस कटलरी है, उसे बैन किया। इसी के साथ जो प्लास्टिक उपलब्ध है उसे कैसे प्रयोग में लाया जा सके और साइंटिफिक तरीके से डिस्पोज आफ किया जा सके, उस पर काम हुआ है। यही कारण था कि 10 हजार टन के लगभग प्लास्टिक वेस्ट सीमेंट फैक्टरीज में गया है और कटलरी को बैन दिया जा रहा है प्लास्टिक को तो, ऐसे में पत्तल व डुना जो पारंपरिक तरीके से लोग यहां बनाते थे, उन्हें प्रमोट करते हुए इस तरह की मशीनें कारपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी में उन लोगों को दी जा रही हैं।





Conclusion:वही डीसी राणा, डायरेक्टर, एन्वायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग ने जानकारी दी कि हिमाचल प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट में लीडर है। हिमाचल में पारंपरिक  पत्तल-डुने बनाने वालों को प्रमोट किया जा रहा है। इस तरह की मशीनें कारपोरेट एन्वायरमेंट रिस्पांसबिलिटी में उन लोगों को दी जा रही हैं, जो पत्तल व डुने बनाने का काम करते हैं। प्रदेश में अब तक 10 हजार टन प्लास्टिक  सीमेंट फैक्ट्रियों को भेजा गया है। सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी की है, पोलीथीन व थर्माकोल का प्रयोग फूड सर्विंग और फूड इटिंग के लिए यूज नहीं होगा, यह नोटिफिकेशन जनवरी से लागू हो जाएगी। इनका विकल्प क्या होगा, यह मार्केट डिसाइड करेगी आने वाले समय में। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.